लक्ष्मण की तीन तीन विशेषताएं लिखिए - lakshman kee teen teen visheshataen likhie

लक्ष्मण की तीन तीन विशेषताएं लिखिए - lakshman kee teen teen visheshataen likhie

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CBSE Board/Class-10/ हिंदी-अ/क्षितिज-2 (कव्यखंड)

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 2010 से 2020 तक ‘पाठ-राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद-तुलसीदास’ से पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर- 

पाठ-राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद-तुलसीदास


paper-2010

प्रश्न-1. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ के आधार पर परशुराम के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- परशुराम के स्वभाव की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वे वीर व शक्तिशाली थे।

(ii) वे क्षत्रिय राजाओं को अपना शत्रु मानते थे।

(iii) वे बचपन से ही बालब्रह्मचारी और  संन्यासी थे।

(iv) क्रोधी स्वभाव होने कारण वे बात-बात पर नाराज हो जाते थे।

(v) उन्होंने क्षत्रिय राजाओं को मारकर बची हुई जमीन ब्राह्मणों में दान की  थी।

प्रश्न-2. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ पाठ में लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताईं हैं?

उत्तर- लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्न विशेषताएँ बताई-

(i)जो सच में वीर होते हैं, वे कमजोरों पर वार नहीं करते।

(ii) उनमें धैर्य रखने और क्षमा करने का गुण होता है।

(iii) वे दिखावा नहीं करते हैं।

(iv) वे स्वयं की प्रशंसा नहीं करते हैं।

(v) वे युद्ध के मैदान में वीरता का प्रदर्शन करते हैं।

(vi) वे व्यर्थ में क्रोध नहीं करते हैं।

(vii) वे शत्रु के सामने अपनी वीरता की बाते नहीं करते हैं बल्कि उससे युद्ध करते हैं।

नोट- कोई तीन बिंदु लिखना पर्याप्त हैं।

प्रश्न-3. परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की प्रतिक्रियाओं के आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण के स्वभाव की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

1-राम का स्वभाव-

(i) राम शांत स्वभाव के हैं।

(ii)उनकी वाणी में मधुरता है।

(iii) वे विनम्र और सहनशील हैं।

(iv) वे बड़ों और गुरु का आदर करते हैं।

(v)परशुराम के कठोर वचनों का उत्तर वे बड़ी सहजता से देते हैं और उनका दिल जीत लेते हैं।

2-लक्ष्मण का स्वभाव-

(i)लक्ष्मण का स्वभाव राम के विपरीत है।

(ii)उनकी जुबान छुरी के समान तेज है।

(iii)वे परशुराम से बहस करके उनका क्रोध बढ़ा देते हैं।

   अंत में यही कहा जा सकता है कि अगर राम शीतल जल हैं तो लक्ष्मण आग।

नोट- दोनों में से किन्हीं तीन बिंदु को लिखना पर्याप्त है।


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paper-2011

प्रश्न-4. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ काव्यांश के आधार पर राम और लक्ष्मण  के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- राम और लक्ष्मण की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) राम विनम्र और लक्ष्मण क्रोधी हैं।

(ii) राम परशुराम के वचनों का उत्तर शांतपूर्वक देते हैं वहीं लक्ष्मण क्रोध पूर्वक।

(iii) राम परशुराम का आदर करते हैं जबकि लक्ष्मण उन पर व्यंग्य करते हैं।

प्रश्न-5. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ पाठ में लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताईं हैं?

उत्तर- लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्न विशेताएँ बताई हैं-

(i) वीर योद्धा कमजोरों पर हाथ नहीं उठाते हैं।

(ii) वे अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते हैं।

(iii) वे युद्ध के मैदान में शत्रु के सामने अपनी वीरता की बातें नहीं युद्ध करते हैं।

प्रश्न-6. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर शूरवीर की विशेषताएँ बताइए?

उत्तर- शूरवीर की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वह सच्चा और निडर होता है।

(ii) वह युद्ध के मैदान में व्यर्थ की बातें नहीं करता है।

(iii) वह युद्ध स्थल में वीरता का परिचय देता है।


paper-2012

प्रश्न-7. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ में लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

उत्तर- लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई हैं-

(i) वे व्यर्थ में क्रोध नहीं करते हैं।

(ii) सच्चा योद्धा रणभूमि में अपनी वीरता दिखाता है।

(iii) वह अपना गुणगान स्वयं नहीं करता है।

प्रश्न-8. लक्ष्मण के स्थान पर यदि आप होते तो परशुराम से कैसा व्यवहार करते और क्यों?

उत्तर- यदि मैं लक्ष्मण के स्थान पर होता तो परशुराम से विनम्र व्यवहार करता क्योंकि वे हमसे बड़े और सम्मानीय हैं। राम की तरह दास कहकर उनका दिल जीत लेता। मैं परशुराम के वचनों को पहले धैर्य पूर्वक सुनता उसके बाद ही सरलता से उत्तर देता।

प्रश्न-9. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम  संवाद’ पाठ में राम और लक्ष्मण के स्वभाव में क्या अंतर दिखाई दिया? एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर- राम और लक्ष्मण के स्वभाव में निम्न अंतर दिखाई देते हैं-

राम- इनका स्वभाव सरल और विनम्र है। वे वीर और निडर होते हुए भी धैर्यवान हैं। उदाहरण- वे परशुराम के क्रोध करने पर विनम्रता से कहते हैं, ‘हे नाथ शिव धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई दास होगा।

लक्ष्मण- ये वीर, निडर, और साहसी हैं लेकिन क्रोध भी करते हैं। वे हर बात पर परशुराम से तर्क करते हैं। उदाहरण-परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि ‘हमने बचपन में बहुत धनुष तोड़े तब किसी ने कुछ नहीं कहा।’


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paper-2013

प्रश्न-10. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर राम और लक्ष्मण के स्वभाव की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- राम और लक्ष्मण की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

1- राम वीर साहसी होते हुए भी शांत स्वभाव के हैं। वे बड़ों और गुरुओं का आदर करते हैं। वे परशुराम के क्रोध को विनम्रता से कम करने का प्रयास करते हैं।

2-लक्ष्मण निडर और साहसी तो हैं लेकिन बात करने में चतुर भी हैं। वे अपनी बात को व्यंग्य एवं तर्क ढ़ंग से प्रस्तुत करने में कुशल हैं। तभी तो परशुराम उनकी बातों को सुनकर अधिक क्रोधित हो जाते हैं।

प्रश्न-11. लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

उत्तर- लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्न विशेषताएँ बताई हैं-

(i) वीर योद्धा कमजोरों पर हाथ नहीं उठाते।

(ii) वे निडर, साहसी, बुद्धिमान और धैर्य  रखने वाले होते हैं।

(iii) वे अपनी वीरता की प्रशंसा अपने मुख से नहीं करते हैं।

(iv) वीर लोग युद्ध स्थल में शत्रु से युद्ध करते हैं।

नोट- अधिकतम तीन बिंदु पर्याप्त हैं।

प्रश्न-12. ‘साहस और शक्ति के साथ विनम्रता भी हो तो बेहतर है।’ राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद के आधार पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- साहस और शक्ति के साथ विनम्र होना अच्छा है। विनम्रता के आभाव में बनी बात बिगड़ जाती है और बिगड़ी बात विनम्रता से बन जाती है। राम परशुराम के साथ विनम्रता से बात करते हैं इसलिए वे सबके पूजनीय बन जाते हैं। वहीं परशुराम साहसी और शक्तिशाली होने के बाद भी क्रोधी कहलाते हैं।

प्रश्न-13. लक्ष्मण ने परशुराम को धनुष के टूट जाने के लिए क्या-क्या तर्क दिए।

उत्तर- लक्ष्मण ने परशुराम को धनुष के टूटने पर निम्न तर्क दिए-

(i) भैया राम ने धनुष को छुआ और टूट गया।

(ii) इस पुराने धनुष के टूटने से न किसी का लाभ हुआ और न ही हानि हुई।

(iii) मेरी नजर में सभी धनुष एक जैसे हैं।

(iv) हमने बचपन में तो बहुत धनुष तोड़े तब किसी ने कुछ नहीं कहा।

नोट- कोई तीन बिंदु लिखना पर्याप्त हैं।

प्रश्न-14. राम, लक्ष्मण एवं परशुराम में से किसका व्यवहार आपको अधिक अच्छा लगता है? क्यों? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर- मुझे सबसे अच्छा व्यवहार राम का लगा। क्योंकि वे साहसी, निडर और विनम्र हैं। उनमें संयम और धैर्य है। वे अपने से बड़ों और गुरुओं का आदर करते हैं। वे सभी बातें धैर्यपूर्वक सुनते हैं। राम सभी से मीठी वाणी में बात करते हैं। कोई भी कार्य वे नियम के बाहर नहीं करते हैं।

प्रश्न-15. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’   के आधार पर लिखिए कि विनम्रता को सहास और शक्ति कैसे कहा जा सकता है।

उत्तर- ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’   के आधार पर साहस और शक्ति का महत्व तभी होता है जब उसके पास विनम्रता होगी। राम विनम्र होने के कारण श्रेष्ठ और पूजनीय हैं। दूसरी ओर परशुराम साहसी और शक्तिशाली हैं। लेकिन वे सभा को डराते, भय दिखाते और क्रोध भी करते हैं। इसलिए वे लक्ष्मण के द्वारा व्यंग्य के पात्र बनते हैं।  


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paper-2014

प्रश्न-16. परशुराम के चरित्र की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- परशुराम के चरित्र को दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वे बहुत ही शक्तिशाली और वीर पुरुष हैं। उन्होंने अपनी शक्तिशाली भुजाओं से सहस्रबाहु राजा को मार डाला था।

(ii) वे स्वभाव से क्रोधी थे। छोटी-छोटी बातों पर भी क्रोध करते थे।

(iii) वे बचपन से ही ब्रह्मचारी और बहुत क्रोधी थे।

(iv) उन्होंने क्षत्रिय राजाओं को मारकर बची हुई पृथ्वी को कई बार ब्राह्मणों में दान की है।

नोट- प्रश्न के अनुसार कोई दो बिंदु ही लिखें।

प्रश्न-17. लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

उत्तर- निम्न विशेषताएँ बताई हैं-

(i) वीर योद्धा सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते बल्कि अपना पराक्रम दिखाते हैं।

(ii) जो वीर होते हैं वे अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते हैं।

(iii)सच्चे वीर निर्बल और कमजोरों पर वार नहीं करते।

प्रश्न-18. लक्ष्मण ‘कुम्हड़बतिया’ और ‘तर्जनी’ के उदाहरण से अपनी किस बात को सिद्ध करना चाहते हैं और क्यों?

उत्तर- लक्ष्मण ‘कुम्हड़बतिया’ और ‘तर्जनी’ के उदाहरण से कहना चाहते हैं कि यहाँ कोई कुम्हड़ के फल की तरह कमजोर नहीं है जिसकी तरफ तर्जनी उँगली दिखाने मात्र से ही मुरझा जाए। आपकी बड़ी-बड़ी बातों से यहाँ कोई नहीं डरने वाला है।

प्रश्न-19. पठित काव्यांश के आधार पर राम के स्वाभाव की दो विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- राम की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वे बहुत ही सरल और शांत स्वभाव के हैं। वे किसी भी समस्या का समाधान सरल ढंग से करते हैं।

(ii) राम किसी भी प्रश्न का उत्तर बहुत ही सहजता से देते हैं। क्रोध से दूर रहते हैं।

प्रश्न-20. परशुराम के साथ संवाद के संदर्भ में राम और लक्ष्मण में से किसका व्यवहार आपकी दृष्टि में अधिक प्रशंसनीय है और क्यों ?

उत्तर- राम और लक्ष्मण दोनों ही अपनी -अपनी जगह ठीक हैं। लेकिन मेरी दृष्टि राम का व्यवहार अधिक प्रशंसनीय है। क्योंकि राम विनम्रता से परशुराम का हृदय जीतने का प्रयास करते हैं वहीं लक्ष्मण उनके क्रोध को बढ़ा देते हैं। राम परशुराम के वचनों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं और लक्ष्मण उनकी बातों से भड़क जाते हैं। राम मीठी वाणी में बोलते हैं। वे मर्यादा का पालन करते हैं। वहीं लक्ष्मण परशुराम पर व्यंग्य करते हैं।

प्रश्न-21. लक्ष्मण के अनुसार वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ परशुराम में नहीं हैं?

उत्तर- लक्ष्मण के अनुसार वीर योद्धा की निम्न विशेषताएँ परशुराम में नहीं हैं-

(i) वीर पुरुष अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते बल्कि परशुराम करते हैं।

(ii) लक्ष्मण कहते हैं कि परशुराम में विनम्रता, सहनसीलता और धैर्य का अभाव है।

(iii) परशुराम कायरों की तरह बातें कर रहे हैं।

प्रश्न-22. परशुराम के क्रोध का मूल कारण क्या था? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- परशुराम के क्रोध का मूल कारण शिव धनुष का टूटना था। शिव धनुष परशुराम द्वारा जनक को दिया गया था। उसके टूटने पर परशुराम को छोड़कर सभी खुश थे। वे सभा को धमकाते हुए धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछते हैं। तब लक्ष्मण कहते हैं कि हमने बचपन में कई धनुष तोड़े हैं। भैया राम ने धनुष को छुआ इतने में टूट गया इसमें उनका कोई दोष नहीं है। इन बातों को सुनकर परशुराम का क्रोध और भी बढ़ जाता है।

प्रश्न-23. लक्ष्मण-परशुराम संवाद में तुलनात्मक दृष्टि से इन दोनों में आपको किसका स्वभाव अच्छा लगता है?

उत्तर- वैसे तो लक्ष्मण और परशुराम  दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर ठीक हैं। परन्तु मुझे लक्ष्मण का स्वभाव अच्छा लगता है। क्योंकि वे तर्क के साथ व्यंग्य भी करते हैं। जब परशुराम पूरी सभा को डराते-धमकाते हैं, उस समय लक्ष्मण निडरता और साहस के साथ अपना परिचय देते हैं। वे परशुराम के प्रश्नों का जवाब तर्क और वीरता के साथ देते हैं। लक्ष्मण का यह व्यवहार हमें अन्याय न सहने की प्रेरणा देता है।

प्रश्न-24. लक्ष्मण ने किन तर्कों के आधार पर धनुष भंजन के कार्य की निर्दोषता सिद्ध की?

उत्तर- लक्ष्मण ने निम्न तर्कों के आधार पर धनुष भंजन के कार्य की निर्दोषता इस प्रकार से सिद्द की-

(i) भैया राम ने धनुष को देखा और छुआ इतने में टूट गया इसमें उनका कोई दोष नहीं है।

(ii) इस धनुष के टूटने से न किसी की हानि हुई और न ही किसी लाभ हुआ।

(iii) मेरी दृष्टि में सभी धनुष एक जैसे हैं।

प्रश्न-25. वीर योद्धा की विशेषताओं को पठित पाठ के आधार पर अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- (i) वीर पुरुष स्वयं की प्रशंसा नहीं करते बल्कि वीरता दिखाते हैं।

(ii) वे लंबी-लंबी बातें नहीं करते हैं उसके स्थान पर अपने पराक्रम का परिचय देते हैं।

(iii) वीर पुरुष असहायों की मदद करते हैं।

प्रश्न-26. परशुराम के स्वभाव एवं व्यक्तित्व की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताइए कि उनमें कौन-सी विशेषताएँ आपको अच्छी लगती हैं।

उत्तर- परशुराम एक वीर, निडर, साहसी और शिव भक्त पुरुष थे। वे बहुत ही क्रोधित थे। बात-बात पर नाराज हो जाते थे। उन्होंने सहस्रबाहु को मार डाला था। वे क्षत्रियों को अपना शत्रु मानते थे। हमें उनका संकल्पी और साहसी गुण बहुत अच्छा लगा।


paper-2015

प्रश्न27. 2015 में इस पाठ से संबंधित प्रश्न नहीं पूछा गया था।


2016

प्रश्न-1. ‘गाधिसूनु’ किसे कहा गया है? वे मुनि की किस बात पर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे?

उत्तर- ‘गाधिसूनु’ विश्वामित्र को कहा गया है। जब सभा में परशुराम क्रोध में लक्ष्मण को बार-बार डरा-धमका रहे थे तब मुनि विश्वामित्र मन ही मन मुस्कुरा रहे थे। मुनि मन ही मन कह रहे थे कि परशुराम राम और लक्ष्मण को साधारण बालक समझने की गलती कर रहे हैं। जबकि वे सामान्य नहीं वीर बालक हैं।

प्रश्न-2. स्वयंवर स्थल पर शिव धनुष तोड़ने वाले को पशुराम ने किस प्रकार धमकाया ?

उत्तर- स्वयंवर स्थल पर शिवजी का  धनुष टूटा हुआ रखा था। परशुराम टूटे हुए धनुष को देखकर सभा को धमकाते हुए कहते हैं कि जिसने भी यह धनुष तोडा है, वह मेरे लिए सहस्रबाहु के समान शत्रु होगा। उसने इस धनुष को तोड़कर लड़ाई करने का काम किया है। धनुष तोड़ने वाला सभा से बाहर निकल आए नहीं तो सारे राजा मारे जाएँगे।

प्रश्न-3.परशुराम की स्वभावगत विशेषताएँ क्या हैं? पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर- परशुराम की स्वभावगत विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) परशुराम क्रोधी स्वभाव के हैं।

(ii) वे क्षत्रियों को अपना शत्रु मानते हैं।

(iii) वे बालकों का वध न करने की बात कहकर मर्यादा का पालन करते हैं।

(iv) वे अपने हाथों में हमेशा फरसा लिए  रहते हैं।

(v) उन्होंने क्षत्रिय राजाओं को मारकर, बची हुई भूमि कई बार ब्राह्मणों को दान की है।

(vi)  वे गुरु का आदर करते हैं।

नोट- किन्हीं तीन बिंदु को लिखना पर्याप्त है।

प्रश्न-4. ‘साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है- इस कथन पर अपने विचार ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के अलोक में कीजिए

उत्तर- साहस और शक्ति का गुण एक वीर पुरुष के लिए आवश्यक है। अगर साथ में विनम्रता हो तो और भी अच्छा है। विनम्रता के अभाव में कभी-कभी बने काम बिगड़ जाते हैं और विनम्रता से ही बिगड़े काम बन जाते हैं। विनम्रता से हम

अपने शत्रुओं का भी दिल जीत सकते हैं।


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2017

प्रश्न-5. ‘बहु धनुही तोरी लरिकाईं’- यह किसने कहा और क्यों ?

उत्तर- ‘बहु धनुही तोरी लरिकाईं’- यह बात लक्ष्मण ने कही है। वे कहते हैं कि मैंने बचपन में बहुत धनुष तोड़े हैं, तब किसी ने क्रोध नहीं किया। इस धनुष पर ही इतना क्रोध क्यों? आपको इसी धनुष से अधिक प्रेम क्यों है?

प्रश्न-6. लक्ष्मण ने शूरवीरों के क्या गुण बताए हैं?

उत्तर- लक्ष्मण ने शूरवीरों के निम्न गुण बताए हैं-

(i) वीर पुरुष गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करते हैं।

(ii) वे व्यर्थ में क्रोध नहीं करते।

(iii) शत्रु से वे अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं।

(iv) शूरवीर देवता, ब्राह्मण, भक्त और गाय पर वीरता नहीं दिखाते हैं।

प्रश्न-7. ‘धनुष को तोड़ने वाला कोई तुम्हारा दास होगा’- के आधार पर राम के स्वभाव पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- राम के स्वभाव की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वे निडर, साहसी और विनम्र स्वभाव के हैं।

(ii) वे मृदुभाषी और धैर्यवान हैं।

(iii) वे गुरु और बड़ों का आदर करते हैं।

(iv) वे लक्ष्मण और परशुराम की तरह क्रोध नहीं करते हैं।

(v) राम मर्यादा का पालन करते हैं।

प्रश्न-8. काव्यांश के आधार पर परशुराम के स्वभाव की दो विशेषताओं पर सोदाहरण टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- काव्यांश के आधार पर परशुराम के स्वभाव की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) वे बचपन से बालब्रह्मचारी और बहुत क्रोधी स्वभाव के हैं-

उदाहरण- ‘बालब्रह्मचारी अति कोही।

        बिस्वबिदित क्षत्रिय कुल द्रोही।।’

(ii) परशुराम सिव धनुष तोड़ने वाले को सहस्रबाहु के समान अपना शत्रु मानते हैं-

उदाहरण- सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा।         

               सहस्रबाहु सम सो रिपु मोरा।।


2018

प्रश्न-9. परशुराम ने अपनी किन विशेषताओं के उल्लेख द्वारा लक्ष्मण को डराने का प्रयास किया है?

उत्तर- परशुराम अपनी निम्न विशेषताओं से लक्ष्मण को डराने का प्रयास करते हैं-

(i) मैं बचपन से ब्रह्चारी और क्रोधी स्वभाव का हूँ।

(ii) मैं क्षत्रियों का शत्रु हूँ।

(iii) मैंने सहस्रबाहु का वध कर दिया था।

(iv) वे बार-बार फरसा दिखाकर डरा रहे थे।


2019

प्रश्न-10. इस वर्ष ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ से कोई प्रश्न नहीं पूछा गया।


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2020

प्रश्न-11. परशुराम के प्रति लक्ष्मण के व्यवहार पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर- परशुराम के प्रति लक्ष्मण का व्यवहार निडर और वीर योद्धाओं वाला रहा है। वे परशुराम के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर तर्कपूर्ण देते हैं। जब परशुराम पूरी सभा को ललकारते हैं तब लक्ष्मण उनके सामने खड़े हो जाते हैं। उनका निडरता से खड़े होकर अन्याय का विरोध करने का गुण मुझे अच्छा लगा। लेकिन पशुराम एक मुनि थे इस दृष्टि से उन्हें उनका आदर करना चाहिए था।

प्रश्न-12. परशुराम विश्वामित्र से लक्ष्मण की शिकायत किन शब्दों में करते हैं ?

उत्तर- परशुराम विश्वामित्र से लक्ष्मण की शिकायत निम्न शब्दों में करते हैं-

(i) यह बालक कमबुद्धि, स्वभाव से टेड़ा और नियंत्रण से बाहर है।

(ii)  इसमें कोई मर्यादा नहीं है।

(iii) ये अपने कुल(वंश) को नाश करने वाला है।

(iv)  यह गुरु के सामने बहस करने के कारण वध के योग्य हो गया है।

(v)  यह कड़वी बातें कर रहा है।

प्रश्न-13. लक्ष्मण ने अपने कुल की किस विशेषता का उल्लेख किया है ? क्यों ?

उत्तर- लक्ष्मण ने अपने कुल की निम्न  विशेषताओं उल्लेख किया-

(i) लक्ष्मण कहते हैं कि मेरे कुल की परम्परा है। हम देवता, ब्राह्मण, ईश्वर के भक्त और गायों पर वीरता नहीं दिखाते हैं। 

(ii) वे कहते हैं इनको (देवता, ब्राह्मण, ईश्वर के भक्त और गाय) मारने से संसार में हमारे कुल की निंदा होगी।

प्रश्न-14. “अल्पवयस बालक बुजुर्गों को छेड़कर आनंदित होते हैं” – ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- जिस प्रकार छोटे बच्चे बुजुर्गों को छेड़कर खुश होते हैं ठीक उसी प्रकार लक्ष्मण भी परशुराम पर कटाक्ष (व्यंग्य) करते हैं-

(i) हमने बचपन में कई धनुष तोड़े तब आपने क्रोध नहीं किया।

(ii) आपके वचन बहुत कठोर हैं। व्यर्थ में ही धनुष-बाण और फरसा धारण कर रखे हैं।

(iii) इस पुराने धनुष के टूटने से न किसी का लाभ है और न ही किसी की हानि।

(iv) वीर पुरुष वीरता दिखाकर अपना परिचय देते हैं।

(v) कायर लोग युद्ध में शत्रु के सामने अपनी झूठी प्रशंसा करते हैं।

(vi) आप बार-बार मुझे फरसा दिखाकर डरा रहे हो। ऐसा लगता है जैसे एक ही फूंक में पहाड़ उड़ा दोगे।

प्रश्न-15. ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में संवाद लक्ष्मण और परशुराम के बीच चल रहा था जबकि राम मूकदर्शी थे। राम का मौन उनके स्वभाव की कौन-सी विशेषताओं को उजागर करता है ?

उत्तर- राम का मौन उनकी निम्न विशेषताओं को उजागर करता है-

(i) वे शांत और विनम्र स्वभाव के हैं।

(ii) वे गुरु और बड़ों का सम्मान करते हैं।

(iii) वे मर्यादा में रहकर काम करते हैं।

(iv) वे गंभीर और मीठी वाणी में बात करते हैं।

 समाप्त!


आपको ये प्रश्न और उत्तर कैसे लगे हमें कमेंट करके अवश्य बताएँ

धन्यवाद!

 डॉ. अजीत भारती 

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लक्ष्मण कैसे स्वभाव के थे?

राम स्वभाव से शांत थे पर लक्ष्मण उग्र स्वभाव के थे। धनुष टूट जाने पर राम ने शांत भाव से परशुराम से कहा था कि धनुष तोड़ने वाला कोई उनका दास ही होगा पर लक्ष्मण ने उन्हें मनचाही जली-कटी सुनाई थी। राम ने उनके क्रोध को शांत करने का प्रयास किया तो लक्ष्मण ने अपनी व्यंग्यपूर्ण वाणी से उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

लक्ष्मण जी का दूसरा नाम क्या है?

रामायण के लक्ष्मण जी का दूसरा नाम सुमित्रानंदन था।

लक्ष्मण ने वीर योद्धा की कौन कौन सी विशेषताएं बताई है?

प्रश्न 5: लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई? उत्तर: लक्ष्मण के अनुसार वीरों की विशेषताएँ हैं; धैर्य, मृदुभाषी, कर्मवीर और युद्ध के मैदान में चुपचाप अपना काम करने वाले। प्रश्न 6: साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।

लक्ष्मण की बहन का नाम क्या है?

लक्ष्मण
जीवनसाथी
उर्मिला
माता-पिता
दशरथ (father) सुमित्रा (mother)
भाई-बहन
राम, शत्रुघ्न, भरत और शांता
संतान
अंगद चन्द्रकेतु
लक्ष्मण - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › लक्ष्मणnull