( कविता- कार्नेलिया का गीत ) Show
[ जयशंकर प्रसाद ] ( Summary )
अरुण यह मधुमय देश हमारा
! व्याख्या- 1
सरस तामरस गर्भ विभा- नाच रही तरु शिखा मनोहर। व्याख्या- 2
लघु सूरधनु से पंख पसारे- शीतल मलय समीर सहारे व्याख्या- 3
बरसाती
आंखों के बादल- बनते जहां भरे करुणा जल। व्याख्या- 4
हेम कुंभ ले उषा सवेरे- भरती ढुलकाती सुख मेरे। व्याख्या- 5
( विशेष ) 1) इस गीत में भारत देश की सुंदरता का वर्णन किया गया है ! VIDEO WATCH ANY PROBLEM CLICK HERE कार्नेलिया का गीत में किसका वर्णन है?जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नाटक 'चंद्रगुप्त' से यह कविता ली गई है ! कार्नेलिया सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की बेटी है ! इस गीत में कार्नेलिया भारत देश की सुंदरता को देखकर खुश होती है और भारत की विशेषता बताती है !
कार्नेलिया कौन थी उसने भारत की क्या क्या विशेषताएं बताई *?भारत की संस्कृति महान है।
कार्नेलिया का गीत का प्रतिपाद्य क्या है?अरुण यह मधुमय देश हमारा ! हेम कुंभ ले उषा सवेरे- भरती ढुलकाती सुख मेरे ।
कार्नेलिया का गीत के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि जयशंकर प्रसाद ने भारत की कौन कौन सी विशेषताओं का वर्णन किया है?प्रसाद जी ने भारत की इन विशेषताओं की ओर संकेत किया है-
भारत पर सूर्य की किरण सबसे पहले पहुँचती है। यहाँ पर किसी अपरिचित व्यक्ति को भी घर में प्रेमपूर्वक रखा जाता है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भूत और आदित्य है। यहाँ के लोग दया, करुणा और सहानुभूति भावनाओं से भरे हुए हैं।
कार्नेलिया का गीत कविता में किसकी विशेषताओं का उल्लेख किया गया है?'कार्नेलिया के गीत' के माध्यम से कवि जयशंकर प्रसाद ने भारत की विशेषताओं की ओर संकेत किया है। इस गीत में उन्होंने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा है कि भारत ही ऐसा देश है, जहाँ पर सूरज की किरण सबसे पहले पहुंचती है। भारत के चप्पे-चप्पे पर प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है।
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