लड़कियां शिवलिंग को क्यों नहीं छूती? - ladakiyaan shivaling ko kyon nahin chhootee?

कई लोगों का मानना है कि भगवान शिव की पूजा करने से जल्द ही शादी हो जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव को देवताओं में सर्वश्रेष्ठ देवता माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अविवाहित महिलाओं के लिए शिवलिंग की पूजा करना और उसे छूना वर्जित है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसके पीछे क्या कारण है।

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अविवाहित महिला को शिवलिंग छूने से बचना चाहिए अविवाहित लड़कियां क्यों नहीं छूती है शिवलिंग अविवाहित लड़कियों को शिवलिंग का स्पर्श क्यों वर्जित है ? मंदिरों में पूजा शिवलिंग पूजा एक मार्च को शिवरात्रि का त्योहार है. हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्री मनाई जाती है. इस दिन भोलनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. माना जाता है कि इस दिन पूरे मन से पूजा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है. एक तरफ जहां ये कहा जाता है कि शिव जी का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनभावन पति मिलता है. वहीं कई जगह ऐसी मान्यता भी है कि महिलाओं (खासतौर पर कुंवारी लड़कियां) को शिवलिंग छूने की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में सभी के मन में यह सवाल आता है कि जब पूजा करने की अनुमति है तो भगवान को छूने की अनुमति क्यों नहीं.क्या है इसके पीछे की कहानी?दरअसल कहा जाता है कि शिवलिंग को खासतौर से कुंवारी कन्याओं को हाथ नहीं लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि लिंग पुरुष का अंग होता है, इसलिए कुंवारी महिलाओं को इसे नहीं छूना चाहिए. पुरुषों को शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. अगर महिलाएं शिव जी की पूजा करती भी हैं तो उन्हें शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए, शिवलिंग की नहीं. रामायण में भी सीता जी माता पार्वती की पूजा करती हैं. रामायण में भी इस बात का उल्लेख है कि देवी सीता ने मां गौरी का पूजन करके अपना श्री राम के रूप में मनचाहा वर पाया था.''मां पार्वती हो जाती हैं नाराज़कहते हैं कि महिलाओं का श‍िवलिंग को छूकर पूजा करना मां पार्वती को पसंद नहीं है. मां पार्वती इससे नाराज हो सकती हैं. महिलाओं को श‍िव की पूजा मूर्ति रूप में करनी चाहिए. वहीं अगर वह शिव परिवार की पूजा करती हैं तो यह उनके लिए अति लाभकारी होता है. इससे परिवार में खुशहाली और सुख संपत्ति बनी रहती है.  देवों के देव महादेव देवताओं में सबसे श्रेष्ठ देव हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि शिवलिंग की पूजा करना व उसे छूना कुंवारी नारियों के लिए निषेध है। आखिर इसके पीछे क्या कारण है? आइए जानते हैं।  (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 1. लिंगम एक साथ योनि (जो देवी शक्ति का प्रतीक है वा महिला की रचनात्मक ऊर्जा है) का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि शास्त्रों में ऐसे कुछ नहीं लिखा है। शिवपुराण अनुसार यह एक ज्योति‍ का प्रतीक है। फिर भी समाज में प्रचलित धारणा अनुसार शिवलिंग की पूजा सिर्फ पुरुष के द्वारा संपन्न होनी चाहिए न कि नारी के द्वारा। साथ ही विशेष रूप से अविवाहित स्त्री को शिवलिंग पूजा से पूरी तरह से वर्जित है। यह ऐसा क्यों है? Sawan 2020: भगवान शिव के पसंदीदा महीने सावन में भक्त उन्हें प्रसन्न करने के तमाम उपाय करते हैं। सावन के सोमवार को श्रद्धालु भोले भंडारी की पूजा-अर्चना में रमे होते हैं। इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी विशेष फलदायी होता है। महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु होने की महादेव व माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए भगवान शिव की अराधना करती हैं और सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखती हैं। लेकिन शिव पूजन को लेकर कई नियम भी हैं जिनसे भक्तों को अवगत रहना चाहिए। माना जाता है कि अविवाहित युवतियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। कुंवारी लड़कियों के लिए शिवलिंग छूना भी वर्जित होता है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या है वजह-तप न हो भंग: कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कई धार्मिक कारणों का उल्लेख है। माना जाता है कि तप में व्यस्त भगवान शिव की तपस्या में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही, शिवलिंग की परिक्रमा करने से भी अविवाहित युवतियों को मनाही है।किवदंतियों का ऐसा है मानना: किवदंतियों के अनुसार अविवाहित नारी को शिवलिंग के पास जाने की भी अनुमति नहीं होती है। उनका मानना है कि अगर ये कुंवारी युवतियां शिवलिंग के चारों ओर घूमेंगी तो हो सकता है भगवान शिव के तप में खलल पड़ जाए। ऐसे में कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग के स्पर्श, पूजन व परिक्रमा से बचना चाहिए।लोकप्रिय खबरें11 दिन बाद उदय होने जा रहे हैं बुध ग्रह, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हर कार्य में सफलता के योग (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 14 जनवरी से चमक सकती है इन 3 राशि वालों की किस्मत, सूर्य देव करेंगे मकर राशि में प्रवेशDiabetes: Blood Sugar कंट्रोल करने में सहायक है लहसुन; एक्सपर्ट से जानिए किस तरह से करें सेवन (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); 13 मार्च तक वृष राशि में विराजमान रहेंगे मंगल ग्रह, इन 3 राशि वालों की धन- दौलत में अपार बढ़ोतरी के आसारपूजा करने में नहीं है कोई बंदिश: भले ही कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग स्पर्श करने से मना किया जाता है, लेकिन शिव की पूजा करने से कतई रोक नहीं है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर मिलता है और शादी में उत्पन्न हो रहीं रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अविवाहित कन्याएं कई उपाय कर सकती हैं। अविवाहित लड़कियों को भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, कुंवारी युवतियां लगातार 16 सोमवार का व्रत रखकर भी महादेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं। सावन के महीने में पूरे मन से भगवान शिव की स्तुति करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होने की भी मान्यता है। शिवलिंग शिव जी का कौन सा अंग है?

क्योंकि इस उत्तर दिशा में भगवान शिव जी का बाया अंग होता है और शक्ति रूपा देवी उमा/पार्वती जी का स्थान होता है। शिवलिंग को शिवलिंग क्यों कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंलिंग रूप में इन्हें समस्त ब्रह्मांड में पूजा जाता है क्योंकि वो समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं. इसलिए शिव मूर्ति और लिंग दोनों रूप में पूजे जाते हैं.

औरतों को शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए?

पुरुष और महिलाएं दोनों ही शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं मगर स्त्रियों को शिवलिंग की पूजा करते समय एक बात पर ध्यान देना ज़रूरी है। स्त्रियां कभी भी शिवलिंग की पूजा करते वक़्त शिवलिंग को हाथ ना लगाएं। ऐसा माना जाता है कि स्त्रियों का शिवलिंग को छूना माता पार्वती को बिल्कुल पसंद नहीं है।

महिलाओं को शिवलिंग छूना क्यों वर्जित है?

दरअसल कहा जाता है कि शिवलिंग को खासतौर से कुंवारी कन्याओं को हाथ नहीं लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि लिंग पुरुष का अंग होता है, इसलिए कुंवारी महिलाओं को इसे नहीं छूना चाहिए. पुरुषों को शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. अगर महिलाएं शिव जी की पूजा करती भी हैं तो उन्हें शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए, शिवलिंग की नहीं.

गर्भवती महिलाओं को शिवलिंग क्यों नहीं छूना चाहिए?

क्योंकि गर्भवास्था में प्रत्येक स्त्री एक नए जीव को जन्म देने वाली होती है जो उसके गर्भ में पल रहा होता है। इसी कारण से किसी स्त्री को गर्भ दोष न लगे इसलिए शिवलिंग और किसी भी देव स्पर्श को इस समय में न करने के लिए कहा जाता है।