लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक क्या बदलाव देखा? - lekhak ne gvaaliyar se mumbee tak kya badalaav dekha?


लेखक ने ग्वालियर से बम्बई तक अनेक बदलावों को महसूस किया जैसे पहले बड़े-बड़े घर, आँगन और दालान होते थे। अब डिब्बे जैसे घर होते हैं, पहले सब मिलकर रहते थे अब सब अलग-अलग रहते हैं, इमारतें ही इमारतें हैं पशु-पक्षियों के रहने के लिए स्थान नहीं रहे,पहले अगर वे घोंसले बना लेते थे तो ध्यान रखा जाता था पर अब उनके आने के रास्ते बंद कर दिए जाते हैं। 

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अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

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स्पर्श भाग २

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लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक अनेक बदलाव देखे-

• उसके देखते-देखते बहुत सारे पेड़ कट गए। 

• नई-नई बस्तियाँ बस गईं। 

• चौड़ी सड़कें बन गईं। 

• पशु-पक्षी शहर छोड़कर भाग गए। जो बच गए उन्होंने जैसे-तैसे यहाँ-वहाँ घोंसला बना लिया।

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए -
लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Solution

लेखक पहले ग्वालियर में रहता था। फिर बम्बई के वर्सोवा में रहने लगा। पहले घर बड़े-बड़े होते थे, दालान आंगन होते थे अब डिब्बे जैसे घर होते हैं, पहले सब मिलकर रहते थे अब सब अलग-अलग रहते हैं, इमारतें ही इमारतें हैं पशुपक्षियों के रहने के लिए स्थान नहीं रहे, पहले अगर व घोसले बना लेते थे तो ध्यान रखा जाता था पर अब उनके आने के रास्ते बंद कर दिए जाते हैं।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक क्या बदलाव देखा? - lekhak ne gvaaliyar se mumbee tak kya badalaav dekha?

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Lekhak Mein Gwalior se Mumbai Tak kin badlav Ko mahsus Kiya paath ke Aadhar per spasht kijiye

  • Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

    • 1 answers

    लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक अनेक बदलाव देखे-

    • उसके देखते-देखते बहुत सारे पेड़ कट गए। 

    • नई-नई बस्तियाँ बस गईं। 

    • चौड़ी सड़कें बन गईं। 

    • पशु-पक्षी शहर छोड़कर भाग गए। जो बच गए उन्होंने जैसे-तैसे यहाँ-वहाँ घोंसला बना लिया।

    लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक क्या बदलाव देखा? - lekhak ne gvaaliyar se mumbee tak kya badalaav dekha?

    Posted by Ambika Sk Ambika Sk 11 months, 4 weeks ago

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    Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

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    Posted by Aptha Gowda 1 year, 6 months ago

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    Posted by Kaief Bhatti 1 year, 6 months ago

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    Posted by Vishali Vishali 1 month, 3 weeks ago

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    Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

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    Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

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    Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

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    Posted by Nisha Pareek 1 year, 5 months ago

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    Posted by Jyoti >_< 1 year, 8 months ago

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    लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले पाठ के आधार पर लिखिए?

    नई-नई बस्तियाँ बस गईं। चौड़ी सड़कें बन गईं। पशु-पक्षी शहर छोड़कर भाग गए। जो बच गए उन्होंने जैसे-तैसे यहाँ-वहाँ घोंसला बना लिया।

    लेखक ग्वालियर से कहाँ गए थे?

    लेखक पहले ग्वालियर में रहता था। फिर बम्बई के वर्सोवा में रहने लगा।

    ग्वालियर से मुंबई की दूरी ने संसार को कैसे बदल दिया है?

    ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफ़ी कुछ बदल दिया है। वीवा में जहाँ आज मेरा घर है, पहले यहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब समंदर के किनारे लंबी-चौड़ी बस्ती बन गई है।