महंत जी की बात सुनकर हरिहर काका क्या विचार करने लगे - mahant jee kee baat sunakar harihar kaaka kya vichaar karane lage

महंत ji ने हरिहर काका को क्या समझाया?

उनके भाई केवल अपने स्वार्थ के कारण ही उनसे जुड़े हुए हैं। महंत ने हरिहर काका को समझाया कि यदि वह अपनी जमीन ठाकुरबारी के नाम कर दें तो यह बड़ा पुण्य का काम होगा और भगवान के नाम अपनी जमीन करने से उन्हें सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होगी।

महंत जी ने हरिहर काका को क्या समझाया और क्यों?

उत्तर: महन्तजी हरिहर काका को एकान्त कमरे में बिठाकर समझाने लगे कि यहाँ कोई किसी का नहीं, सब माया का बन्धन है। तुम तो धार्मिक प्रवृत्ति के मनुष्य हो, ईश्वर भक्ति में मन लगाओ। इसके अतिरिक्त तुम्हारा अपना कोई नहीं है।

महंत ने क्या क्या कर हरिहर काका के मन में उनके परिवार के प्रति जहर भरा?

' महंत द्वारा हरिहर काका के साथ जैसा व्यवहार किया गया उसे मैं तनिक भी उचित नहीं मानता, क्योंकि इससे महंत काका की जमीन हड़पना चाहते थे। इसके अलावा वे काका के मन में उनके परिवार और भाइयों के प्रति दुर्भावना भी भर रहे थे।

मानव जीवन में रिश्तों का क्या महत्व होता है हरिहर काका पाठ में किसने ये रिश्ते निभाए?

कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध है। कथावाचक जब छोटा था तब से ही हरिहर काका उसे बहुत प्यार करते थे। जब वह बड़े हो गए तो वह हरिहर काका के मित्र बन गए। गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई।