क्योंकि उन्होंने उत्तरजीविता (survival) के लिए उन खतरों और चुनौतियों का सामना नहीं किया जो हमारे पूर्वजों को झेलनी पड़ीं. वे उस प्रकार से उस दिशा व दशा में नहीं ढले जिनमें हम ढले. यह अच्छा भी हुआ और बुरा भी. हमारे प्यारे कज़िन ओरांगउटान और बोनोबोस सुख-शांति से प्रेम से एक-दूसरे के साथ रहते हैं लेकिन वे चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह कभी भी नहीं छोड़ सकेंगे. (featured image) Show
दोस्तों दुनिया में आज विज्ञान ने कितनी भी तरक्की कर ली है लेकिन आज तक विज्ञान ये पता नहीं कर सका है की इस संसार को किसने बनाया है । इसको जानने के लिए हमने विज्ञान और धार्मिक पुस्तकों द्वारा खोजे गए तथ्य देखे लेकिन आखिर पूरी सच्चाई क्या है ये जानना जरुरी है। #1.किसने बनाया मनुष्य कोimage source हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सभी लोग ये मानते है की संसार का निर्माण ईश्वर ने किया है। लेकिन ये सवाल सबके मन में आता है की किस तरह मनुष्य जाति का जन्म हुआ और कैसे इस जाति ने धरती पर रहन सहन का तरीका बनाया। आखिर वो कौन था जो इस मानव जाति को इस संसार में ले कर आया। #2. कौन था संसार का पहला मानवimage source आज लोगों के मन ये सवाल सबसे पहले आता है की आखिर इस धरती पर पहला मनुष्य कौन था। और उसका निर्माण करने वाला कौन था। वो इस धरती पर किस समय आया ये सभी सवाल है जो मनुष्य जानना चाहता है। क्योकि इस मनुष्य जाति का आधार वही इंसान है जिसकी वजह इस इस विशाल जाति का धरती पर निर्माण हुआ #3. क्या कहते है पुराणimage source हिन्दू धर्म के अनुसार इस धरती सबसे पहले जन्म लेने वाले इंसान का का नाम "मनु"था। और पश्चिमी सभ्यता के अनुसार माने तो "एडेम" इस दुनिया में आने वाला पहला मनुष्य है। इसके बाद ही संसार में मनुष्य जाति आरंभ हुई। सवाल फिर उठता है है इसने बनाने वाला कौन था ? #4. पुराण में मनुimage source एक पौराणिक कथा के अनुसार मनु की रचना भगवान ब्रह्मा के द्वारा हुई थी। ऐसा माना जाता है की संसार की रचना के लिए ब्रह्मा जी दो मनुस्यों का निर्माण किया जिसमे एक स्त्री और एक पुरुष। संसार को आगे बढ़ाने के लिए ब्रह्मा जी के लिए ये जरुरी था की पुरूष के साथ स्त्री का निर्माण करे। #5. ब्रह्मा द्वारा हुई रचनाimage source ब्रह्मा जी के द्वारा बनाये गए पुरूष थे मनु और स्त्री का नाम था शतरूपा । आज संसार में जितने भी मनुष्य है सब मनु से उत्पन्न हुए है। और ऐसा माने तो संसार की रचना करने वाले भगवान ब्रह्मा ही हमारे पूर्वज है। #6. मनु से बना मानवimage source इस संसार में आने वाला प्रथम मनुष्य था मनु, इसलिए इस जाति का नाम मनु पड़ गया। संस्कृत भाषा में इसे मनुष्य कहा जाने लगा और और अंग्रेजी में इसे "Man" । ये सभी नाम पहले मनुष्य मनु से ही जुड़े है। #7. पौराणिक कथापुराणों में एक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने देवो, पितरो असुरो का निर्माण करने के बाद अपने आप को काफी शक्तिहीन महसूस करने लगे। ब्रह्मा जी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो अब किस चीज का निर्माण करे। जिससे उनके मस्तिक को शांति हासिल हो। #8. क्या थी वो कायाimage source उस समय ब्रह्मा जी अपने कार्यो में व्यस्त थे। अचानक उनके शरीर से एक काया उत्पन हुई और ब्रह्मा जी के सामने आ कर खड़ी हो गई। उसे देख कर ब्रह्मा जी चौक गए। वो कोई मामूली काया नहीं थी वो दिखने में बिलकुल ब्रह्मा जी की परछाई की तरह थी। #9. भगवान ब्रह्मा हुए हैरानimage source उस परछाई को देख कर एक बार तो भगवान ब्रह्मा जी कुछ नहीं समझ सके की आखिर उनके साथ क्या हुआ। यही मानव जाति का पहला मनुष्य था जिसका नाम "मनु" था। इस कथा एक और सवाल मन में आता है की हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तो मनु ने जन्म लिया लेकिन पश्चिमी सभ्यता के अनुसार पहला मनुष्य कौन था। #10. बाइबल और मनुimage source दोस्तों हम बात करे बाइबल की तो जिस तरह पौराणिक में भगवान ब्रह्मा के शरीर से मनु का जन्म हुआ था । उसी प्रकार बाइबल में ऐसा माना जाता है है ईस्वर के शरीर से एक परछाई ने जन्म लिया था। ये परछाई मनु की तरह भगवान की छाया थी और बिलकुल ब्रह्मा जी तरह दिखती थी। #11. मनु और वह स्त्रीभगवान ब्रह्मा ने मनु के साथ इस संसार को आगे बढ़ाने के लिए एक स्त्री सतरूपा की रचना की थी। पुराणों की कथा के अनुसार सतरूपा का जन्म हुआ था। वही दूसरी और बाइबल के अनुसार एडेम के साथ भगवान ने अम्बेला का जन्म हुआ था। #12. बाइबल में मनु का जन्मimage source बाइबल के अनुसार एडेम का निर्माण खुद ईश्वर ने किया था। दूसरी और मनु तो भगवान ब्रह्मा के शरीर से काया बनकर पैदा हुआ था। मनुष्य का पहला स्त्री रूप बाइबल के अनुसार माने तो मनु की पसली के द्वारा बनाया गया था। लेकिन पुराणों के अनुसार शतरूपा का जन्म भी भगवान ब्रह्मा की काया से हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई?आत्मा ने ही खुद को जलरूप में व्यक्त किया। ब्रह्म से ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई और ब्रह्मा ने स्यवं को दो भागों में विभक्त कर लिया। उनका एक रूप पुरुष स्वायंभुव मनु और एक भाग स्त्री यानी शतरूपा था। सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई।
मनुष्य की उत्पत्ति कैसे और कहां हुई?अभी तक की खोज के अनुसार होमो सेपियन्स का उद्धव 2 लाख साल पहले पूर्वी अफ्रीका का माना जाता रहा है, लेकिन नई खोज के मुताबिक 3 लाख साल पहले ही होमो सेपिन्यस के उत्तर अफ्रीका में विकास के सबूत मौजूद है।
मनुष्य की उत्पत्ति के बारे में आप क्या जानते हैं?भारतीय कालगणना के मुताबिक, मानव की उत्पत्ति सृष्टि रचना के एक करोड़, 20 लाख, 95 हजार, 989 वर्षों बाद हुई। समुद्र में प्राप्त मूँगा भित्तियों को जीवन की प्रथम नर्सरी कहा गया है। बहुत सम्भव है कि जीवन उत्पत्ति के उस काल में तिब्बती एक समुद्री क्षेत्र ही रहा होगा।
इस धरती पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ?कई धार्मिक किताबों और पौराणिक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा के शरीर से एक उनकी जैसी हूबहू शक्ति उत्पन्न हुई। जिसे देखकर ब्रह्माजी समझ नहीं पाए कि यह कौन है और इस तरह से अचानक उनके सामने कैसे प्रकट हुई। लेकिन यहीं प्रकृति का इशारा था। जो ब्रह्मा जी ने समझ लिया और यही शक्ति मानव संसार का पहला मानव बना।
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