गुदड़ी का लाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - gudadee ka laal hona muhaavare ka arth kya hota hai?

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Gudadee ka laal Muhavara ka arth)

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ – छिपी हुई अमूल्य वस्तु, साधारण घर में जन्मा असाधारण गुणी या प्रतिभावान बालक, गरीब घर मे जन्मा हुआ गुणवान बालक, गरीब के घर में गुणवान का उत्पत्र होना।

Gudadee ka laal Muhavara ka arth – chhipee huee amooly vastu, saadhaaran ghar mein janma asaadhaaran gunee ya pratibhaavaan baalak, gareeb ghar me janma hua gunavaan baalak, gareeb ke ghar mein gunavaan ka utpatr hona.

दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जिन्होंने कई बड़े-बड़े कार्य किए हैं और कई बड़े-बड़े देश की तरक्की के लिए योजनाएं भी बनाए हैं हमारे देश के अब्दुल कलाम गुदड़ी के लाल थे जिन्होंने भले ही गरीब घर में जन्म लिया लेकिन उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसे से कार्य किए जिससे कि भारत देश उन पर आज भी गर्व करता है।

वाक्य प्रयोग: प्रेमचंद्र जी ने कई साहित्य और कई कई किताबें लिखी है और उनकी किताबों को और उनके साहित्य को पढ़कर लोग आज भी अपने जीवन में आगे बढ़ने की ओर प्रेरित होते हैं प्रेमचंद्र जी अपने वंश में सचमुच एक गुदड़ी के लाल थे।

वाक्य प्रयोग: हमारे भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने हमारे देश की तरक्की के लिए कई बड़े-बड़े कार्य किए हैं वह हमारे देश के गुदड़ी के लाल थे।

वाक्य प्रयोग: सोहन एक गरीब घर का जन्म हुआ बेटा था लेकिन उसने अपनी मेहनत के दम पर आईएस बन कर दिखा दिया वह अपने परिवार का गुदड़ी का लाल बन गया।

यहां हमने “गुदड़ी का लाल” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा।गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ होता है कि किसी साधारण घर में जन्म हुआ असाधारण और प्रतिभा से परिपूर्ण बालक, छिपी हुई अमूल्य वस्तु गरीब के घर में गुणवान का उत्पन्न होना। जिसके सबसे अच्छा उदाहरण हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की है जो कि भले ही गरीब घर में जन्म लिए लेकिन उनके अंदर असाधारण गुण और प्रतिभा थी, उन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐसे कार्य किए जो लोगों को सोचने में भी असंभव लगता था अब्दुल कलाम जी हमारे देश के गुदड़ी के लाल थे। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ gudadee ka laal muhaavare ka arth  – गरीब घर मे जन्मा हुआ गुणवान बालक ।

दोस्तो जब किसी गरीब के घर मे जिसके पास खाने को भी समय पर नही होता और उसके घर मे सभी लोग बेवकुफ हो जो अपने अलावा कुछ और सोच नही सकते है कहने का अर्थ है गरीब के घर मे जब ऐसे बालक का ‌‌‌जन्म हो जाता है जो उस घर मे सबसे अलग हो जिसके पास बहुत गुण हो जो उसके पुर्वजो मे नही थे तो ऐसे बालक को ही गुदड़ी का लाल कहते है ।

गुदड़ी का लाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - gudadee ka laal hona muhaavare ka arth kya hota hai?

गुदड़ीकालालमुहावरेका वाक्यमेप्रयोग

  • ‌‌‌अपने वंश मे अब्दुल कलाम सच मुच गुदड़ी ‌‌‌कें लाल थे ।
  • भगवान कृष्ण अपने माता पिता के लिए गुदड़ी का लाल था ।
  • जब राम का जन्म हुआ तभी लोगो ने कह दिया था की यह आपके घर मे गुदड़ी का लाल बनकर अया है ।
  • जब गरीब घर का बेटा ने देश मे अपना नाम कर दिया तब सभी लोगो ने मान लिया की यह अपने वंश मे गुदड़ी का लाल है ।

‌‌‌गुदड़ीकालालमुहावरेपरकहानी

प्राचिन समय की बात है जब राजा का जमाना था उस समय चंद्रप्रकाश नाम का एक राजा अपने राज्य मे रहता था वह बहुत ही बलवान था । उससे कोई भी राजा टकर लेने के बारे मे सौ बार सोचता था क्योकी वह राजा चंद्रप्रकाश के पास अनेक योद्धा थे जो अपने राज्य की हिफाजत करने के लिए अपनी जान की परवा नही करते थे ।

उस राज्य मे ‌‌‌ज्यादातर लोग इतने अमीर तो थे की वह आराम से अपना पेट भर सके पर एक घर ऐसा था जिनके पास कुछ भी नही था वह लोगो की सेवा कर कर अपना पेट भरता था । उस घर मे एक बुड्डी ‌‌‌औरत व उसका बेटा व बहु रहती थी । उसके बेटे का महावीर नाम था जो लोगो का काम कर कर अपने व अपने घर के ‌‌‌लोगो की सेवा करता था ।

चंद्रप्रकाश राजा के राज्य मे सभी लोग बलवान थे अगर वे सभी आपस मे मिल जाते तो वे किसी का भी सामना कर सकते थे । कुछ समय के बाद मे महावीर के घर मे एक पुत्र का जन्म हुआ । पुत्र पा कर माहवीर व उसके घर के लोग बहुत ही खुश हो गए थे । क्योकी उस समय पुत्र को ज्यदा महत्व दिया ‌‌‌जाता था ।

उनके घर चाहे पुत्र हो या पुत्री वे किसी को बुलाकर उसका नाम करण तक नही कर सकते थे इस कारण उन्होने अपने बेटे का नाम खुद ही रख लिया था उसका नाम मनोज था । समय बितता गया और मनोज अब 10 वर्ष का हो गया था । 10 वर्ष की उर्म मे मनोज को ऐसा चाव चढा कि वह जो भी कुछ देख लेता था तो वह वेसा ही करने ‌‌‌लग जाता था।

इससे वह हर एक कार्य को आसानी से करने वाला बनने लगा । जब वह ‌‌‌बढा हो गया तो उसे भाला व तलवार बाजी व अन्य काम भी आसानी से आने लग गए थे । उसके पास इतना ज्ञान बचपन मे ही था की वह जिस भी कार्य को देख लेता तो वह उसे कर सकता था । अब मनोज अपने राज्य मे सबसे बलवान हो गया था ।

उसे इस बारे ‌‌‌मे कुछ भी नही पता था क्योकी उसके साथ जो उसकी ताकत का अंजादा दिला सके ऐसा कोई भी नही था । मनोज गरीब होने के कारण कोई भी उसके साथ खेलता नही और न ही उसके साथ लडाई करते थे । एक बार उसी नगर का राजा चंद्रप्रकाश किसी दुसरे राज्य की तरफ जा रहा था । दुसरे राज्य मे जाते समय बिच मे एक जंगल आता था।

‌‌‌जगल से जाते समय राजा ने देखा की मनोज अपनी योद्धा बनने की तैयारी कर रहा है तब तो उन्होने कुछ नही कहा और चुप चाप वहा से दुसरे राज्य मे चले गए । पर जब वे वापस आ रहे थे तो रात्री होने को थी । तभी उन्होने वापस देखा की मनोज अभी भी  योद्धा बनने की तैयारी कर रहा है तब राजा ने मनोज को बुलवाया और पुछा की ‌‌‌बालक तुम कोन हो और यहा क्या कर रहे हो ।

मनोज ने कहा की महाराज मे आपके राज्य का ही बालक हूं और यहा पर योद्धा बनने की तैयारी कर रहा हूं । तब राजा ने कहा की तुम मेरे राज्य के होकर मेरे पास आकर तैयारी क्यो नही कर लेते । तब मनोज ने कहा की महाराज मे बहुत ही गरीब हूं कोई भी मुझे अपने पास तक नही ‌‌‌आने देता है और फिर आपके महल मे कोई मुझे कैसे आने देगा ।

तब राजा ने अपने सेनिक से कहा की ‌‌‌तुम इस बालक को अपने साथ ले जाओ और कल मे खुद इसकी तैयरी देखूगा अगर यह योद्धा बनने के लिए तैयार है तो इसे मै अपनी सेना मे भर्ती कर लुगा । अपने राजा के आदेश की पालना करते हुए ‌‌‌वह सेनिक मनोज को अपने साथ ले गया ‌‌‌। दुसरे दिन राजा ने अपने अन्य योद्धा के साथ मनोज की परीक्षा ली ।

पहले तो मनोज के सामने उससे भी छोटे बालक को लडने के लिए भेजा पर मनोज ने उसे एक ही वार मे धुल चटा ‌‌‌दी । तब राजा ने उसके जितने बडे बालक को लडने के लिए भेजा तो मनोज ने उसे भी धुल चटा ‌‌‌दी । इसी तरह से राजा उसके सामने बडे बडे योद्धा को ‌‌‌भेजता गया और मनोज उन्हे हराता गया ।

अंत मे मनोज के साथ लडने के लिए राजा का सबसे बडा योद्धा आया पर मनोज उससे ‌‌‌उससे हार गया । फिर राजा ने मनोज से कहा की तुम और क्या जानते हो । तब मनोज ने कहा की आप अन्य कार्य भी करवा सकते है ।‌‌‌ राजा ने मनोज से सारे काम करवाकर देख लिए जिनकी युद्ध मे आवश्यकता होती है ।

गुदड़ी का लाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है? - gudadee ka laal hona muhaavare ka arth kya hota hai?

मनोज उन सभी कार्यो को पुरी तरह से सही कर सका । तब राजा ‌‌‌उससे प्रसन्न होकर उसे अपनी सेना मे भर्ती कर लिया और उसकी प्रसन्सा करते हुए कहा की यह तो गुदड़ी का लाल है । जिसका अर्थ था गरीब होते हुए भी अपने वंशो मे सबसे महान है ‌‌‌इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

गुदड़ी का लाल ‌‌‌मुहावरे पर निबंध

साथियो अगर कोई अपने वंश के सभी लोगो मे से महान है जिसमे अनेक गुण हो तो ऐसे बालक को गुदड़ी का लाल कहा जाता है । ऐसे बालक या इंसान कम ही देखने को मिलते है करोडो लोगो मे से कोई एक ही मिलता है । जिस तरह से ‌‌‌अब्दुलकलाम जो अपने पुरे वंश मे से एक ही ऐसे इंसान थे ‌‌‌जिन्होने देश का नाम उच्चा किया था ।

‌‌‌उनके वंश मे उनके जितना महान और गुण वाला और कोई भी नही था । इस तरह के लोग होते है पर कम होते है। इनके गुणो को देखकर यह कहा भी नही जा सकता है की यह उस वंश का बेटा है जिसमने कभी किसी ने इतना महान या गुणवान काम नही किया है ।

  • गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
  • बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌इस तरह से गुदड़ी का लाल मुहावरे  का प्रयोग किया जाता है । गुदड़ी का लाल का सिध व सरल अर्थ यह है की गरीब घर मे जब ऐसे बालक का जन्म हो जाता है ‌‌‌जिसमे अनेक गुण हो जो किसी एक मे हो नही सकते और कभी उनके पुर्वजो मे नही थे । ऐसे बालक का जन्म जब हो जाता है तो ‌‌‌उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।