मोबाइल में रैम क्या होता है - mobail mein raim kya hota hai

RAM क्या है ? इस शब्द से लगभग सभी स्मार्टफोन यूज़ करने वाले लोग परिचित है जब आप नया मोबाइल लेने जाते है तो आपको मन में यहीं सवाल रहता है आपको कितनी RAM वाला मोबाइल लेना चाहिए जिससे आपको आगे चलकर मोबाइल में कोई परेशानी सामने नहीं आये. RAM की बात करे तो यह कंप्यूटर हो या मोबाइल सभी डिवाइस में बेहद महत्वपूर्ण चीज है क्योंकि इसके कारण ही कोई भी डिवाइस बेहतर काम करती है अगर आप भी नहीं जानते है तो हम आपको बताने वाले है RAM क्या होती है और आपके मोबाइल या कंप्यूटर में कितनी रैम होनी चाहिए.

मोबाइल में रैम क्या होता है - mobail mein raim kya hota hai
ram kya hai

  • RAM क्या है ?
  • RAM कितनी होना जरुरी है

RAM क्या है ?

आपको बता दे कि RAM की फुलफॉर्म Random Access Memory होती है तो इसकी फुल फॉर्म से तो RAM के बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा है इसलिए इसे एक साधारण उदाहरण के जरिये समझेंगे. मान लीजिये आप किसी ऑफिस में बैठे हुए है और आपको काम करने के लिए एक फाइल चाहिए होगी और फाइल किसी दूसरे कमरे में रखी हुई है तो जब आपको काम करना है तो आप उस फाइल को दूसरे कमरे से ले आयेंगे और डेस्क पर रखकर उस फाइल पर काम करने लग जायेंगे. एक समय ऐसा आता है जब आपको एक साथ बहुत काम करने होते है और इसके लिए आपको बहुत सारी फाइल की जरुरत पड़ेगी तो इस ज्यादा काम के लिए आपको ज्यादा फाइल रखने के लिए बड़े डेस्क की जरुरत भी पड़ेगी. जब आपको कोई सा भी काम करना होगा तो आप डेस्क से उसकी फाइल उठाकर करने लग जायेंगे. जब आपको काम ख़त्म हो जायेगा तो आप बापस उन सारी फाइल बापस उसी कमरे में रख देंगे.

मोबाइल में RAM भी कुछ इस तरह से ही काम करती है जो फाइल वाला दूसरा कमरा है उसे आप इंटरनल मेमोरी मान सकते है जिसमें आपकी सारी फाइल या एप है और जो डेस्क है वो आपकी RAM हो गयी जिसपर आप काम करते है तो यहां इसका काम आपके आदेशानुसार किसी एप को लाकर उसे रन करना है. चुकीं किसी एप को ओपन होने में चंद सेकंड का समय लगता है ये इसलिए होता है क्योंकि रैम की स्पीड बहुत फास्ट होती है आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि 1GB रेम को बनाने में उतना खर्च आता है जितना कि 16GB के मेमोरी कार्ड बनाने में होता है.

CPU को जो फाइल चाहिए होती है RAM उन्हें जल्दी से जल्दी भेजने का काम करती है जब आप किसी गेम को इंस्टाल कर लेते है तो वह RAM में इनस्टॉल नहीं बल्कि वह फोन की इंटरनल मेमोरी में इंस्टाल होते है. जब आप उस गेम पर क्लिक करते है तो वह रन करने के लिए फोन की मेमोरी से रैम पर आ जाता है और RAM काम करने लगती है इस बीच CPU और रेम के बीच बहुत तेजी से इनफार्मेशन का आदान प्रदान होता है. लेकिन जब आपके कंप्यूटर या मोबाइल की RAM कम होती है और आप कई बड़ी एप खोल के रन करवा रहे है तो इस स्थिति में मोबाइल या कंप्यूटर हैंग होने लगता है इसलिए कहा जाता है कि ज्यादा रैम मल्टीटास्किंग के लिए उपयोगी होती है.

RAM कितनी होना जरुरी है

मोबाइल में रैम क्या होता है - mobail mein raim kya hota hai

RAM क्या है ये तो आप जान गए होंगे अब ये भी जानना चाहते होंगे कि कितनी RAM होना जरुरी है. आज के समय देखा जाए तो किसी भी मोबाइल में कम से कम 2GB रेम होना चाहिए क्योंकि आजकल के एप का साइज़ धीरे धीरे बढ़ रहा है जैसे facebook की बात करे तो वह जब ओपन होती है तो 200 से 300 MB रेम खर्च हो जाती है. facebook ही नहीं बाकि एप के साइज़ उपग्रेड होने के साथ इनके साइज़ भी बढ़ते जा रहे हैं. इसलिए अगर आप चाहते है कि मोबाइल में मल्टीटास्किंग कर सके तो मोबाइल में कम से कम 2GB रेम होना आवश्यक जिससे मोबाइल हैंगिंग की समस्या सामने न आये. वैसे आप चाहे तो 3GB या 4GB वाले स्मार्टफोन की तरफ भी ध्यान दे सकते है क्योंकि अभी तो 2GB ही काम दे देगा लेकिन भविष्य में आपको 2GB में प्रॉब्लम आने लग जाएगी.

तो अब आप रैम के बारे में काफी कुछ जान गए होंगे आपको पता चल गया होगा कि Ram क्या है वैसे आपको एक और चीज बताते कि आपको जितना हो सके ज्यादा रेम की डिवाइस खरीदनी चाहिए क्योंकि RAM ऐसी चीज है जिसे बाद में बढ़ाया नहीं जा सकता है हालाकि कंप्यूटर में RAM बढ़ाने का ऑप्शन होता है लेकिन मोबाइल ये ऑप्शन नहीं मिलता है कुछ एप है जो रूट होने के बाद फोन की मेमोरी को RAM में बदल देती हैं लेकिन इससे कुछ फायदा होता है बल्कि मोबाइल पहले से और भी ज्यादा स्लो हो जाता है.

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कितने जीबी रैम वाला स्मार्टफोन होता है बेस्ट, जानें यहां

एक अच्छे स्मार्टफोन के लिए ज्यादा रैम के साथ कुछ अन्य बातों का भी ख्याल रखना चाहिए। रैम किसी भी स्मार्टफोन का जरुरी हिस्सा होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि रैम ही सबकुछ होता है। आइए जानते इसके बारे में पूरी डिटेल

नई दिल्ली, टेक डेस्क। स्मार्टफोन कंपनियों की तरफ से ऐसा माहौल तैयार कर दिया गया है कि ज्यादा अच्छा वही स्मार्टफोन होता है, जिसमें ज्यादा रैम मौजूद होती है। लेकिन ऐसा नहीं है। एक अच्छे स्मार्टफोन के लिए ज्यादा रैम के साथ कुछ अन्य बातों का भी ख्याल रखना चाहिए। रैम किसी भी स्मार्टफोन का जरुरी हिस्सा होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि रैम ही सबकुछ होता है। आइए जानते इसके बारे में पूरी डिटेल

क्या होती है रैम

RAM को Random Access Memory कहा जाता है। किसी भी स्मार्टफोन में दो तरह के स्टोरेज दिये जाते हैं, एक RAM और दूसरी ROM. जहां ROM में आपके फोटो, वीडियो से लेकर सभी ऐप्स स्टोर होते हैं। इसी स्टोरेज ऐप्स, फोटो, वीडियो और गेमिंग को रैम पर रन किया जाता है। फोन में किसी भी चीज को रन कराने के लिए रैम की जरुरत होती है। अगर आप चाहते हैं, कि फोन का कोई भी ऐप स्मूथ रन करे, तो उसके लिए जरूरी है कि फोन में ज्यादा रैम होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आप मल्टी टॉस्टिंग करते हैं, मतलब एक वक्त में स्मार्टफोन पर गेम खेलते हुए, म्यूजिक सुनते हैं और नोटिफिकेशन पर आये WhatsApp मैसेज का जवाब भी देना चाहते हैं, तो ज्यादा रैम की जरूरत होगी। अगर कम रैम हैं, तो यह काम स्लो सकते हैं, या फिर फोन में हैग होने की दिक्कत आ सकती है।

कितनी GB रैम सही

स्मार्टफोन में कितने GB रैम होना चाहिए, इसका सटीक जवाब नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि हर स्मार्टफोन यूजर की अलग जरूरत होती है। जैसे ज्यादा हैवी गेमिंग के शौकीन हैं, तो ज्यादा 8 से 12 GB का स्मार्टफोन लेना बेहतर माना जाता है। वही औसत स्मार्टफोन यूजर के लिए 6GB रैम पर्याप्त होती है। साथ ही अगर आप स्मार्टफोन में गेम खेलना नहीं पसंद करते हैं और केवल सीमित दायरे में Whatsapp, Facebook जैसे चुनिंदा ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए 4GB रैम भी काफी होती है।

ज्यादा रैम से ज्यादा स्पीड नहीं

स्मार्टफोन की स्पीड कई चीजों पर निर्भर करती है। ऐसे में स्मार्टफोन में ज्यादा GB रैम होने से ही स्मार्टफोन फास्ट नहीं हो जाएगा। इसके लिए फोन में आला दर्जे का प्रोसेसर, लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ज्यादा रिफ्रेश रेट और टच सैंपलिंग रेट वाला डिस्प्ले होना चाहिए। जैसै Apple iPhone कम रैम सपोर्ट के साथ भी अच्छे प्रोसेसर की वजह से ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस देता है।

क्या है वर्चुअल रैम

वर्चुअल रैम के कॉन्सेप्ट को हाल ही में पेश किया गया है। दरअसल वर्चुअल रैम को आपके स्टोरेज ROM से ही अलग करके वर्चुअल रैम बना दिया जाता है। मतलब अगर आपको स्मार्टफोन में ज्यादा रैम की जरूरत होती है, तो फोन स्टोरेज के स्पेस को कम करते रैम में जोड़ देता है।

Edited By: Saurabh Verma

मोबाइल में रैम का क्या काम होता है?

क्या होती है रैम किसी भी स्मार्टफोन में दो तरह के स्टोरेज दिये जाते हैं, एक RAM और दूसरी ROM. जहां ROM में आपके फोटो, वीडियो से लेकर सभी ऐप्स स्टोर होते हैं। इसी स्टोरेज ऐप्स, फोटो, वीडियो और गेमिंग को रैम पर रन किया जाता है। फोन में किसी भी चीज को रन कराने के लिए रैम की जरुरत होती है।

मोबाइल की रैम कितनी होनी चाहिए?

हैवी गेमिंग के मामले में 8 से 12 जीबी रैम वाले स्मार्टफोन की जरूरत पड़ती है। वहीं, जो लोग फोन में Whatsapp, Facebook जैसी ऐप्स का इस्तेमाल कम करते हैं और गेमिंग का ज्यादा शौक नहीं रखते हैं उनके लिए 4 जीबी RAM काफी होती है। वहीं, एक औसत स्मार्टफोन यूजर के लिए 6 जीबी RAM काफी होती है।

4GB रैम का मतलब क्या होता है?

एंड्राइड में मात्र 4GB रैम की ही है जरूरत इसका मतलब है कि 4 जीबी रैम वाला स्मार्टफोन आपको दुनिया के किसी भी कोने में आपके पसंदीदा ऐप को जल्दी से खोलने के लिए देगा। असल में हम रोजमर्रा में जितना काम करते हैं, उसके लिए हमें ज्यादा रैम की जरूरत नहीं है।

1 रैम क्या है?

रैम एक प्रकार का मेमोरी होता है, जो कंप्यूटर में चल रहे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को अस्थाई तौर पर स्टोर करता हैं। जबतक कंप्यूटर चलता रहता है, या जबतक सॉफ्टवेयर ओपन रहता है, तब तक रैम उसे स्टोर करता हैं। और एक बाद कंप्यूटर बंद होने पर इसमें स्टोर सभी डाटा डिलीट हो जाते हैं।