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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 7 > Hindi > Chapter > नीलकंठ > मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर र... लिखित उत्तर Solution : नीली गर्दन होने के कारण मोर का नाम नीलकंठ और मोरनी हमेशा छाया के समान उसके साथ-साथ लगी रहती थी इस कारण उसका नाम राधा रखा गया था।
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ने जब यह मंद स्वर सुना तो वह झट से अपने पंखों को समेटता हुआ झूले से नीचे आ गया। उसने सावधानी से साँप के फन के पास पंजों से दबाया और फिर अपनी चोंच से इतने प्रहार उस पर किए कि वह अधमरा हो गया और फन की पकड़ ढीली होते ही खरगोश का बच्चा मुख से निकल आया। इस प्रकार नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से बचाया। भाषा की बात 1. 'रूप' शब्द से 'कुरूप', 'स्वरूप', 'बहुरूप' आदि शब्द
बनते हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों से अन्य शब्द बनाओ - उत्तर गंध - सुगंध, दुर्गन्ध, गंधक, गंधहीन। 2. नीचे दिए गए शब्दों के संधि विग्रह कीजिए
उत्तर
पाठ में वापिस जाएँ मोर मोरनी के नाम क्या थे?मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर र... Solution : नीली गर्दन होने के कारण मोर का नाम नीलकंठ और मोरनी हमेशा छाया के समान उसके साथ-साथ लगी रहती थी इस कारण उसका नाम राधा रखा गया था।
मोर का नाम नीलकंठ और मोरनी का नाम राधा क्यों रखा गया?उत्तर:- नीलाभ ग्रीवा अर्थात् नीली गर्दन के कारण मोर का नाम रखा गया नीलकंठ व मोरनी सदा उसकी छाया के समान उसके साथ रहने के कारण उसका नाम राधा रखा गया।
लेखिका मोर मोरनी का नाम क्या रखी थी?1. मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर रखे गए? नीली गर्दन होने के कारण मोर का नाम नीलकंठ रखा गया और मोरनी सदा मोर की छाया के समान उसके साथ रहती इसलिए उसका नाम राधा रखा गया।
दूसरी मोरनी का नाम क्या था?उत्तर: 'इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा। ' यह वाक्य उस घटना की ओर संकेत करता है जब लेखिका बड़े मियाँ की दुकान से एक घायल मोरनी को अपने घर ले आई। उस मोरनी का नाम कुब्जा रखा गया। उसका स्वभाव ईर्ष्यालु होने के कारण उसे राधा और नीलकंठ का साथ रहना पसंद नहीं था।
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