मस्तिष्क की सोचने की क्षमता कितनी होती है? - mastishk kee sochane kee kshamata kitanee hotee hai?

क्या आप जानते हैं कि मानव मस्तिष्क में कितनी अद्भुत शक्तियां और असीमित क्षमताएं मौजूद हैं। शायद नहीं जानते होंगे खैर कोई बात नहीं। इस लेख में हमने human brain के powers और capabilities के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

मस्तिष्क की सोचने की क्षमता कितनी होती है? - mastishk kee sochane kee kshamata kitanee hotee hai?
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Table of Contents

  • Human Brain power in Hindi – मानव मस्तिष्क की शक्तियां
    • मनुष्य का दिमाग कितने जीबी का होता है?
      • इंसान के दिमाग में कितनी शक्ति होती है?
      • इंसान का दिमाग कैसे काम करता है?
        • मानव मस्तिष्क की क्षमताएं कितनी होती है?
          • इंसान का दिमाग कितने परसेंट काम करता है?
  • power of human brain in hindi- YouTube video

Human Brain power in Hindi – मानव मस्तिष्क की शक्तियां

हम इंसान शुरू शुरू में इस धरती पर आएं थे तो‌ हम बिल्कुल एक जानवर की जैसे थे। डरे हुए, सहमे हुए, कमजोर जानवर। हमारे पास ना खाने के लिए भोजन था, ना पहनने के लिए कपड़े थे और ना रहने के लिए घर। लेकिन आज देखिए वक्त कितना बदल चुका है। आज हम जानवर से एक खुबसूरत इंसान में बदल चुके हैं। हमारे पास पहनने के लिए इतने डिजाइन के कपड़े है। खाने के लिए इतनी बेहतरीन चीजें हैं और रहने के लिए ऐसे ऐसे घर है। जिसे देखकर देवताओं की भी आंखें चौंधिया रही होंगी। तो आखिर इतना बड़ा बदलाव हुआ कैसे। किसने किया यह सब। आइए आज जानने की कोशिश करते हैं।

हमारे शरीर के सबसे ऊपरी हिस्से में एक छोटा सा अंग है। लगभग सौ अरब न्यूरॉन्स से मिल कर बनी हुई यह अद्भुत चीज।कुदरत की सबसे शक्तिशाली और जटिल रचना है। यह अपने आप में यह एक ऐसी रहस्यमय दुनिया है। जिसे आज तक कोई भी इंसान पूरी तरह समझ नहीं सका है। जी हां हम बात कर रहे हैं ह्यूमन ब्रेन यानी मानव मस्तिष्क की। ये गगन को छुती हुई इमारतें, ये हवा में उड़ते हुए विमान और आपके हाथ में मौजूद यह चमत्कारी डिवाइस। यह सब इसी ब्रेन का कमाल है।

मनुष्य का दिमाग कितने जीबी का होता है?

। Human brain बिल्कुल आज के जमाने के कंप्यूटर के जैसे काम करता है लेकिन एक कंप्यूटर के मुकाबले हमारे दिमाग की मेमोरी पावर बहुत ज्यादा होती है। होती हैं। एक अमेरिकी मैगजीन में छपे एक लेख के अनुसार, मानव मस्तिष्क की मेमोरी क्षमता लगभग 2.5 पेटाबाइट के बराबर होती है। एक पेटाबाइट ” (PB) 1024 टेराबाइट्स या एक मिलियन गीगाबाइट के बराबर होता है। इसके अनुसार मानव मस्तिष्क में 2.5 मिलियन जीबी (GB) डिजिटल मेमोरी के बराबर स्टोर करने की क्षमता होती है। अर्थात हमारे दिमाग की मेमोरी क्षमता शशंअसीमित होती है। जो कभी भी फुल नहीं हो सकती।

इंसान के दिमाग में कितनी शक्ति होती है?

दोस्तों हमारा दिमाग इतना स्मार्ट और इंटेलिजेंट है कि दुनिया की कोई भी कंप्यूटर इसकी बराबरी नहीं कर सकती। आपने सुना होगा कि हमारे बॉडी में पांच सेंसेस यानी पांच इंद्रियां होती है लेकिन आपको बता दूं कि हमारे बाडी में इन पांचों सेंसेस के अलावा और भी कई सेंसेस होती है। जैसे सिक्स सेंस। कहा जाता है कि हमारे सिक्स सेंस के भीतर अनगिनत अद्भुत और अलौकिक शक्तियां विद्यमान हैं। यदि उन शक्तियों को जागृत कर लिया जाए तो कई चमत्कारी सिद्धियां हासिल की जा सकती है। जैसे- किसी के दिमाग को पढ़ लेना, किसी को सम्मोहित कर लेना या भूत या भविष्य में घटने वाली घटनाओं को स्पष्ट देख लेना। आपने चेतन और अवचेतन के बारे में तो सुना ही होगा। चेतन मन हमारे दैनिक जीवन के 10% सतही कायों को अंजाम देता है। परंतु हमारा अवचेतन मन हमारे शरीर के भीतर होने वाली 90% गतिविधियों को संचालित करता है। यह हमारे जीवन में होने वाली तमाम घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। यह एक ऐसा खजाना है जिसमें हमारे जीवन की सभी समस्योओं का हल छुपा हुआ है। हम जिस चीज की कल्पना करते हैं। यह उसे हकीकत में बदल देता है। इसकी मदद से हम दौलत, शोहरत, सम्मान, आत्मविश्वास, सुख, शांति सब कुछ हासिल कर सकते हैं। यह हमारे ब्रेन की एक ऐसी अनोखी शक्ति है। जिसकी मदद से हम हर असम्भव काम को सम्भव कर सकते हैं।

इंसान का दिमाग कैसे काम करता है?

हमारा ब्रेन इन सेसेंस के द्वारा नालेज और इन्फोर्मेशन कलेक्ट करता रहता है और अपने मेमोरी यानी मांइंड में सेव करता रहता है। फिर फ्यूचर में जब कभी भी हमें किसी इंफोर्मेशन की जरूरत पड़ती है तो यह सेकेंडों के भीतर खोल कर सामने रख देता है। एक रिसर्च से पता चला है कि हमारा दिमाग 432 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलता है। तो अब आप सोच सकते हैं कि हमारा दिमाग कितनी तेजी से रिएक्ट करता है। इसके अलावा हमारे दिमाग में आटोमेटिक रूप से सोचने-समझने और सीखने की क्षमता मौजूद होती है। एक स्वस्थ और विकसित दिमाग खुद से कोई भी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह सक्षम है। बशर्ते इसकी मेमोरी यानी मन के अंदर सही नालेज और इन्फोर्मेशन डाली जाए। यदि आप अपने मन में गलत इंफोर्मेशन डालेंगे या गलत चीजें सिखाएंगे तो यह गलत निर्णय भी ले सकता है। यानी आप इसको जैसे यूज करेंगे। यह रिजल्ट भी वैसे ही देगा।

मानव मस्तिष्क की क्षमताएं कितनी होती है?

वैसे तो हमारा ब्रेन प्रकृति का ही एक अंग है परंतु यह प्रकृति की एकमात्र ऐसी रचना है। जिसमें प्रकृति को भी प्रभावित करने की क्षमता होती है। इसका मतलब समझे आप। इसका मतलब है कि हमारा ब्रेन इतना शक्तिशाली है कि यह ईश्वर द्वारा की गई किसी भी रचना को अपने हिसाब से विकसित कर सकता है और विध्वंस भी कर सकता है। आज इंसानी दिमाग ने टेक्नोलॉजी और सांइस के द्वारा ऐसी-ऐसी असाधारण रचनाएं कर डाली है। जो इस तथ्य को साबित भी करती हैं ये मोबाइल, टीवी, इंटरनेट, राकेट और मेडिकल साइंस सहित अब तक इंसान ने जितने भी छोटे बड़े अविष्कार किए हैं। वह सब हमारे इसी इंसानी दिमाग का कमाल है।

इंसान का दिमाग कितने परसेंट काम करता है?

वैज्ञानिक कहते हैं कि इंसान अभी तक अपने ब्रेन का केवल 20% हिस्सा ही यूज कर पाया है। 20% हिस्से का मतलब है कि जितनी हमारे ब्रेन की क्षमता है। इसके भीतर जितनी संभावनाएं हैं। उसका केवल 20% ही हम युज करते हैं। एक साधारण इंसान तो अपने ब्रेन का केवल 10% हिस्सा ही यूज कर पाता है। एक साधारण और असाधारण इंसान में बस इतना ही फर्क होता है कि साधारण इंसान केवल अपने और अपने परिवार की जरूरतों और इच्छाओं की पूर्ति के लिए सही अपने ब्रेन को यूज करता है। जिसके लिए 10% ही काफी है। और एक असाधारण इंसान किसी महान उद्देश्य के अपने ब्रेन को यूज करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अपने ब्रेन पावर को पुरे फोकस के साथ सही और निश्चित दिशा में यूज करता है। इसलिए वह नई नई चीजों की खोज कर पाता है या नई नई चीजों की रचना कर पाता है।

उदाहरण के तौर पर अभी इस दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े कवि, लेखक, गीतकार, संगीतकार, चित्रकार, कलाकार और खिलाड़ी हैं। जिन्होंने अपने अपने फील्ड में सफलता और उपलब्धि के शिखर को छुआ है। हमारा मानना है कि ये लोग भी जरूर अपने ब्रेन को 20% तक यूज करते होंगे। इसके अलावा हमारे इतिहास में स्वामी विवेकानंद, रामानुजन, लियोनार्दो दा विंची, निकोला टेस्ला, न्यूटन, एडिसन और स्टीफेन हाकिंग जैसे हजारों महापुरुषों की गाथाएं लिखी हुई है। जिन्होंने अपने ब्रेन का 20% से लेकर 50% तक हिस्सा यूज किया था। तो अब यहां पर एक सवाल और भी उठता है कि क्या हम अपने ब्रेन को इससे ‍ full potential तक‌ यानी 100% तक use कर सकते हैं? और यदि कर सकते हैं तो हम अपने दिमाग का 100% उपयोग कैसे करें। हमने इन दोनों सवालों के जबाव ढुंढने के लिए अपने स्तर पर स्टडी और रिसर्च शुरू कर दिया है और संभवतः अगले पोस्ट में हम इन दोनों सवालों का जवाब जरूर देंगे। यदि आप इस विषय पर अपने विचार या प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहते है तो कृपया नीचे कमेंट जरुर करें। धन्यवाद 🙏

हमारी सोचने की क्षमता कितनी होती है?

Human Brain Interesting Facts: हमारा दिमाग अपने सोचने और विचार करने की क्षमता की वजह से ही तमाम पहेलियां सुलझा पाया है. इंसानी दिमाग में एक दिन में 50 से 70 हजार तक विचार पैदा हो सकते हैं.

मानव मस्तिष्क कितना शक्तिशाली है?

मानव मस्तिष्क सबसे जटिल संरचनाओं में से एक है। ऐसे समझा जाए अगर तो जितना ब्रह्मांड के बारे में जानते हैं उससे 10 गुना कम हम अपने मस्तिष्क के बारे में जानते हैं। कई ऐसे उपलक्ष पर या देखा गया है कि इंसान अपने मस्तिष्क की क्षमता के आधार पर अविश्वसनीय कार्य कर देता है।

मनुष्य का दिमाग कितना प्रतिशत काम करता है?

असली बात यह है कि हमारा दिमाग 100 प्रतिशत ही काम करता है, जिसमें 90 प्रतिशत 'ग्लियल कोशिकाएं', 10 प्रतिशत बची 'न्यूरॉन्स' कोशिकाओं को शक्ति प्रदान करतीं हैं, परन्तु लोगों को लगा की 10 प्रतिशत कोशिकाएं, जिनको 'न्यूरॉन्स कहते हैं, वही हमारे दिमाग का वो 10 प्रतिशत हिस्सा है, जो काम करता है।

एक दिन में कितने विचार दिमाग में आते हैं?

रोजाना इंसान के दिमाग में 6000 विचार आते हैं, इनमें से 80 फीसदी नकारात्‍मक होते हैं. इंसान के दिमाग में रोजाना 6 हजार विचार आते हैं. इनमें से 80 फीसदी यानी 4800 विचार नकारात्मक (Negative Thought) होते हैं.