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झांसी. मेडिकल कॉलेज में एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन खत्म होने के कगार पर है। पुराने बजट के मुताबिक,40 इंजेक्शन बचे हैं। स्नैक वेनम इंजेक्शन सांप के काटने पर लगाए जाते हैं। अगर मरीज गंभीर हालत में हो, तो उसे 20 इंजेक्शन तक लगाने पड़ते है। मरीज को बाहर से इंजेक्शन लेना पड़े, तो उसे 10 हजार रुपए तक कीमत देनी होगी। आगे जानिए झांसी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने -सीएमएस डॉ. हरीशचंद्र आर्या ने बताया, पूरे बुंदेलखंड से इलाज के लिए लोग झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में
आते हैं। वैसे हर साल सांप काटने के एक हजार के लगभग मामले आते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश के सीजन में होती है, जिनकी संख्या लगभग 600 के आस-पास होती है। वर्ल्ड में सांप काटने से इंडिया में होती है सबसे ज्यादा मौत -इंडिया में 236 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं,जिनमें से अधिकत जहरीले नहीं होते हैं। देश में 13 प्रजातियां ही ऐसी हैं जिनमें जहर होता है। इनमें चार कोबरा, रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत बहुत जहरीले होते हैं। देश के सर्वाधिक मौतें नाग व करैत के काटने से होती हैं। -बारिश में सांप काटने की घटनाएं लगभग दो गुनी हो जाती है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में सिर्फ 40 एंटी स्नेक वेनम के इंजेक्शन बचना बहुत परेशानी खड़ी कर सकता है।
अगर सांप काट ले और अस्पताल दूर है तो जल्दी से पास की किसी डिस्पेंसरी या मेडिकल शॉप से इंजेक्शन ले आए। इंजेक्शन में लगी सुई के नुकीले भाग को काट दें। इसके बाद इंजेक्शन पाइप का काम करेगा। जहां सांप ने काटा होगा वहां उसके दांतों के दो निशान दिखाई देंगे। पहले एक डंक पर इंजेक्शन रखकर इंजेशन को पीछे की ओर खींचे जैसे पिचकारी में पानी भर रहे हो और ऐसा तब तक करते रहें जब तक उस जगह से खून आना न बंद हो जाए। ऐसा ही दूसरी वाली डंक पर भी करें। इससे जहर निकल जाएगा और जान का खतरा भी कम हो जाएगा। सबसे बड़ी बात अस्पताल तक पहुंचने के लिए काफी वक्त भी मिल जाएगा। अगर सांप का काटा हुआ डंक या निशान न दिखाई दे तो आपको उस जगह को ढूंढना होगा जहां स्किन सूजी हुई और लाल दिखाई दे।
जो लोग गांव और देहातों में रहते है और अस्पताल वहां से काफी दूर है। वहां के लोगों को घर में नाजा 200 दवाई रखनी चाहिए। इसकी कीमत सिर्फ 125 रुपए है। ये एक होम्योपैथी दावा है जो किसी भी होम्योपैथी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध हो जाएगी। इस दवाई से आप सैकड़ों लोगों की जाना बचा सकते हैं।
डॉ संजय वानखेड़े, डॉ राकेश सोनी ने बताया कि जिले में सर्प दंश से अधिक मौत अंधविश्वास और सांप के संबंध में सही जानकारी नहीं होने के कारण होती है। पीडि़त व्यक्ति को यदि एक घंटे के अंदर समुचित उपचार सुविधा मिल जाए, तो पीडि़त की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने आगे बताया कि सर्पदंश का शिकार होने पर पीडि़त को सबसे पहले दहशत से बचाए रखना जरूरी है। दहशत से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे सांप का जहर शरीर में तेजी से फैलने लगता है और मरीज की मौत हो जाती है। वनांचल क्षेत्रों मेंं मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया गया है, जो ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। सर्पदंश से पीडि़त होने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने के लिए प्रेरित किया जाता है। डॉ डीके तुर्रे, सीएमएचओ इस लेख में बताए गए उपाए कितने सफल साबित होंगे या नहीं इसकी हम गारंटी नहीं देते हैं। ये सिर्फ और सिर्फ सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। ...और भी है Snake Bite case से जुड़ी ढेरों खबरें सांप काटे तो अस्पताल साथ लेकर जाएं इंजेक्शनबारिश के मौसम में नदी किनारे बसे मोहल्लों में सांपों का खतरा बढ़ गया है, लेकिन शहर के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक बाइट वेनम उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि किसी को सांप काट ले तो इंजेक्शन साथ...Newswrapहिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादThu, 18 Jul 2019 07:22 PM बारिश के मौसम में नदी किनारे बसे मोहल्लों में सांपों का खतरा बढ़ गया है, लेकिन शहर के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक बाइट वेनम उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि किसी को सांप काट ले तो इंजेक्शन साथ लेकर ही अस्पताल जाएं, नहीं तो जान का खतरा बढ़ सकता है। बरसात के मौसम में सांप अधिक निकलते हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो हर साल सांप काटने से जिले में 60-70 लोगों की मौत हो जा रही है। इसके बाद भी सरकारी अस्पतालों में सांप काटने पर बचाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। मंडल के सबसे बड़े अस्पताल स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एंटी स्नेक बाइट वेनम खत्म है। अस्पताल के मेडिकल स्टोर में यह उपलब्ध नहीं है। कर्मचारियों ने बताया कि करीब महीने भर से सांप काटने पर लगने वाला इंजेक्शन नहीं है। मरीजों को यह इंजेक्शन बाहर के स्टोर से खरीदकर लाना पड़ रहा है। एसआईसी डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि हॉस्पिटल में सभी दवाएं उपलब्ध रहती हैं। जो खत्म होती हैं उन्हें मंगवाया जाता है। यदि एंटी स्नेक इंजेक्शन खत्म है तो उसे भी जल्द मंगवा लिया जाएगा। वहीं बेली अस्पताल के स्टोर में भी एंटी स्नेक इंजेक्शन नहीं है। कर्मचारियों ने बताया कि ऑर्डर दिया गया है, जल्द ही आ जाएगा। सीएमएस सुषमा श्रीवास्तव का कहना है कि एंटी स्नेक इंजेक्शन के बारे में जानकारी नहीं है। वैसे तो सामान्यत: यह इंजेक्शन जरूरत के अनुसार मंगाया जाता है, लेकिन यदि खत्म हो गया है तो उसे मंगवा लिया जाएगा। काल्विन में इंजेक्शन है पर आईसीयू नहीं काल्विन अस्पताल में एंटी स्नेक बाइट इंजेक्शन उपलब्ध है, लेकिन यहां आईसीयू ही नहीं है। सांप काटने के बाद व्यक्ति को एंटी स्नेक का इंजेक्शन लगाने के बाद आईसीयू में रखा जाता है, लेकिन अस्पताल में आईसीयू न होने पर मरीज को एसआरएन अस्पताल रेफर करना पड़ता है। सांप काटे तो क्या करें -पीड़ित व्यक्ति को शांत रखने का प्रयास करें ताकि उसका रक्तचाप न बढ़े -मरीज के शरीर से घड़ी, अंगूठी, चेन आदि गहने उतार लें -पीड़ित व्यक्ति को किसी भी तरह से जगाए रखें, बेहोश न होने दें -सीधा लेटाकर रखें ताकि शरीर में हलचल न हो क्योंकि इससे जहर फैलता है -हाथ में सांप काटे तो नीचे लटकाकर रखें, नहीं तो जहर दिल तक तेजी से पहुंचता है सांप के इंजेक्शन का नाम क्या है?अब ऐसे हालातों में सांप के काटे हुए मरीजों को अपने पैसों से इंजेक्शन खरीदने पड़ेंगे। -एक एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की कीमत लगभग 500 रुपये है। ऐसे में यदि मरीज को बीस इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं तो दस हजार रुपये तक खर्च हो सकते हैं। -सीएमएस के अनुसार, पुराने बजट से खरीदे हुए मात्र 40 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन बचे हैं।
कोबरा के काटने पर क्या करें?सांप काटने पर तुरंत करें ये काम:. सांप अगर काट ले तो कोशिश करें की जिस जगह पर काटा है, शरीर का वह हिस्सा बिल्कुल भी ना हिले।. जहां काटा है, उस जगह पर बीटाडीन या फिर स्क्रब सोल्यूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ... . कोशिश करें कि जल्दी-से-जल्दी अस्पताल पहुंचे।. अस्पताल में जाने से आपको यह पता चलेगा की घाव कितना गहरा है।. सांप काटने पर कौन सा इंजेक्शन लेना चाहिए?सर्पदंश के एक घंटे में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगना जरूरी है। समय पर उपचार मिलने से जहर बेअसर हो सकता है और मरीज को जिंदगी मिल जाती है।
एंटी वेनम इंजेक्शन क्या काम करता है?सर्पदंश के मामले में (चाहे सर्प जहरीला हो या न हो) स्नेक एंटी वेनम नामक इंजेक्शन बहुत प्रभावी होता है। यह दवाई शरीर में पहुंचते ही जहर से मुकाबला कर उसके प्रभाव को खत्म करने लगती है। सर्पदंश के मामलों में मरीज को अस्पताल ले जाते समय यह इंजेक्शन खरीदकर साथ ले जाएं।
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