महिला व पुरूष अनुपात में क्यों अंतर आता है इसके पीछे क्या कारण है? - mahila va puroosh anupaat mein kyon antar aata hai isake peechhe kya kaaran hai?

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प्रति एक हजार (१०००) पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या लिंग अनुपात कहलाती हैं। भारत में लिंग अनुपात देश मे लिंग अनुपात प्रायः महिलाओं के साथ नहीं होता है इसका मुख्य कारण क्या है इसका मुख्य कारण है कि आज कल अधिकतर व्यक्ति पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं वर्तमान मे भारत मे सबसे कम लिंगानुपात वाला राज्य हरियाणा है। जहां पर लिंगानुपात केवल 879 है। जबकि सबसे अधिक लिंगानुपात वाला राज्य केरल है।

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महिला व पुरुष अनुपात में क्या अंतर आता है?

वहीं भारत का लिंग अनुपात 108.2पुरुष प्रति 100 स्त्रियों पर है। जनगणना 2011के अनुसार भारत के लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषो पर 943 स्त्रियाँ है।

स्त्री पुरुष अनुपात में गिरावट आने के क्या क्या कारण हैं?

बच्चियों के प्रति पूर्वाग्रह की मानसिकता ही भारत में निम्न स्त्री-पुरुष अनुपात का कारण है। धार्मिक तथा सांस्कृतिक विश्वास- ऐसा माना जाता है कि केवल बेटा ही अपने माता-पिता की अंत्येष्टि तथा उनसे संबद्ध रीति-रिवाजों को करने का हकदार है। केवल बेटा ही परिवार का वारिश होता है। माना जाता है कि बेटा के बिना वंश नहीं चल सकता।

स्त्री और पुरुष में क्या अंतर होता है?

इसे सुनेंरोकेंमहिलाओं में प्रजनन की क्षमता होती है,जो पुरुष वर्ग में नहीं होती। महिलाओं में गर्भाशय होता है जो पुरुषों में नहीं पाया जाता। महिलाओं की त्वचा पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नाजुक होती है। पुरुषों के पैरों ,सीने आदि हिस्सों में महिलाओं के तुलना में अधिक बाल होते हैं।

भारत में लिंग अनुपात में गिरावट के कारण क्या है?

गिरते लिंग अनुपात का मुख्य कारण निदान तकनीक का दुरुपयोग कर भ्रूण में पल रहे लिंग की जानकारी प्राप्त कर उससे कन्या होने की दशा में अवैध तरीके से गर्भपात कराना है।