केसर का बीज कैसे लगाया जाता है - kesar ka beej kaise lagaaya jaata hai

केसर की खेती सबसे ज्यादा बर्फीले क्षेत्रों में किया जाता है, इसके खेती करके किसान औसतन 2 से 5 लाख रुपए तक सालाना कमाई कर सकते हैं। केसर अधिक मूल्य में बिकने के कारण इस लाल सोना भी कहा जाता है।

केसर का उपयोग खाने के साथ और भी अनेकों प्रकार से किया जाता है। केसर के अंदर मौजूद औषधीय गुण के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। केसर का इस्तेमाल सौंदर्य सामाग्री बनाने में भी किया जाता है, क्योंकि इसके अंदर त्वचा को सुंदर बनाने के गुण होते हैं। इसके अलावा इसके सेवन करने से अनेकों प्रकार के फायदे हैं, जिसकी चर्चा आगे विस्तार से किया जाएगा।

आज के लेख केसर की खेती कैसे करें ( Kesar Ki Kheti Kaise Kare ) में हम पूरी डिटेल से केसर की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी दिया जाएगा। जैसे- केसर की खेती किस मिट्टी में किया जाता है? केसर की उन्नत किस्में कौन-कौन है? केसर की खेती के लिए उपयुक्त तापमान और जलवायु, केसर बीज के बुआई करने का सही समय और तरीका और भी केसर की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी। इसलिए आपलोग इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें–

केसर की खेती की संपूर्ण जानकारी

केसर के गुण एवं फायदे ( Kesar ke fayde in hindi )

  • उत्साह और खुशी की भावना को बढ़ावा देता है।
  • पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • दर्द निवारण की तरह प्रयोग किया जाता है।
  • मेमोरी क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • तित्ली को बचाने में सहायक होता है।
  • दिल से संबंधित बीमारियों के बचाव में मदद करता है।
  • त्वचा कैंसर रोकने में सहायता करता है।
  • त्वचा को सुंदर बनाने में मदद करता है।
  • रक्त में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है।
  • आंखों से संबंधित रोगों के इलाज में प्रयुक्त होता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट ( Antioxidants ) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

केसर की खेती किस मिट्टी में किया जाता है?

केसर की खेती के लिए दोमट, बलुई, रेतीली और चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त होता है। जिस खेत में पानी का जमाव बिल्कुल भी नहीं होता है, उस खेत में केसर की खेती करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि जिस खेत में पानी का जमाव होता है, उसमें केसर की फसल नष्ट हो जाता है। जिससे भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी वही होगी जिसमें जल का जमाव अधिक समय तक नहीं होगा।

केसर की खेती के लिए उपयुक्त तापमान और जलवायु

केसर की खेती बर्फीले क्षेत्रों में सबसे अधिक होता है।केसर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान (Temperature) लगभग 10°C से 20°C तक होना चाहिए। इसी तापमान के बीच में केसर के पौधे का वृद्धि अच्छे तरह से होता है, साथ ही अच्छे फुल भी खिलते हैं।

केसर के खेती शीतोष्ण सुखी जलवायु में समुद्र तल से लगभग 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। केसर के कलियां न तो ज्यादा बरसात बर्दाश्त कर सकती हैं, न ही ज्यादा बर्फबारी। अर्थात केसर की कलियों के विकास के लिए उपयुक्त जलवायु का होना अनिवार्य है।

केसर की उन्नत किस्में कौन-कौन है?

हमारे देश भारत में सबसे अधिक मात्रा में अमेरिकन केसर को उगाया जाता है। केसर के उन्नत किस्मों के बात करें तो कश्मीरी मोंगरा और अमेरिकन केसर ही विश्व भर में सबसे अधिक प्रचलित है। ( Kesar Ki Kheti Kaise Kare )

कश्मीरी मोंगरा(Kashmiri Mongra):- कश्मीरी मोंगरा केसर की खेती सबसे ज्यादा जम्मू कश्मीर के पंपोर और किश्तवाड़ जिले में किया जाता है। इस केसर के पौधे में सफेद, बैंगनी और नीले रंग के पुष्प खिलते हैं, जिसका आकार कीप नुमा होता है। फुलों में जो स्त्रीकेसर होते हैं, वही केसर रहता है। इस किस्म के केसर पौधे की ऊंचाई लगभग 20 से 30 सेंटीमीटर तक होता है। कश्मीरी मोंगरा केसर सबसे महंगी बिकती है।

अमेरिकन केसर (American Saffron):- इस किस्म का केसर के पौधे में पीले रंग के पुष्प खिलते हैं। पौधे की ऊंचाई लगभग तीन से पांच फीट होता है। अमेरिकन केसर की खेती जम्मू कश्मीर के अतिरिक्त और भी अनेकों स्थानों पर किया जा सकता है। अमेरिकन केसर की कीमत कश्मीरी मोंगरा किस्म के केसर से कम होता है।

केसर की खेत तैयारी और प्रयुक्त उर्वरक

केसर की खेती के लिए वैसे खेत के चुनाव करें जिसमें जल का जमाव अधिक समय तक ना हो। केसर के बीज को लगाने से पहले खेतों को अच्छी तरह से जुताई करना चाहिए। ताकि खेतों की मिट्टी पूरी तरह से समतल और हल्की हो जाए। साथ ही उस खेत में उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग जरूर करें। क्योंकि उर्वरक के प्रयोग करने से केसर के फूल ज्यादा निकलते हैं, और केसर का उत्पादन भी अधिक मात्रा में होता है।

केसर बीज के बुआई करने का सही समय और तरीका

किसी भी फसल का अच्छी उत्पादन के लिए उसे सही समय पर लगाना बहुत ही अनिवार्य होता है तभी उस फसल का उत्पादन ज्यादा-ज्यादा होगा। केसर बीज को लगाने का सबसे उपयुक्त समय जुलाई माह से सितंबर माह तक लगाया जा सकता है। इस दौरान बीज के बुआई करने से ठंड के मौसम शुरू होने से पहले ही फूल निकलने लगते है।Kesar Ki Kheti Kaise Kare

केसर बीज को खेतों में समतल भूमि में या तो मेड़ बनाकर दोनों ही तरीको से लगाया जाता है। केसर के पौधे में सही ढ़ंग से वृद्धि होने के लिए उसे उचित दूरी पर लगाना जरूरी होता है। जब समतल भूमि में बीज को लगाया गया हो, तो दो पौधे के बीच की दूरी कम से कम दो फीट जरूर रखें।

केसर पौधे को सिंचाई करने का तरीका

केसर की खेती के लिए ज्यादा वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि ज्यादा वर्षा होने से केसर के फूलों का नुक़सान हो जाता है। खेतों के नमी देखकर ही सिंचाई किया जाता है। केसर के बुआई करने के दो सप्ताह बाद पहली सिंचाई करना चाहिए, अगर खेत की नमी कम हो जाए। फिर इसके बाद लगातार 15 से 20 दिनों के अंतराल में सिंचाई करते रहना चाहिए। केसर के खेती में बरसात के दिनों में ज्यादा सिंचाई नहीं करना होता है।

केसर पौधों में होने वाले रोग

केसर के पौधों को अगर अच्छी तरह से देखभाल किया जाए तो, यह जल्दी कोई भी रोग से प्रभावित नहीं होता है। केसर की खेती करते समय यह बात ध्यान जरूर रखें कि जो बीज को खेतों में लगाया जा रहा है, उस बीज को सस्पेंशन कार्बेन्डाजिम दवा से उपचारित करने के बाद ही लगाएं। क्योंकि बीज को जब खेतों में लगाया जाता है, तो उसे सड़ने का डर बना रहता है। लेकिन उपचारित बीज के प्रयोग से इस तरह के कोई भी दिक्कत नहीं होगी।

जब केसर के पौधे कुछ बड़े होते हैं, तो उसमें मकड़ी जाल रोग होने का चांसेस रहता है। इससे बचने के लिए पूरानी छाछ को पानी में मिलाकर एक सप्ताह के अंतराल पर छिड़काव करते रहना चाहिए।

केसर तोड़ने और सुखाने का तरीका

केसर के बीज लगाने के बाद लगभग 3 से 4 महीने बाद उसमें फूल निकलने लगते हैं और इसी फूल से केसर का उत्पादन होता है। केसर के पौधे में खिले फूल के पंखुड़ियों का रंग लाल हो जाता है,तो इसे तोड़कर छांव में सुखाया जाता है, इसके बाद फूल के तंतु(केसर) तोड़कर इसे कोई बर्तन में रखा जाता है। इसके बाद इसे अच्छी तरह से पैक कर बेचा जाता है। Kesar Ki Kheti Kaise Kare

केसर के मूल्य

कश्मीरी मोंगरा केसर, अमेरिकन केसर से महंगा होता है। कश्मीरी मोंगरा केसर के लगभग डेढ़ लाख फूलों से एक किलोग्राम तक केसर का उत्पादन होता है, जिसकी कीमत करीब तीन लाख प्रति किलोग्राम तक होता है। वहीं अमेरिकन केसर की कीमत इसके क्वालिटी पर निर्भर करता है। फिर भी अभी के समय में अमेरिकन केसर की कीमत करीब 60 हजार से 2 लाख रूपए प्रति किलोग्राम तक होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अभी के समय में केसर की खेती करके किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इस लेख में केसर की खेती से संबंधित सभी जरूरी जानकारी बताया गया है। केसर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु, तापमान, उन्नत किस्में, प्रयुक्त उर्वरक , सिंचाई का तरीका सभी के बारे विस्तार से बताया गया है।

दोस्तों, केसर की खेती कैसे करें ( Kesar Ki Kheti Kaise Kare ) लेख में केसर से संबंधित दी गई संपूर्ण जानकारी पढ़कर आपलोगों को कैसा लगा हमें comment करके जरूर बताइएगा। इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी को प्रेम पूर्वक धन्यवाद।

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    केसर का फूल कैसे लगाएं?

    केसर का बीज बोने या लगाने से पहले खेत कि अच्छी तरह से जुताई की जाती है। इसके अलावा मिट्टी को भुरभुरा बनाकर आखिरी जुताई से पहले 20 टन गोबर का खाद और साथ में 90 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस और पोटास प्रति हेक्टेयर के दर से अपने खेत में डाला जाता है।

    कश्मीरी केसर का बीज कहाँ मिलता है?

    उल्लेखनीय है कि कश्मीरी केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर के पंपोर में होती है। जानकारी के मुताबिक पूरे देश में लगभग 5707 हजार हेक्टेयर भूमि पर केसर की खेती होती है जिसमें करीब 4,446 हजार हेक्टेयर भूमि का क्षेत्र अकेले कश्मीर का है।

    1 ग्राम केसर की कीमत क्या है?

    ₹269.00 फ़ुलफ़िल्ड फ्री डिलीवरी ₹499 से अधिक के ऑर्डर पर.

    1 किलो केसर का क्या भाव है?

    केसर कितने रुपए किलो है – kesar price per kg in india बाजार में केसर 1.20 लाख रुपए किलो से 3.50 लाख रुपए किलो मिल जाती है। क्योंकि क्वालिटी में आज कल नकली केसर भी बाजार में बहुत ज्यादा मात्रा में मिल जाती है। परंतु ओरिजनल कश्मीरी केसर की बात करे तो यह केसर आपको 3.30 लाख से 3.50 लाख रुपए किलो तक मिल जाती है।