मुगल काल में सबसे अधिक प्रचलित सिक्का कौन सा था? - mugal kaal mein sabase adhik prachalit sikka kaun sa tha?

मुगल काल में सबसे अधिक प्रचलित सिक्का कौन सा था? - mugal kaal mein sabase adhik prachalit sikka kaun sa tha?

अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य-

  • भारत में मनसबदारी व्यवस्था का प्रारंभ अकबर ने किया था
  • मुगल साम्राज्य में भूमिदान क्या थाः जागीर,मदद-ए-माश,ऐम्मा,वक्फ,खालसा,अलतमगा
  • मुगल भू-राजस्व दर क्या थी
  • मुगल भू-राजस्व अधिकारी
  • मुगलों की भू राजस्व प्रणाली
  • मुगल काल में जागीरदारी प्रथा कैसी थी

अकबरने दिल्ली में एक शाही – टकसाल का निर्माण कराया और अब्दुस्समद को उसका प्रधान नियुक्त किया।

अबुल फजल  के अनुसार – मुगल काल में सोने के सिक्के बनाने की 4टकसालें,चाँदी के सिक्कों के लिए 14 टकसालें तथा ताँबे के सिक्कों के लिए 42 टकसालें थी।

  • मुगल काल में टकसाल के अधिकारी को दरोगा कहा जाता था।
  • जहाँगीरके कुछ सिक्कों पर उसे हाथ में शराब का प्याला लिए हुए दिखाया गया है।
  • अकबर के सिक्कों पर राम-सीता की आकृति तथा सूर्य चंद्रमा की महिमा में वर्णित कुछ पद्य भी मिलते हैं।
  • अकबर ने असीरगढ विजय की स्मृति में अपने सिक्कों पर बाज की आकृति अंकित करायी।
  • औरंगजेब ने सिक्कों पर कलमा खुदवाना बंद करा दिया उसके कुछ सिक्कों पर मीर-अब्दुल बाकी शाहबई द्वारा रचित पद्य अंकित करवाया।

मुहर-

यह एक सोने का सिक्का था जिसे अकबर ने अपने शासन काल के आरंभ में चलाया था।इसका मूल्य 9रु. (आइने-अकबरी के अनुसार) था। मुगल का सबसे अधिक प्रचलित सिक्का था।

शंसब-

अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बङा सोने का सिक्का जो 101 तोले का होता था।जो बङे लेन-देन में प्रयुक्त होता था।

इलाही-

अकबर द्वारा चलाया गया सोने का गोलाकार सिक्का था। इसका मूल्य 10 रु. के बराबर था।

रुपया-

शुद्ध चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का इसे (शेरशाहद्वारा प्रवर्तित) इसका वजन 175ग्रेन होता था।

जलाली-

चाँदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का। इसे अकबर ने चलाया।

दाम-

अकबर द्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो  रुपये के 40वें भाग के बराबर होता था।

जीतल-

ताँबे का सबसे छोटा सिक्का। यह दाम के 25वें भाग के बराबर होता था।इसे फुलूस या पैसा कहा जाता था।

निसार-

जहाँगीरद्वारा चलाया गया ताँबे का सिक्का जो रुपये के चौथाई मूल्य के बराबर होता था।

आना-

दाम और रुपये के बीच आना नामक सिक्के का प्रचलन  करवाया।

मुगलकालीन माप की इकाई-

सिकंदरी गज-

  • यह 39अंगुल या 32इंच (अंक) की होती थी।

इलाही गज-

  • यह 41अंगुल या 33इंच की होती थी।

कोवाङ-

  • दक्षिणी भारत में सूती-ऊनी वस्रों के नाम की इकाई।

बहार-

  • अरब व्यापारियों ने समुद्री तटों पर तोल की इस इकाई को लागू किया था।

कैण्डी-

  • गोवा में प्रचलित तोल की इकाई।

reference :https://www.indiaolddays.com/

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मुगल साम्राज्य के दौरान कौन से सिक्के अधिक प्रचलित है?

बड़ी संख्या में सिक्कों पर मुगल शासकों के नाम अंकित हैं; वे मुगल साम्राज्य से बिल्कुल भी संबंधित नहीं थे। मुगल साम्राज्य के सिक्कों में औरंगजेब के उत्तराधिकारियों के सिक्के भी शामिल हैं। मुग़ल शासकों ने सोने के 'मुहर' और चाँदी के 'रुपये' सहित छोटे मूल्य के सिक्के भी जारी किए। इनमें से सबसे आम सिक्का 'निसार' था।

अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बड़ा सोने का सिक्का?

शंसब अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बड़ा सोने का सिक्का था, जो 101 तोले का होता था और बड़े लेन-देन में प्रयुक्त होता था।

मुगल काल में तांबे के सिक्के को क्या कहते थे?

मुगल काल में ताँबे का सिक्का 'दाम' कहलाता था। 'रूपया' चांदी का सिक्का था। अकबर के समय में निस्की (आधा दाम), दामड़ (चौथाई दाम) दमड़ी (आठवां दाम) नाम के सिक्के प्रचलित थे। अकबर कालीन मुहर तौल में 170 ग्रेन था।

स्वर्ण सिक्का जारी करने वाला प्रथम मुगल शासक कौन था?

अकबर द्वारा चलाया गया सबसे बङा सोने का सिक्का जो 101 तोले का होता था। जो बङे लेन-देन में प्रयुक्त होता था। अकबर द्वारा चलाया गया सोने का गोलाकार सिक्का था