यदि आप इस रोग से ग्रसित हैं तो राहत के लिए केवल बेहतर ढंग से अपना रख रखाव ही कर सकते हैं। इसमें कुछ खाद्य पदार्थ, दवाएं गठिया के दर्द को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं। ऐसे में एक
प्रकार का खाना पकाने का तेल भी है, जो इस सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। जैतून का तेल गठिया की वजह से जोड़ों में होने वाली परेशानी में फायदेमंद माना जाता है। विशेष रूप से कच्चा जैतून का तेल जो तेल का सबसे कम संसाधित रूप होता है। क्योंकि इसे स्वस्थ विधियों का उपयोग करके निकाला जाता है। इसलिए यह तेल स्वाद के साथ स्वास्थ्य के लिए भी श्रेष्ठ होता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के औषधीय गुणऑलिव ऑयल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करते हैं। इसमें ओलियोकैंथोल होता है, जो एक एंटीइंफ्लेमेटरी दवा आइबूप्रोफेन (ibuprofen) की तरह काम करता है। साथ ही इसमें मौजूद पालीफेनोल, विटामिन ई और सायटोस्टेरोल कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। क्या कहते हैं शोध अध्ययनPubmed में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जैतून का तेल सूजन से होने वाली बीमारी गठिया के रोग से बचाव करने के साथ ही इससे राहत दिलाने का काम करता है। क्योंकि कच्चे जैतून के तेल में ओलियोकैंथोल होने के कारण इसकी 50 ml मात्रा लेने पर उतना ही असर होता है, जितना 10 प्रतिशत आइबूप्रोफेन (ibuprofen) लेने पर होता है। यह एक सूजन-रोधी दर्द निवारक दवा होता है। कितना मात्रा में ऑलिव ऑयल उपभोग करना चाहिएकच्चा जैतून का तेल मानव शरीर के लिए अच्छा है, लेकिन इसकी अधिकता समस्या पैदा कर सकती है। हालांकि इस पर कोई ठोस रिपोर्ट नहीं है, लेकिन विभिन्न स्वास्थ्य रिपोर्टों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रतिदिन 1-4 बड़े चम्मच जैतून का तेल लेना अच्छा होता है। हालांकि तेल की मात्रा बहुत हद तक भोजन के प्रकार और आहार की प्रकृति पर निर्भर करती है, हालांकि यह सुझाव दिया जाता है कि तेल का सेवन कम मात्रा में करें, चाहे वह कितना भी स्वस्थ क्यों न हो। किस समय करें जैतून के तेल का सेवनस्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कच्चा जैतून का तेल दिन के किसी विशेष समय में सेवन करने पर अद्भुत काम कर सकता है। सूजन-रोधी लाभों के लिए जैतून के तेल का सेवन सुबह सबसे पहले करना ज्यादा फायदेमंद होता है। सुबह जैतून का तेल खाने से जैतून का तेल स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देने और वजन घटाने में सहायता के अलावा, पेट के कैंसर को रोकने में मदद करता है और शरीर को डिटॉक्सीफाई भी करता है। गठिया रोगियों को इन बातों का भी रखना चाहिए ध्यानगठिया के रोगियों को हमेशा अपने वजन को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए और धूम्रपान जैसी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतों को छोड़ देना चाहिए। जोड़ों को गतिमान रखना भी उतना ही आवश्यक है। हल्के व्यायामों को करें, साथ ही ओवर-द-काउंटर पेन किलर का उपयोग कम करें। इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें जोड़ों का दर्द आजकल आम परेशानी बनता जा रहा है। जिसकी चपेट में सिर्फ बढ़ती उम्र के लोग ही नहीं बल्कि युवा भी आ रहे हैं। मसल्स की कमजोरी, हड्डियों में दर्द, हाथों-पैरों में सूजन, जोड़ों में ऐंठन, चलने-फिरने और उठने-बैठने आदि से जुड़ी समस्याएं शरीर में पोषक तत्वों की कमी का संकेत हैं। इससे धीरे-धीरे नर्वस सिस्टम बिगड़ना शुरू हो जाता है जो गठिया रोग को जन्म देता है। हड्डियों के इस रोग को आर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। गठिया के प्रकारशुरूआत में ही जोड़ों के दर्द या यूरिक एसिड की अनदेखी करने से तकलीफ बढ़ कर गठिया का रूप ले लेती है। इसमें हड्डियों में असहनीय दर्द होता है। आर्थराइटिस दो प्रकार का है एक ऑस्टियोआर्थराइटिस (अस्थिसंधिशोथ) और दूसरा रूमेटाइड आर्थराइटिस (रुमेटी संधिशोथ) ऑस्टियोआर्थराइटिसऑस्टियोआर्थराइटिस में एक या एक से ज्यादा जोड़ों के कार्टिलेज टूटते या घिसते रहते हैं। जिससे हड्डियां कमजोर और जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिसरूमेटाइड यानि रुमेटी आर्थराइटिस की शुरुआत तब होती है जब कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ऊतकों पर हमला करती है। इसका प्रभाव सिनोवियम पर पड़ता है जो जोड़ों में पाया जाने वाला नर्म टिशु है। इससे जोड़ों को चिकनाई, पोषण और लिक्विड मिलता है। रूमेटी गठिया जोड़ों पर हमला करके इस सिनोवियम को नष्ट करता है। इस स्थिति में हड्डियां बहुत कमजोर और टेढ़ी होनी शुरू हो जाती हैं। गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए बेस्ट एसेंशियल ऑयलसर्दी के मौसम में गठिया की परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। ठंडे मौसम में दर्द और सूजन होने लगती है। इससे राहत पाने के लिए डाइट का ख्याल रखने के साथ-साथ कुछ एसेंशियल ऑयल भी आपकी मदद कर सकते हैं। पिपरमेंट ऑयलनारियल के तेल में पिपरमेंट ऑयल की 5 से 8 बूंदे मिक्स करके इसे गुनगुना कर लें। इस तेल से जोड़ों की मसाज करने से बहुत फायदा मिलता है। दिन में 3-4 बार इसका इस्तेमाल करें। नीलगीरी का तेलयह तेल दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार है। नहाते समय गुनगुने पानी में इस तेल की कुछ बूंदे मिला लें। रोजाना इसका इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। लेमनग्रास ऑयलगर्म पानी में कुछ बूंदे लेमनग्रास तेल की डाल कर इससे हाथों और पैरों को भाप दें। दर्द के साथ-साथ सूजन भी ठीक होने लगेगी। लेवेंडर ऑयलइस तेल का इस्तेमाल करने से जोड़ों के दर्द से बहुत राहत मिलती है। 2 बूंद तेल को सरसों के तेल में मिलाकर हल्के हाथों से मसाज करें। जिंजर ऑयलइस ऑयल को लेवेंडर और लेमनग्रास ऑयल के साथ मिलाकर जोड़ों की मसाज करें और मसाज वाले हिस्से को ढक कर रखें। कैमोमाइल ऑयलइस तेल से स्किन, हेयर और हेल्थ प्रॉब्लमस दूर होती हैं। गठिया के दर्द से छुटकारा दिलाने में भी यह मददगार है। तेल से मसाज करें या फिर नहाते समय गुनगुने पानी में तेल की कुछ बूंदे मिला लें। गठिया रोग में कौन सा तेल लगाना चाहिए?गठिया में कौन-सा तेल फायदेमंद है
जैतून का तेल गठिया की वजह से जोड़ों में होने वाली परेशानी में फायदेमंद माना जाता है।
गठिया बाई को जड़ से खत्म कैसे करें?यदि आप गठिया की समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो आप हल्दी का सेवन जरूर करें। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में प्रचुर मात्रा में पहुंच जाता है तो शरीर से अनेकों बीमारियां दूर हो जाती है। हल्दी के सेवन से जोड़ों के दर्द दूर हो जाता है।
जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है?Aromazeia आयुर्वेदिक दर्द राहत तेल जोड़ों, पीठ, घुटने, कंधे और मांसपेशियों के दर्द के लिए, 50ml (हिमालय की गोद से)
गठिया के लिए सबसे प्रभावी दवा क्या है?अर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है। इस बीमारी में जोड़ों में दर्द होता है और जोड़ों को घुमाने, मोड़ने, हिलाने और हरकत करने में परेशानी होती है। अर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है।
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