इस लेख के माध्यम से आप “लोकतंत्र और शिक्षा (Democracy and Education)” के बारे में अध्ययन करेंगे। आप जानेंगे कि – लोकतंत्र किसे कहते हैं? लोकतंत्र का अर्थ क्या है? लोकतंत्र की परिभाषा क्या है? लोकतंत्र में शिक्षा का महत्व क्या है? शिक्षा में लोकतंत्र का महत्व क्या है? Show
लोकतंत्र (Democracy)लोकतंत्र को जनतंत्र अथवा प्रजातंत्र भी कहा जाता है। लोकतंत्र का मतलब वैसा शासन प्रणाली से जिसमें लोगों का शासन होता है। लोकतंत्र की परिभाषाअब्राहम लिंकन के अनुसार :- लोकतंत्र वैसी शासन प्रणाली है जिसमें जनता को, जनता के लिए तथा जनता के द्वारा शासन किया जाता है। ब्राइस के अनुसार :- लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें राज्य की शासन शक्ति किसी वर्ग विशेष अथवा वर्गों में निहित ना होकर संपूर्ण समाज के सदस्यों में निहित होती है। डायसी के अनुसार – लोकतंत्र वह समाज है जिसमें अधिकारों की साधारण समानता तथा स्थिति की, विचारों की, भावनाओं की तथा आदर्शों की समानता पाई जाती है। लोकतंत्र और शिक्षा
लोकतंत्र में शिक्षा का महत्व
शिक्षा में लोकतंत्र का महत्व
लोकतंत्र की शिक्षण पद्धति
इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि “लोकतंत्र (Democracy)” किसे कहते हैं? मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी तथा यह आपके लिए उपयोगी भी होगा। इसी तरह के अन्य लेख को पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए…..RKRSTUDY.NET Read more…
ForYouTube Video — Click HEREशिक्षा की लोकतांत्रिक अवधारणा से आप क्या समझते हैं?एक लोकतांत्रिक समाज में शिक्षा के उद्देश्य की अभिव्यक्ति उचित नागरिक के पूर्ण विकास में निहित है। एक उचित नागरिक से तात्पर्य यह है कि व्यक्ति अपने स्वयं के प्रति तथा अपने सहयोगियों के प्रति उत्तरदायित्व को निभा सके। वह ऐसा व्यक्ति हो जो अपने अधिकारों और कर्तव्यों के संबंध में जागरूक हो।
लोकतंत्र और शिक्षा में क्या संबंध है स्पष्ट कीजिए?लोकतंत्र और शिक्षा का आपस में अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है और एक के अभाव में दूसरा सफल नहीं हो सकता । लोकतंत्र लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करने में विश्वास करता है । परंतु, यदि लोग शिक्षित नहीं हैं तो उनकी स्वतंत्रता अराजकता और अनुशासनहीनता की तरफ जा सकती है। लोकतांत्रिक शिक्षा के लिए आर्थिक - आत्मनिर्भरता भी आवश्यक है।
लोकतंत्र में शिक्षा के क्या उद्देश्य है?लोकतांत्रिक शिक्षा का उद्देश्य हर व्यक्ति के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास करना है। अर्थात् शिक्षा छात्रों के समुदाय में रहने की कला का विकास आधार है। भारतीय समाज " एकता में अनेकता” का व्यापक उदाहरण प्रस्तुत करता है। भारत अपनी क्षेत्रीय सीमाओं के पार व्यापक विविधताओं के साथ एक राष्ट्र राज्य है।
क्या शिक्षा लोकतंत्र व्यवस्था को सुगम बनाती है चर्चा कीजिए?शिक्षा को अधिक सार्थक, संगत व उपयोगी बनाने के लिए इसकी समस्त प्रक्रिया में लोकतंत्रीय मूल्यों तथा सिद्धान्तों का प्रयोग करना चाहिए। इसी प्रकार शिक्षा के बिना कोई लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता है, क्योंकि किसी भी सभ्य समाज के नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान होना आवश्यक है।
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