क्या मैं 5 साल बाद अपनी एलआईसी पॉलिसी को पुनर्जीवित कर सकता हूं? - kya main 5 saal baad apanee elaeesee polisee ko punarjeevit kar sakata hoon?

बीमा पॉलिसी को कराना चाहते हैं बंद, तो जान लें कुछ जरूरी बातें

अगर आप अनिवार्य अवधि के बाद प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर अपनी नियमित पॉलिसी को पेड-अप में परिवर्तित करते हैं तो आपका बीमा समाप्त नहीं होगा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किसी भी परिवार में जीवन बीमा उसके मुख्य कमाने वाले के निधन के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान को दूर करता है। जीवन बीमा में मौजूदा वार्षिक आय का 10 गुना तक कवर मिल सकता है। कई बार लोगों को किसी मुद्दे के कारण मौजूदा जीवन बीमा योजना को बंद करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है, ऐसी स्थिति में आपको इन बातों को ध्यान रखना चाहिए।

टर्म इंश्योरेंस प्लान में आप प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देते हैं तो पॉलिसी बंद हो जाती है। वहीं कई योजनाओं में बीमा और निवेश दोनों एक साथ होता है। अगर बीमाधारक की मृत्यु पॉलिसी पूरी होने से पहले हो जाती है तो नॉमिनी को बीमा राशि मिल जाती है। अगर बीमाधारक पॉलिसी पूरी होने तक जीवित रहता है तो परिपक्वता लाभ मिलता है। अगर आप पॉलिसी के पूरे होने से पहले ही छोड़ते हैं तो प्रीमियम के रूप में दिए गए धन में कटौती होती है।

पॉलिसी बंद करने की नीति: आप अपनी बीमा पॉलिसी को दो तरह से बंद कर सकते हैं। अगर अनिवार्य अवधि के बाद प्रीमियम का भुगतान नहीं करेंगे तो पॉलिसी पेड-अप पॉलिसी में परिवर्तित हो जाएगी। या फिर पॉलिसी को सरेंडर करें और इंश्योरर से सरेंडर वैल्यू प्राप्त करें। इन दोनों स्थिति में आपको अनिवार्य अवधि के अंत तक प्रीमियम का भुगतान करना होगा और यह पॉलिसी के नियमों और शर्तों के हिसाब से 2 से 3 साल का हो सकता है। अगर आप अनिवार्य अवधि से पहले पॉलिसी को बंद करते हैं तो आपको अधिक नुकसान होगा।

पेड-अप पॉलिसी में बदलना: अगर आप अनिवार्य अवधि के बाद प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर अपनी नियमित पॉलिसी को पेड-अप में परिवर्तित करते हैं तो आपका बीमा समाप्त नहीं होगा। आप कम राशि के कवर के साथ बीमाकृत रहेंगे। अगर आप पॉलिसी के कार्यकाल तक जीवित रहते हैं तो आपको परिपक्वता लाभ मिलेंगे। अगर आपका निधन पॉलिसी के कार्यकाल के दौरान होता है तो नॉमिनी को भुगतान किए गए प्रीमियम के अनुसार राशि प्रात होगी। उदाहरण के लिए, अगर आप 20 वर्षों के लिए 50 हजार प्रीमियम देकर के 10 लाख की पॉलिसी लेते हैं और 5 साल प्रीमियम का भुगतान कर इसे बंद कर देते हैं तो बीमा राशि घटकर 2.5 लाख हो जाएगी, क्योंकि पॉलिसी पेड-अप पॉलिसी में बदल चुकी है।

पॉलिसी सरेंडर करने का विकल्प: पॉलिसी सरेंडर करना एक अन्य विकल्प है। आप बीमाकर्ता से पॉलिसी को बंद करने और सरेंडर वैल्यू प्राप्त करने के लिए पूछ सकते हैं। बीमाकर्ता पॉलिसी पूरी होने से पहले पॉलिसी के सरेंडर के लिए जुर्माना लेता है, जो कि काफी अधिक भी हो सकता है। अगर आप पॉलिसी को उसके तीसरे वर्ष में सरेंडर करते हैं तो आपको भुगतान किए गए पूरे प्रीमियम का लगभग 30 फीसद ही मिलेगा। वहीं अगर आप चौथे और 7वें वर्ष के बीच सरेंडर करते हैं तो भुगतान किए गए प्रीमियम का लगभग 50 फीसद मिलेगा।

अगर आप पॉलिसी को पूरी होने की अवधि के करीब सरेंडर करते हैं तो अधिक धन मिलेगा। 7वें साल के बाद बीमाकर्ता अपने हिसाब से राशि देते हैं। अलग-अलग कंपनियों की नीतियां अलग-अलग होंगी। एंडॉमेंट प्लान लेने से पहले सरेंडर वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। मान लो कि आप प्रति वर्ष में 50 हजार का प्रीमियम देते हैं और आप तीसरे वर्ष में पॉलिसी को सरेंडर करते हैं तो आपको केवल 45 हजार ही मिलेंगे, क्योंकि आपने कुल 1.5 लाख का भुगतान किया है। वहीं अगर आप छठे वर्ष में सरेंडर करते हैं तो आपको कुल प्रीमियम का 50 फीसद यानि कि 1.5 लाख रुपये मिलेंगे, क्योंकि आपने कुल प्रीमियम 3 लाख का भुगतान किया है।

इसलिए बेहतर यही होगा कि पॉलिसी को पेड-अप में परिवर्तित किया जाए, क्योंकि पॉलिसी सरेंडर करने से आपको बहुत नुकसान होगा। बीमा पॉलिसी को बंद करने से पहले इन बातों को ध्यान में जरूर रखें।

Edited By: Praveen Dwivedi

LIC Policy Surrender: भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) यानी एलआईसी (LIC) की जीवन बीमा पॉलिसी भारत का सबसे बड़ा और मश्हूर इंश्योरेंस कंपनी है. कंपनी ने शुरुआत से लेकर अब तक कई तरह की एलआईसी पॉलिसी निकालने का काम किया है. लेकिन कई बार लोग एलआईसी के फायदे और इसका फीचर को सही तरीके से जाने बिना ही इसे खरीद लेते हैं और बाद में पछताते रहते हैं.

हालांकि, पॉलिसी के मेच्योरिटी पूरा होने से पहले उससे बाहर निकलने का भी ऑप्शन होता है. अगर आप अपने पॉलिसी से खुश नहीं है तो आप मेच्योरिटी से पहले ही सरेंडर कर सकते हैं. बस इसके लिए ग्राहकों को कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. एक बार एलआईसी पॉलिसी सरेंडर कर देने पर जीवन बीमा सुरक्षा खत्म हो जाती है क्योंकि इसके बाद कंपनी और ग्राहक के बीच का करार खत्म हो जाता है. 

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ऐसे कर सकते हैं पॉलिसी सरेंडर

मेच्योरिटी से पहले सरेंडर करने से पॉलिसी की रकम की वैल्यू कम हो जाती है. कम से कम लगातार 3 सालों तक प्रीमियम का भुगतान करने के बाद ही पॉलिसी सरेंडर किया जा सकता है. जबकि तीन साल पहले सरेंडर करने की स्थिति में कोई वैल्यू नहीं दी जाती है. गारंटीड सरेंडर वैल्यू के तहत ग्राहकों को काए गए प्रीमियम और एक्सीडेंटल बेनिफिट के लिए चुकाए गए प्रीमियम को छोड़कर 30 फीसदी पैस कंपनी की तरफ से मिलेगी. जितनी लेट पॉलिसी को सरेंडर किया जाता है पैसा उतना अधिक मिलता है. इसके बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए आप एलआईसी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.

इस तरह चेक करें एलआईसी पॉलिसी स्टे्टस

पॉलिसी की स्थिति जानने के लिए आपको भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है. आप इसके लिए https://www.licindia.in/ पर विजिट कर सकते हैं. यहां आपको सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है. रजिस्ट्रेशन करने के लिए वेबसाइट लिंक https://ebiz.licindia.in/D2CPM/#Register पर जाएं. 

यहां आप अपना नाम, पॉलिसी संख्या और जन्मतिथि डालें. एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने पर आप कभी भी अपना एलआईसी अकाउंट खोलकर स्टेटस जांच सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप सीधे फोन पर भी विशेष जानकारी ले सकते हैं. इसके लिए आप 022 6827 6827 पर फोन कर सकते हैं. आप इस नंबर पर LICHELP <पॉलिसी नंबर> लिखकर 9222492224 पर भी भेज सकते हैं. इसके लिए कोई लागत नहीं आती है.
 

अगर मैं 3 साल के बाद एलआईसी प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर दूं तो क्या होगा?

अगर आपने 3 साल के पहले इसे सरेंडर किया तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा. अगर आप नियम के तहत एलआईसी पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको सरेंडर वैल्यू मिलती है. दरअसल, पॉलिसी बंद करने पर उसकी वैल्यू के बराबर पैसा वापस मिलता है, उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं.

पॉलिसी सरेंडर करने पर कितना पैसा मिलता है?

आपको पॉलिसी की वैल्यू के बराबर का पैसा वापस मिलेगा और ये एलआईसी के नियमों के बराबर होगा. आपने 3 साल प्रीमियम भरने के बाद पॉलिसी सरेंडर करने का फैसला लिया तो उसके पहले साल का प्रीमियम छोड़कर बाकी 2 साल के भरे गए प्रीमियम का 30 फीसदी पैसा वापस मिलेगा. इसमें अतिरिक्त प्रीमियम, टैक्स वगेरह शामिल नहीं हैं.

एलआईसी बंद होने पर क्या करें?

अगर आपकी कोई पुरानी पॉलिसी प्रीमियम (LIC Premium) न जमा करने के कारण बंद हो गई है तो आप उस पॉलिसी को दोबारा चालू करने के लिए लेट फीस को बकाया प्रीमियम के साथ जमा कर दें. बता दें कि एलआईसी इस स्कीम के तहत लेट फीस में भी 30% तक की छूट पॉलिसी होल्डर्स को दे रही है.

क्या हम 1 साल के बाद एलआईसी पॉलिसी रद्द कर सकते हैं?

अगर कोई अपनी एलआईसी पॉलिसी को समय से पहले बंद करना चाहता है तो पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू का भुगतान किया जाता है। सिंगल प्रीमियम प्लान के तहत पॉलिसी लेने के दूसरे वर्ष में पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है। पॉलिसी लेने के पहले वर्ष में पॉलिसी सरेंडर कभी नहीं की जा सकती है।