Show मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली सबसे आम और खतरनाक बीमारी है। हर साल लगभग 4 लाख लोग मलेरिया के कारण अपनी जान गंवाते हैं। हालांकि, बढ़ती जागरूकता के साथ, मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है। जब एक संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह व्यक्ति मलेरिया से संक्रमित हो सकता है। बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द मलेरिया के प्रमुख लक्षण हैं। यदि आप खुद में इस तरह के सिम्टम्स देखते हैं तो बिना देर किए टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा, मलेरिया के खतरे से बचने के लिए मानसून के मौसम में मच्छरदानी का उपयोग करें। चूंकि मलेरिया के लिए कोई टीका नहीं है, इसलिए रोकथाम
सबसे अच्छा इलाज है। शाहिद कपूर की पत्नी ने बताए शरीर की चर्बी घटाने के Yoga आसन, रोज करने से मिलेंगे ये फायदे डेंगू बुखारपिछले कुछ सालों में डेंगू के मामलों में थोड़ी गिरावट देखी गई है, लेकिन अब भी ये पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। साथ ही, भारत डेंगू बुखार के लिए सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में से एक है। समस्या यह है कि अब तक डेंगू का कोई इलाज नहीं है और खराब मैनेजमेंट से रोगी की मृत्यु हो सकती है। लिहाजा हमें इससे बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है। डेंगू पैदा करने वाला मच्छर अलग होता है और इसके लक्षण घंटों में देखे जा सकते हैं। जैसे ही आपको संक्रमित मच्छर के काटने का संदेह हो, अपना परीक्षण करवाएं और आवश्यक चिकित्सा सहायता लें। येलो बुखारयेलो फीवर फ्लेविवायरस के कारण होता है। इसमें वायरस से संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह येलो फीवर की चपेट में आ जाता है। यह कैरिबियन, अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्रों में अधिक आम है। भारतीय तब तक इस बीमारी के संपर्क में नहीं आते जब तक कि वे उच्च जोखिम वाले देशों का दौरा नहीं करते। शुक्र है कि पिछले वर्षों में पीले बुखार के बहुत कम मामले सामने आए हैं लेकिन हमें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आप सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए किसी उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में जा रहे हैं तो अपने आप को पीले बुखार का टीका लगवाएं। हालांकि, लोगों को सलाह दी जाती है कि
वे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से पहले पीले बुखार का टीका लगवा लें। बिना Dieting के ही होने लगे हैं पतले? पहली ही फुर्सत में हो आएं डॉक्टर के पास, हो सकती है ये गंभीर बीमारियां इंसेफेलाइटिसयह भी एक मच्छर जनित बीमारी है लेकिन बाकी की तुलना में अधिक खतरनाक है क्योंकि यह
रीढ़ की हड्डी के आसपास सूजन का कारण बनती है जो मस्तिष्क तक पहुंच सकती है। समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग पूरे शरीर में फैल जाता है। पिछले कुछ सालों में भारत में इंसेफेलाइटिस के मामले धीरे-धीरे बढ़े हैं। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें इंसेफेलाइटिस होने का खतरा ज्यादा होता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और दौरे शामिल हैं। चिकनगुनियाचिकिनगुनिया भी बारिश के सीजन में होने वाला रोग है। ये भारत और एशिया के अन्य
हिस्सों में आम है। चिकनगुनिया के लगभग 1 लाख मामले हर साल सामने आते हैं। चिकनगुनिया बुखार फैलाने वाला मच्छर 29 डिग्री तापमान से ऊपर पैदा होता है जो मानसून के मौसम की शुरुआत में कहर ढहाता है। शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाना और जोड़ों में दर्द है। इस प्रकार, हमें सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि मानसून इस बीमारी से बचाव के लिए शुरू होता है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें मच्छरों से कौन कौन सी बीमारियां फैलती हैं?मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी घातक बीमारियां होती हैं. यह बातें जान लेना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर पैदा होते हैं. मॉनसून के मौसम में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ जाता है.
डेंगू बुखार की क्या पहचान है?डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटता है तो वह उस रोगी का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
मलेरिया बुखार के लक्षण क्या होते हैं?मलेरिया परजीवी के प्रकार। Types Of Malaria Parasites. मलेरिया परजीवी पांच प्रकार के होते है।
मलेरिया के लक्षण कितने दिन में दीखते है?कब दिखते हैं मलेरिया के लक्षण? जब संक्रमण फैलाने वाला मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो इसके लक्षण दिखने में 7 से 30 दिन तक का वक्त लगता है।
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