मध्यप्रदेश का लोकसाहित्य MP Ka Lok Sahityaमध्यप्रदेश के लोकसाहित्य को समझने के पहले यह जान लेना जरूरी है कि लोकसाहित्य क्या होता है। Show
मध्यप्रदेश के लोकसाहित्य को हम मालवा के लोकसाहित्य, निमाड़ का लोकसाहित्य, बुँदेलखंड का लोकसाहित्य के रूप में अध्ययन करेंगे। लोकसाहित्य क्या होता है
लोकसाहित्य का वर्गीकरणलोकसाहित्य को अध्ययन की दृष्टि से कई उपखंडो में वर्गीकरण कर सकते हैं।
लोकगीत
लोकनाट्य
मध्यप्रदेश का लोकसाहित्यमालवा का लोकसाहित्यनिमाड़ का लोकसाहित्यबुँदेलखंड का लोकसाहित्यमध्य प्रदेश के लोक साहित्य कौन कौन से हैं?लोकसाहित्य का वर्गीकरण. लोकगीत. लोकनाट्य. लोककथा. लोकनृत्य नाट्य. लोकसंगीत. लोक साहित्य कितने प्रकार के होते हैं?डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय ने इन दोनों का पृथक-पृथक अस्तित्व स्वीकार करते हुए लोक साहित्य को चार रूपों में बांटा है एक-गीत, दूसरा-लोकगाथा, तीसरा-लोककथा तथा चौथा-प्रकीर्ण साहित्य जिसमें अवशिष्ट समस्त लोकाभिव्यक्ति का समावेश कर लिया गया है।
लोक साहित्य क्या है इसके विभिन्न भेद बताइए?लोक सहित्य का अभिप्राय उस साहित्य से है जिसकी रचना लोक करता है। लोक-साहित्य उतना ही प्राचीन है जितना कि मानव, इसलिए उसमें जन-जीवन की प्रत्येक अवस्था, प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक समय और प्रकृति सभी कुछ समाहित है। साधारण जनता से संबंधित साहित्य को लोकसाहित्य कहना चाहिए।
लोक साहित्य के अंतर्गत कितनी विधाएं आती है?(6) लोक साहित्य के विषय के अंतर्गत आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, पौराणिक, नैतिक तथा भाषा शास्त्रीय आते है। लोकगीत लोकमानस से उपजता है। लोकगीत पारंपरिक मानव सभ्यता और संस्कृति का वर्णन किया जाता है। पृ.
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