ऋतुएं तो और भी बदलती है पर बाहर भीतर ऐसा कहा बदलता है इन पंक्तियों में लेखक का क्या आशय है? - rtuen to aur bhee badalatee hai par baahar bheetar aisa kaha badalata hai in panktiyon mein lekhak ka kya aashay hai?

Safafhh8211 Safafhh8211

  • 2021-07-19T15:20:12.000Z

  • Secondary School
  • Hindi

answered

ऋतुएँ तो और भी बदलती हैं, पर बाहर-भीतर ऐसा-ऐसा कहाँ बदलता है?' इन पंक्तियों में लेखक का क्या आशय है

Answer :

ऋतुएं तो और भी बदलती है पर बाहर भीतर ऐसा कहा बदलता है इन पंक्तियों में लेखक का क्या आशय है? - rtuen to aur bhee badalatee hai par baahar bheetar aisa kaha badalata hai in panktiyon mein lekhak ka kya aashay hai?

parjapatiuday610 parjapatiuday610

Answer:

लेखक का कहना है कि मौसम तो बदलता है

New questions in Hindi

सुदरदास की बारी मे १० लाइन​

ब्लू प्रिंट निम्न में किसका महत्त्वपूर्ण घटक है? A परीक्षण अंकन B परीक्षण प्रशासन C परीक्षण वैधता D परीक्षण निर्माण

आधुनिक शिक्षण संस्थाएँ ही नहीं, बल्कि परिवार एवं समाज के अन्य सदस्य भी अपने कार्य एवं व्यवहार से मनुष्य के शिक्षण में सहायक होते हैं। किसी भी क्षेत्र ...

aapko vidhayalaya me khelne ka अवसर नही मिलता आपको विद्यालया में खेलने का कह दिया जाता है छात्र संख्या अधिक होने आपके लिए विवश्ता नहीं हो सकती तो प्रध ...

लिखित Writing Skills (क) रानी चेनम्मा को बचपन से किसका शौक था? (ख) रानी चेनम्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ था? (ग) रानी चेनम्मा को कौन-कौन सी भाषाएँ आती थ ...

अब कहा दूसरो के दुःख से दुःख होने वाले इस पाठ के शीर्षक से सहमत है अगर है तो इस पाठ आधार पर समझाइएँ ​

पर नर-व्याघ्र सुयोधन meaning in hindi with full explanation ​

बरसात की आति हवा की निम्न पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए- “यह शून्य से होकर प्रकट, नव-हर्ष से आगे झपट, हर अंग से जाती लिपट, आनंद सरसाती हवा । "

“विज्ञान व तकनीकी विकास के कारण विकसित देशों में जीवन की रफ्तार बढ़ गई है जिसके कारण मानसिक रोग बढ़ने लगे हैं," पंक्तियों का आशय 'झेन की देन' पाठ के आ ...

1. अपने चाचा के विवाह पर मित्र को सपरिवार आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।​

Previous

Next

ऋतुएँ तो और भी बदलती हैं पर बाहर भीतर ऐसा ऐसा कहाँ बदलता है ?' इन पंक्तियों में लेखक का आशय स्पष्ट कीजिए?

ऋतु परिवर्तन का कारण पृथ्वीद्वारा सूर्य के चारों ओर परिक्रमण और पृथ्वी का अक्षीय झुकाव है। पृथ्वी का डी घूर्णन अक्ष इसके परिक्रमा पथ से बनने वाले समतल पर लगभग 66.5 अंश का कोण बनता है जिसके कारण उत्तरी या दक्षिणी गोलार्धों में से कोई एक गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है।

ऋतु परिवर्तन का कारण क्या है?

पृथ्वी की परिक्रमण गति और पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुका होने के कारण ऋतु परिवर्तन होता है।

पृथ्वी पर मौसम परिवर्तन के लिए कौन उत्तर दे है?

पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने के कारण ऋतु परिवर्तन होता है और इसके कारण ही मौसम भी बदलता है।।

ऋतुएँ कैसे बनती हैं?

यह झुकाव पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को भी प्रभावित करता है। इस झुकाव की वजह से ही पृथ्वी का एक गोलार्द्ध छह माह तक सूर्य की ओर झुका रहता है और अगले छह मास तक दूसरा गोलार्द्ध। यह क्रम निरंतर चलता रहता है। इसके फलस्वरूप ही ऋतुएं-वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शीत(शिशिर)- उत्पन्न होती हैं