कांच का गिलास कैसे बनते हैं? - kaanch ka gilaas kaise banate hain?

कांच एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल घर, ऑफिस, रेस्टोरेंट या स्कूल हर जगह किया जाता है. घरों की खिड़कियों में कांच लगाए जाते हैं, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स में कांच का इस्तेमाल किया जाता है और गाड़ियों के विंडशील्ड में शीशे के तौर पर भी कांच का ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है यह कांच या ग्लास बनता कैसे है? इसे बनाने के पीछे का विज्ञान क्या है? 

आज के इस लेख में हम आपको कांच के बारे में ही जानकारी देंगे, जहां आप कांच क्या होता है, कैसे बनता है और इसके इतिहास के बारे में जानेंगे. तो चलिए बिना किसी इंतजार के आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कांच के निर्माण से जुड़ी पूरी जानकारी.

कांच क्या है?

कांच एक पारदर्शी (transparent) या पारभासी (translucent) अकार्बनिक ठोस सामग्री है जो कठोर और भंगुर होता है. यह प्राकृतिक तत्वों जैसे रेत, पानी इत्यादि से प्रभावित नहीं होता. कांच को प्राचीन समय से व्यावहारिक और सजावटी उद्देश्यों के साथ बनाया गया है और यह आज भी कई अलग-अलग अनुप्रयोगों जैसे घरेलू सामान, भवन निर्माण, दूरसंचार इत्यादि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि कांच को तरल रेत से निर्मित किया जाता है. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. जब साधारण रेत, जो अधिकतम सिलिकॉन डाइऑक्साइड (silicon dioxide) से बनी हुई होती है, को अधिक उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है, तो यह पिघल कर एक तरल पदार्थ में तब्दील हो जाती है. रेत को पिघलाने के लिए करीब 1700 डिग्री सेल्सियस के उच्च तापमान की आवश्यकता होती है.

जब पिघली हुई रेत को ठंडा किया जाता है तो यह वापस किरकिरे पीले रूप में नहीं आती, बल्कि इसकी अंदरूनी संरचना पूरी तरह से बदल जाती है और यह एक अलग ही रूप धारण कर लेती है. चाहे रेत को कितना ही ठंडा क्यों न किया जाए, यह कभी भी ठोस में परिवर्तित नहीं हो सकती. बल्कि यह एक प्रकार का जमा हुआ तरल पदार्थ बन जाएगा जिसे वैज्ञानिक भाषा में amorphous solid के नाम से जाना जाता है. Amorphous solid तरल और ठोस के बीच की स्थिति होती है, जिसमें कुछ अणु ठोस की तरह crystalline order में और कुछ तरल की तरह random order में होते हैं.

कांच में सभी प्रकार के उपयोगी गुण होने के कारण इसे घरों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता है. यह पारदर्शी होने के साथ-साथ बनाने में सस्ता होता है और पिघली हुई अवस्था में इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. यह रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है, इसलिए जब कांच के बने जार में किसी वस्तु को रखा जाता है तो जार उसके साथ react नहीं करता है. कांच निर्दिष्ट अवस्था में ऊष्मा के लिए उचित प्रतिरोधी होता है. ग्लास को  बार-बार recycle किया जा सकता है.

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कांच (ग्लास) कैसे बनता है?

कांच का गिलास कैसे बनते हैं? - kaanch ka gilaas kaise banate hain?
कांच का गिलास कैसे बनते हैं? - kaanch ka gilaas kaise banate hain?

कांच बनाने की प्रक्रिया को तीन स्टेप्स में पूरा किया जाता है:

  1. रेत को 1700 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पिघलाया जाता है.
  2. पिघली हुई रेत को सांचे में डाला जाता है.
  3. अंत में, सांचे में ढली तरल रेत को ठंडा किया जाता है.

विस्तार से..

ग्लास प्लांट में ग्लास (कांच) बनाने के लिए सिलिकॉन डाइऑक्साइड युक्त रेत को waste glass (रीसाइक्लिंग से प्राप्त), सोडा पाउडर (sodium carbonate) और चूना पत्थर (calcium carbonate) के साथ मिक्स कर भट्टी में गर्म किया जाता है.

घटकों का अनुपात:

  • सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2) – 75%
  • सोडा पाउडर – 16%
  • चूना पत्थर – 10% 

सोडा पाउडर रेत का melting point कम कर देता है जिससे उत्पादन के दौरान ऊर्जा की बचत होती है. लेकिन इसमें एक कमी भी है: इससे उत्पन्न होने वाला ग्लास पानी में घुल सकता है. इसलिए इस घटना को रोकने के लिए चूना पत्थर मिलाया जाता है. अंत में प्राप्त होने वाले उत्पाद को soda-lime-silicate glass कहा जाता है. यह वही साधारण ग्लास या कांच है जिसे हम अक्सर अपने आस-पास देखते हैं.

पिघली हुई रेत को किसी साँचे में डाल कर बोतल, जार, या ग्लास बनाए जाते हैं. यदि खिड़कियों के लिए ग्लास की flat sheet बनानी है तो पिघली हुई रेत को टिन धातु के बड़े बर्तन पर डाला जाता है और ठंडा किया जाता है.

हमें जिस प्रकार का कांच चाहिए, उसके अनुसार कांच बनाने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है. बनाए जाने वाले कांच की दिखावत और गुणों को बदलने के लिए आमतौर पर केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि हरे रंग का कांच प्राप्त करने के लिए iron और chromium आधारित केमिकल्स को पिघली हुई रेत में डाला जाता है.

ओवन रोधी (oven-proof) borosilicate glass बनाने के लिए पिघले हुए मिश्रण में boron oxide डाला जाता है. लेड ऑक्साइड (lead oxide) को मिलाकर एक fine crystal glass बनाया जाता है, इसे lead glass भी कहा जाता है. लेड मिलाने से ग्लास का index of refraction बढ़ जाता है.

कुछ विशेष प्रकार के कांच को अलग manufacturing process द्वारा तैयार किया जाता है. बुलेटप्रूफ ग्लास को ग्लास को कई परतों और प्लास्टिक की बोन्डिंग साथ बनाया जाता है. कार विंडशील्ड में इस्तेमाल होने वाले toughened glass बनाने के लिए पिघले हुए कांच को अत्यन्त शीघ्रता से ठंडा कर तैयार किया जाता है, ताकि वे कठोर बन सके. रंगीन कांच बनाने के लिए metallic compound को पिघले हुए ग्लास में डाला जाता है. विभिन्न धातुएं के इस्तेमाल से कांच के अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग रंग दिया जा सकता है.

कांच का इतिहास

कांच का इतिहास देखा जाए तो यह लगभग 3600 वर्ष पुराना है, जिसकी शुरुआत मेसोपोटामिया (Mesopotamia) से होती है. हालांकि कुछ लेखकों के अनुसार वे मिस्र (Egypt) से कांच की वस्तुओं की प्रतियां तैयार करते होंगे. अन्य पुरातत्व सबूत इशारा करते हैं कि पहला असली कांच तटीय उत्तरी सीरिया, मेसोपोटामिया या प्राचीन मिस्र में बना होगा. 

सबसे पहले कांच के रूप में बनने वाली वस्तुएं मोती थे, जो 2000 ईसा पूर्व के मध्य बने थे. शायद शुरू में ये metalworking या रेत के बर्तन के उत्पादन के दौरान accidentally बने कोई सह उत्पाद होंगे.

भारत में कांच का विकास 1730 ईसा पूर्व में शुरू हुआ होगा. जबकि प्राचीन चीन में सिरेमिक और धातु के काम की तुलना में कांच बनाने का काम बाद में शुरू हुआ था.

Amorphous Solid के बारे में 

जब किसी microscope की मदद से आप किसी कांच के भीतर देखेंगे तो आप पाएंगे कि जिन molecules से यह बना है वो irregular pattern में व्यवस्थित हैं. इसलिए ग्लास को कई बार amorphous solid (बिना रेगुलर crystalline structure के साथ एक ठोस) भी कहा जाता है.

ग्लास को ‘frozen supercooled liquid’ भी कहा जाता है, यानी कांच एक तरल है जो कभी जमता नहीं है. साधारण भाषा में हम कह सकते हैं थोड़ा तरल की तरह और थोड़ा ठोस की तरह. इसकी अंदरूनी संरचना एक तरल और एक ठोस के बीच की संरचना है, जो कुछ ठोस के क्रम में और कुछ तरल की randomness के साथ होती है.

केवल कांच ही amorphous solid नहीं होते. हम पानी को भी amorphous solid बोल सकते हैं, जिसे ठोस (solid) और तरल (liquid) के बीच परिभाषित किया जाता है. आप ऐसा पानी को बहुत शीघ्र ठंडा करके कर सकते हैं. बर्फ इतनी जल्दी बनती है कि इसे अपना सामान्य crystalline structure तैयार करने के मौका ही नहीं मिलता. इसलिए आप इसे ऐसी बर्फ के रूप में देखेंगे जो व्यवहार में तरल पानी की तरह होती है.

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको यह जानकारी “कांच कैसे बनता है?” जरूर पसंद आई होगी. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है शीशा कैसे बनता है से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे अन्य लोगों के साथ शेयर जरुर करें.

कांच का गिलास कैसे बनता है?

काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूँद-बूँद करके उड़ेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके।

ग्लास कैसे बनाया जाता है?

काँच का निर्माण रेत से किया जाता है, रेत में मौजूद सिलिका का इस्तेमाल करके ही काँच को बनाया जाता है. लेकिन काँच को बनाने के लिए सामान्य रेत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसे बनाने के लिए ऐसे रेत का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे 99% सिलिका मौजूद होता है.

ग्लास कितने प्रकार के होते हैं?

कांच के प्रकार.
सोडा काँच या मुलायम काँच -.
लैड काँँच या फ्लिन्ट काँच -.
सुदृढ़ (या टेम्पर्ड) काँँच -.
स्तरित सुरक्षा काँँच -.
कुचालक काँच -.

कांच को कैसे जोड़े?

काँच को चिपकाने का काम काफी मुश्किल है।.
काँच को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।.
काँच को एक साफ पेपर टॉवल से सुखाएं।.
एक प्लास्टिक कंटेनर में थोड़ा सा ग्लू निकालें। यह करने से ग्लू हल्का सा सूखकर चिपचिपा और गाढ़ा हो जायेगा और आप उसे एक पेंट ब्रश से आसानी से लगा सकते हैं।.