क्या गर्मियों में दोपहर में सोना चाहिए? - kya garmiyon mein dopahar mein sona chaahie?

हमारा शरीर हर दिन तीन दोषों के माध्यम से चलता है - वात, पित्त, कफ। प्रत्येक समयावधि में संबंधित दोष का बोलबाला होता है।

कफ दोष, जो सुबह 6 से 10 बजे के बीच होता है, इस समय आपको सक्रिय होना चाहिए। इसमें क्रियाशील व्यायाम फायदेमंद है। अगर आप दिन के इस समय सोते हैं, तो यह आपको आलसी महसूस कराता है जिससे आपके आंतरिक अंग बेहतर और सुचारू रूप से कार्य नहीं करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, दोपहर का भोजन दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। इसमें एक हल्का नाश्ता करने की सलाह दी जाती है जिससे आपको नींद महसूस नहीं होगी।

पित्त दोष सुबह के 10 बजे से दोपहर के 2 बजे तक रहता है। पित्त दोष शरीर की चयापचय क्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसी कारण यह हमेशा कहा जाता है कि आपको सुबह और शाम की तुलना मेँ दोपहर के समय सबसे ज़्यादा भोजन करना चाहिए। इस समय के दौरान, आपका शरीर खाने को ऊर्जा और ईंधन में बदलने में सक्षम होता है जो कि बाकी समय के दौरान सहायक होता है।

इसी तरह वात दोष दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक हावी होता है। यह समय आपके मानसिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए सबसे अच्छा है क्योंकि आपका मस्तिष्क इस समय बहुत अच्छे से कार्य करता है। लेकिन इसी के साथ, आपको इस समय के दौरान नींद भी लग सकती है। इसलिए इस समय एक कप गर्म चाय लेनी चाहिए और जिन चीज़ो को करने से खुशी महसूस हो, वो करनी चाहिए। इस तरह यह दोष का चक्र चलता रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार, दिन के दौरान सोना उचित नहीं है, यह कफ और पित्त दोषों के बीच असंतुलन का कारण हो सकता है। इस असंतुलन से शरीर के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, आयुर्वेद में ये भी कहा गया है कि जो लोग स्वस्थ और शक्तिशाली हैं, वो केवल गर्मियों के दौरान दिन में झपकी ले सकते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि गर्मियों के दौरान रातें छोटी होती हैं, जिससे हमारी नींद पूरी नही हो पाती है और साथ ही गर्म मौसम के कारण शरीर थक भी जाता है। इसलिए दिन में झपकी लेना उचित रहता है।

आयुर्वेद ने स्पष्ट किया है कि कौन लोग दोपहर में सो सकते हैं और किनको दिन मेँ नहीं सोना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार यह लोग दिन मेँ सो सकते हैं:

अगर आप रात में देर से सोते हैं या रातभर जागते रहते हैं, तो दिन में नींद आना लाजमी है। लेकिन कुछ लोग थकान या आदत के कारण भी दोपहर में सो (Napping) जाते हैं। अक्सर घर संभालने वाली महिलाएं घर का काम खत्म करने के बाद दोपहर में थोड़ी देर सोना पसंद करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोपहर में कितनी देर सोना फायदेमंद है और ज्यादा देर तक सोने के क्या नुकसान हो सकते हैं। आइए, इन सभी पहलुओं के बारे में जान लेते हैं।

सबसे पहले जानते हैं कि दोपहर में सोने से क्या फायदे मिलते हैं।

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नैपिंग या दिन में सोने के फायदे (Health Benefits of Napping or Day Time Sleeping)
दिन व दोपहर में सोने को अंग्रेजी भाषा में नैपिंग भी कहा जाता है। आपने पावर नैप के बारे में जरूर सुना होगा। इसका मतलब भी दिन में कुछ देर सोना होता है। आइए, दोपहर में सोने के फायदे जान लेते हैं।

  • रिलैक्स करता है
  • मूड बेहतर करता है
  • प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाता है
  • बातों या जानकारियों को याद करने की क्षमता बढ़ाता है
  • सतर्कता बढ़ाता है
  • थकान घटाता है

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दोपहर में सोने के नुकसान (Disadvantages of Day Time Sleeping)
दोपहर में सोने से आपको निम्नलिखित नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे-

  • स्लीप इनर्शिया (Sleep inertia) इस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें इंसान आधा जगा और आधा सोया हुआ होता है। इस स्थिति में उसकी सोचने-समझने की क्षमता कम हो सकती है। यह स्थिति अक्सर नींद से जागने के तुंरत बाद हो सकती है।
  • दिन में सोने के कारण आपको रात में नींद न आने की समस्या हो सकती है। अगर आपको रात में इंसोम्निया की दिक्कत है या नींद नहीं आती, तो दोपहर में सोने से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

कितनी देर दोपहर में सोना चाहिए?
शोधकर्ता Rajiv Dhand और Harjyot Sohal द्वारा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित शोध के मुताबिक दिन में 30 मिनट या उससे कम देर तक सोना ही फायदेमंद होता है। इससे ज्यादा देर तक दोपहर में सोने से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स की राय है कि आपको दोपहर में 3 बजे के बाद नहीं सोना चाहिए। इससे आपको रात में सोने में दिक्कत हो सकती है। साथ ही आपको पावर नैप लेते समय अपने आसपास अंधेरा या शांत माहौल रखना चाहिए।

यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (university of pennsylvania) में हुए एक शोध में दोपहर की नींद की झपकी को सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।शोध (research) के अनुसार दोपहर में सोने से काम में ज्यादा मन लगता है, मूड फ्रेश रहता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। इसके अलावा दिल से संबंधी बीमारी होने का खतरा भी कम होता है।

हालांकि, दोपहर के समय में नींद लेने से आपको रात में सोने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए आपके लिए ये जानना जरूरी है कि दिन में कितने समय के लिए सोना चाहिए।

कितने समय की नींद लें

दिन के समय में 15 से 30 मिनट की झपकी ले सकते हैं। अगर इसके बाद भी आपको नींद आए तो बेहतर होगा कि पूरे 90 मिनट की नींद लें। क्योंकि नींद पूरी न होने से आप पहले से ज्यादा थकान और सिर दर्द महसूस कर सकते हैं। लेकिन 90 मिनट की नींद लेने से आपको थकान का एहसास नहीं होगा और आप अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगे।

वर्कआउट और नींद

शोधकर्ताओं का मानना है कि वर्कआउट करने के फौरन बाद सोने से बचें। एक्सरसाइज करने के कम से कम 2 घंटे बाद ही सोएं। दिन में अगर सोने की आदत है तो सोने का एक समय तय कर लें।

सभी के लिए दिन में नींद की झपकी लेना जरूरी नहीं है

अगर आपको दिन में नींद नहीं आती है तो दिन में सोने से बचें। एक स्टडी कि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि लगभग 50 फीसदी लोगों को दोपहर में सोने से ज्यादा फायदा नहीं होता है। इन लोगों में सरकेडियन रिदम होता है. सरकेडियन रिदम शरीर को बताती है कब सोना है, कब उठना है। अगर आपको दिन के समय में नींद नहीं आती है तो इससे ये पता चलता है कि आपके शरीर को आराम की जरूरत नहीं है।

दोपहर में क्यों नहीं सोना चाहिए?

लेकिन दोपहर की नींद सेहत के लिए ठीक नहीं होती। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में दिन में सोने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे- कब्ज, गैस, अपच आदि हो सकती हैं। इसके अलावा मोटापे और डायबिटीज का भी खतरा होता है। आयुर्वेद में भी दिन में न सोने की हिदायत दी गई है, खासकर ठंड में।

गर्मियों में दिन में सोने से क्या होता है?

हालांकि, आयुर्वेद में ये भी कहा गया है कि जो लोग स्वस्थ और शक्तिशाली हैं, वो केवल गर्मियों के दौरान दिन में झपकी ले सकते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि गर्मियों के दौरान रातें छोटी होती हैं, जिससे हमारी नींद पूरी नही हो पाती है और साथ ही गर्म मौसम के कारण शरीर थक भी जाता है। इसलिए दिन में झपकी लेना उचित रहता है।

दोपहर में कब सोना चाहिए?

लंच के कितने देर बाद सोएं डॉ. ऐश्वर्या के अनुसार दोपहर का भोजन करने के बाद कम से कम 1 से 1.5 घंटे बाद सोना चाहिये। खाने के तुरंत बाद 100 कदम जरूर चलें, थकान महसूस होने पर बैठे हुए एक छोटी झपकी ले सकते हैं।

दिन में कब सोना चाहिए?

कुछ लोगों को दोपहर में सोना बहुत पसंद होता है, वहीं कुछ इसे हेल्थ प्रॉब्लम्स ( Health problems ) से ग्रसित होने का एक तरीका मानते हैं. सोना हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. अगर हम 7 से 8 घंटे रोजाना ठीक से नींद लेते हैं, तो इससे स्वस्थ रहने में मदद मिलती है.