गूगल लव स्टोरी क्या होती है? - googal lav storee kya hotee hai?

गूगल लव स्टोरी क्या होती है? - googal lav storee kya hotee hai?

प्यार दुनिया का वो तोफा हैं जिससे जिंदगी हसीन हो जाती हैं ,प्यार होने के बाद एक अलग ही फ़ीलिंग आती हैं। उस वक़्त हम सब कुछ भूल कर बस उस इंसान के बारे में ही सोचते रहते हैं। ऐसी ही एक दिल को छू जाने वाली लव स्टोरी आपको सुनाने जा रहा हू मैं :-

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एक बार एक लड़के और एक लड़की की फ़ेसबुक पर दोस्ती हुई। इस दोस्ती की ख़ास बात ये थीं कि लड़की ने एक बार एक लड़के और एक लड़की की फ़ेसबुक पर दोस्ती हुई।

इस दोस्ती की ख़ास बात ये थीं कि लड़की ने लड़के को देखा हुआ था। पर लड़के ने कभी भी लड़की को नहीं देखा था। दोनों एक ही शेहर में रहते थे। पर मुलाकात नहीं हुए थीं कभी, बस ऑनलाइन ही फ़्रेंडशिप थीं।

धीरे-धीरे दोनो को एक दूसरे से प्यार हो गया। जैसा कि लड़के और लड़की की दोस्ती में हो ही जाता हैं।

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दोनों एक दूसरे से बहुत मोहब्बत करते थे। रोज़ घंटो घंटो तक दोनों चैटिंग हुआ करती थीं।

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फिर दोनों ने सोचा की अब इस प्यार को अब कोई शक्ल भी देनी चाहिए तो दोनो ने मिलने का फैसला किया।

दोनों ने ते किया कि कल शाम के 4 बजे वो पार्क में मिलेंगे।

लड़के ने पूछा कि मैं तुम्हे कैसे पेहचानुगा??

तो लड़की ने कहा की मैं पिंक ड्रेस में आऊँगी और मेरे हाँथ में एक सफ़ेद गुलाब होगा।

लड़का अगले दिन शाम को बहुत खुशी-खुशी उस लड़की से मिलने गया। वहाँ पहुँच कर उसने जो देखा तो वो चौक गया।

वहाँ एक मोटी बदसूरत औरत खड़ी थीं , पिंक ड्रेस में जिसके हाँथ में एक सफेद गुलाब था।

उम्र भी उसका ज्यादा थीं उस लड़के से

लेक़िन लड़के ने वो सारी प्यार भरी बाते याद की और आगे बढ़ कर उस लड़की के पास पास जाकर बोला- I LOVE YOU ❤️

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और कहा में ही तुम्हरा वो फ्रेंड हूँ जिससे मिलने तुम यहाँ आई हो।

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यह सुनकर उस लड़की ने मुस्कुरा कर कहा कि मैं वो नहीं हूँ जिसे तुम मिलने आए हो। तुम्हारी गर्लफ्रैंड तो उधर पेड़ के नीचे खड़ी हैं। फिर उस औरत ने उस लड़की को आवाज देकर बुलाया।

लड़की ने आती ही पूछा क्या अगर तुम इतना ही प्यार करते अगर जिसे तुमने चाहा वो ये लड़की होती तो ?? इसका जवाब उस लड़की ने दिया की हैं, इस लड़के ने देखा दिया कि ये सच्चा प्यार करता हैं तुमसे

वरना ये मुझे देख कर यहाँ से ये वापस भी जा सकता था। क्योंकि में तो उसे पहचानती भी नहीं थीं।

लड़के ने भी कहा मैंने तुमसे मोहब्बत की हैं , तुम्हें अपने ख्वाबो में सजया हैं। हर पल तुम्हारी मीठी बातों की महसूस किया हैं उसकी खुशबू को दिल में सजया हैं।

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महसूस किया हैं...... और इस सब में तुम्हारी कोई तस्वीर तो नहीं थीं। मैं तो बस इन जनता हुआ कि मैंने तुमसे प्यार किया हैं तो किया हैं।

चाहें जो भी हो.................।

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लड़की ये सुनकर उस लड़के की गले लग गई.....उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे, क्योंकि उससे यह सच्चा प्यार करने वाला साथी जो मिल गया था।

Love ❤️ IS BLIND

दोस्तों प्यार अंधा होता हैं, इसे करने के लिए किसी साफ़ इंसान की नहीं बल्कि साफ़ दिल कि जरूत होता हैं।

दोस्तों अगर ये कहानी आपको अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तो को शेयर जरूर करे।

लोग कहते हैं कि केवल प्यार ही एक चीज हैं जिसको कोई अलग नहीं कर सकता है।

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आसान नहीं होता प्यार करना , बहुत किस्मत वाले वे लोग होते हैं जिनको अपना प्यार मिल पाता हैं। नहीं तो पूरी जिंदगी दर्द के सेवा कुछ नही देती ये मोहब्बत कैसी लगी कहानी हमे आप अपने कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं । ऐसे ही मज़ेदार ओर दर्द भरी कहानी सुनने के लिए हमे फॉलो ओर comment करे - आपका होस्ट - आर्यन यादव (notalk.in)

इस आलेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।  यदि आप लोगों के पास कोई सुझाव है तो कृपया साझा करें और किसी भी प्रश्न को पूछने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।  एक बार धन्यवाद।

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ओमप्रकाश तिवारी

टाइपिंग कोचिंग सेंटर में विजय का पहला दिन था। वह अपनी सीट पर बैठा टाइप सीखने के लिए नियमावली पुस्तिका पढ़ रहा था। तभी उसकी निगाह अपने केबिन के गेट की तरफ गई। कजरारे नयनों वाली एक साँवली लड़की उसकी केबिन में आ रही थी।


लड़की उसकी बगल वाली सीट पर आकर बैठ गई। टाइपराइटर को ठीक किया और टाइप करने में मशगूल हो गई। विजय का मन टाइप करने में नहीं लगा। वह किसी भी हालत में लड़की से बातें करना चाह रहा था। वह टाइपराइटर पर कागज लगाकर बैठ गया और लड़की को देखने लगा। लड़की की अँगुलियाँ टाइपराइटर के कीबोर्ड पर ऐसे पड़ रही थीं जैसे हारमोनियम बजा रही हो।

क्या देख रहे हो? 'थोड़ी देर बाद लड़की गुस्से से बोली।

आपको टाइप करते हुए देख रहा हूँ।

यहाँ क्या करने आए हो?

ऐसे सीखोगे? लड़की के स्वर में तल्खी बरकरार थी।

मेरा आज पहला‍ दिन है, इसलिए मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है। आप टाइप कर रही थीं तो मैं देखने लगा कि आपकी अँगुलियाँ कैसे पड़ती हैं कीबोर्ड पर। आपको टाइप करते देखकर लगा मैं भी सीख जाऊँगा।

यदि इसी तरह मुझे ही देखते रहे तो आपकी यह मनोकामना कभी पूरी नहीं होगी।'

लड़की फिर टाइप करने में जुट गई। विजय भी कीबोर्ड देखकर टाइप करने लगा। टाइप करने में उसका मन नहीं लग रहा था। वे बेचैनी-सी महसूस कर रहा था। दस मिनट बाद ही उसने टाइपराइटर का रिबन फँसा दिया।

'रिबन तो फँसेगा ही जब ध्यान कहीं और होगा...।'

लड़की उसके टाइपराइटर को थोड़ा अपनी ओर खींचकर रिबन ठीक करने लगी। इसी बीच रिबन नीचे गिर गया। वह उसे उठाने के लिए झुकी तो उसके गले से चुन्नी गिर गई। रिबन उठाने के‍ लिए विजय भी झुका था। उसकी निगाह अकस्मात ही लड़की के उरोजों पर चली गई। वह सकपका गया।

'लो, ठीक हो गया।' लड़की ने कहा त उसकी चेतना लौटी। लड़की फिर टाइप करने में लग गई, लेकिन विजय का मन टाइप में नहीं लगा। वह लड़की से बात करने की ताक में ही लगा रहा।

'मन नहीं लग रहा है?' अचानक लड़की ने उससे पूछा तो बाँछें खिल गईं।

'लगता है कि सीख भी नहीं पाऊँगा।'

आसार तो कुछ ऐसे ही दिखते हैं।

आपका नाम? विजय ने बात को बढ़ाने के लिए सवाल कर दिया।

सरिता।

अच्छा नाम है।

लेकिन मुझे इस नाम से नफरत है।

क्यों?

कोई एक कारण हो तो बताएँ। यह कहते हुए सरिता अपनी सीट से उठी और पर्स कंधे पर टाँगते हुए केबिन से बाहर निकल गई। विजय उसे जाते हुए देखता रहा। उसके जाने के बाद उसने टाइपराइटर पर डाली। टाइपराइटर उसे उदास लगा।

और दुनिया बदल गई

इसी दिन से विजय हवा में उड़ने लगा। रातों को छत पर घूमने लगा। तारे गिनता और उनसे बातें करता। चाँदनी रात में बैठकर कविताएँ लिखता। गर्मी की धूप उसे गुनगुनी लगने लगी। दुनिया गुलाबी हो गई तो जिंदगी गुलाब का फूल। आँखों से नींद गायब हो गई। वह ख्‍यालों ही ख्‍यालों में पैदल ही कई-कई किलोमीटर घूम आता।

अपनी इस स्थिति के बारे में उसने अपने एक दोस्त को बताया तो उसने कहाँ 'गुरु तुम्हें प्यार हो गया है।' दोस्त की बात सुनकर उसे अच्छा लगा।

अगले दिन विजय ने सरिता से कहा कि आप पर एक कविता लिखी है। चाहता हूँ कि आप इसे पढ़ें।

'यह भी खूब रही। जान न पहचान। तू मेरा मेहमान। कितना जानते हैं आप मुझे?'

जो भी जानता हूँ उसी आधार पर लिखा हूँ।

सरिता उसकी लिखी कविता पढ़ने लगी।

सरिता,

कल-कल करके बहने वाली जलधारा

लोगों की प्यास बुझाती

किसानों के खेतों को सींचती

राह में आती हैं बहुत बाधा

फिर भी मिलती है सागर से

उसके प्रेम में सागर

साहिल पर पटकता है सिर

उनके प्रेम की प्रगाढ़ता का प्रमाण

पूर्णमासी की रात में

उठने वाला ज्वार-भाटा

सरिता है तो सागर है

सरिता के बिना रेगिस्तान हो जाएगा सागर

सागर के प्रेम में

सरिता लाँघती है पहाड़, पठार

और मानव निर्मित बाधाओं को