कान का बहरापन दूर कैसे करें? - kaan ka baharaapan door kaise karen?

कान का बहरापन दूर कैसे करें? - kaan ka baharaapan door kaise karen?

बहरेपन यानी सुनने में समस्‍या होना , यह भी एक तरह की बीमारी ही है। अचानक ऊंची आवाजें कान में पड़ने के कारण कान बंद हो जाना, माथे पर चोट लगने के कारण , कान में मैल का जमा होना यह सब भी बहरेपन के जिम्‍मेदार कारणों में से एक है। बहरेपन की समस्या और भी अन्य कई कारणों से सकती है, जैसे – कान पकना या किसी प्रकार की कान की बीमारी होना आदि।

कुनीन का अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है। जिस वजह से रोगी बहरा हो सकता है या फिर ऊंचा सुनने लगता है।

बहरेपन के लक्षण

शुरुआती दौर में लक्षण बहुत साफ नहीं होते, ऐसे में जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से सम्पर्क करके इसका इलाज करा लेना चाहिए। अगर आपमें भी है ये लक्षण , तो डॉक्टर से जरूर मिले ।

  • बात सुनने में दिक्कत होना, खासकर अगर आपके आस-पास में शोर हो रहा हो,
  • बातचीत में बार-बार लोगों से पूछना कि उन्होंने क्या कहा,
  • फोन पर सुनने में दिक्कत होना,
  • बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा तेज आवाज में टीवी या म्यूजिक सुनना,
  • नेचरल आवाजों को न सुन पाना जैसे की – मसलन बारिश या पक्षियों के चहचहाने की आवाज,
  • नवजात बच्चे का आवाज न सुन पाना,
  • कानो में दर्द होना,

बहरापन होने के कारण

ईयरफोन का अधिक इस्‍तेमाल

  • आजकल हर कोई ईयरफोन का अधिक प्रयोग करने लगे है , जिस वजह से बहरेपन की समस्‍या हो रही है। तेज ध्वनि ईयर ड्रम को नुकसान पहुंचा कर उसे पतला कर देती है।
  • ईयरफोन से निकलने वाली तेज ध्वनि के कारण, शुरू में कानों की रोम कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या एक कान से सुनाई देना बंद हो जाता है , जो की बहरेपन का कारण भी बन सकता है।

कान में संक्रमण की समस्‍या होना

बहरेपन की समस्या का कारण कानो में संक्रमण भी हो सकता है। कान में आसानी से तरल पदार्थ प्रवेश कर सकता है, इसके कारण यह कान को संक्रमित कर देता है। कानों में संक्रमण के कारण खसरा, मम्‍स आदि बीमारियों के होने की भी संभावना होती है। इसलिए जब भी कान में पानी या दूसरा तरल पदार्थ चला जाये तब कानों को अच्‍छे से साफ जरूर कर लें।

उम्र के कारण

बढ़ती उम्र के कारण और भी कई तरह की समस्‍यायें होती हैं, ज्यादातर बुजुर्गों को कम सुनाई पड़ने लगता है। कान की नसों में शिथिलता आ जाती है, इसके कारण सुनने में दिक्‍कत होती है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे ही यह समस्‍या और भी बढ़ती चली जाती है।

चोट लगने के कारण

कान में किसी तरह की चोट लगना या जानलेवा घटना जैसे विस्फोट या वाहन चलाते समय कोई दुर्घटना होने से कान में अचानक तेज दर्द होना इन वजह से भी हो सकता है बहरेपन की समस्या। अगर दुर्घटना के समय तेज दर्द हो और फिर सुनाई पड़ना बंद हो जाए तो समझिए की कान के मध्य भाग को नुकसान पहुंचा है।

अधिक आवाज के कारण

घर में फंक्‍शन हो या घर के बाहर , डीजे हो या पब जाना हो, हर जगह अधिक आवाज सुनने को मिलता है। डॉक्टर्स का कहना है की 100 डेसीबल तक की ध्वनि ही कानो के लिए सही रहता है। 125 डेसीबल से तेज आवाज कानो के लिए बहुत खतरनाक हो जाता है। जबकि डीजे से निकलने वाला सामान्य आवाज 580 डेसीबल होता है, इससे कान की परत फट सकती है। इसलिए अधिक आवाज में गाने ना सुने।

ट्यूमर के कारण

ट्यूमर के कारण कान की नसें प्रभावित होती हैं और यह बहरेपन के लिए जिम्‍मेदार हो सकती हैं। न्‍यूरोमा, पैरागैंग्‍लीयोमा और मेनिंजियोगा जैसे ट्यूमर के कारण भी सुनने की क्षमता कम हो जाती है। ये बन सकता है बहरेपन होने का कारण।

बहरेपन का इलाज

अगर आपको सुनने में दिक्कत हो रही है तो इसे ठीक करने के लिए योग भी हो सकता है मददगार , जैसे की –

  • अनुलोम-विलोम,
  • कपालभाति,
  • भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम बहुत लाभकारी हैं।

इनमें से भ्रामरी प्राणायाम खासतौर पर उपयोगी है। इसे करने के लिए किसी आसन में बैठ जाएं और पूरा सांस भरें। सांस भरने के बाद अंगूठों से दोनों कानों को बंद कर लें और तर्जनी उंगलियों को माथे पर लगाएं। दोनों हाथों की बाकी तीन-तीन उंगलियां आंखों पर आ जाएंगी। इसके बाद सांस निकालें और भंवरे जैसी गूंज करें। इस तरह से 10 से 11 बार रोजाना करें।

इसके अलावा जल नेति, सूत्र नेति और घृत नेति करने की भी सलाह दी जाती है, लेकिन ये क्रियाएं किसी योग गुरु से सीखकर ही करनी चाहिए।

लहसुन और प्याज दोनों कान के सुनने की शक्ति को वापस लाने में मदद करता है। लहसुन की 4-5 बड़ी कलियाँ , एक चमच्च जैतून का तेल , 15 बून्द प्याज का रस। एक कप में जैतुन के तेल को डाल कर उसमे लहसुन के कलियों के रस मिला ले और आप इन सबको जैतून के तेल में मिक्स करके , और इसे अपने दोनों कानो में 3-4 बून्द डाले। और फिर रुई से इसे ढक ले।

बहरेपन के लिए और भी कई दूसरे कारण जिम्‍मेदार होते हैं। अगर आप दवाओं का अधिक सेवन करते है तो इससे आपको बहरेपन की समस्‍या हो सकती है। यह समस्‍या आनुवांशिक भी हो सकती है, इसलिए बच्‍चे के पैदा होने के कुछ दिनों बाद ही कानो की जांच अच्छी तरह से जरूर कराना चाहिए। और किसी भी तरह की समस्या दिखे तो सबसे पहले डॉक्टर से सम्पर्क करे , जिससे बाद में परेशानियों का सामना न करना पड़े।

 

कान का बहरापन दूर कैसे करें? - kaan ka baharaapan door kaise karen?


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सुनने की शक्ति बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

सुनने की क्षमता विकसित करने के उपाय – Sunne Ki Shakti Kaise Badhaye.
कान की सुनने की शक्ति बढ़ाने के लिए योग कान के सुनने की शक्ति बढ़ाने के उपाय में योग का नाम भी शामिल है। ... .
कानों को साफ रखें ... .
सरसों का तेल का इस्तेमाल करें ... .
धूम्रपान से दूर रहें ... .
कम सुनाई देने के कारणों पर ध्यान दें.

कान से सुनाई न दे तो क्या करना चाहिए?

अगर कान का पर्दा फट गया है और कान से सुनाई नहीं देता, तो डॉक्टर हियरिंग एड लगा सकते हैं। इससे सुनाई भी देने लगता है, लेकिनआमतौर पर डॉक्टर ऐसा नहीं करते। डॉक्टर ऐसी स्थिति में सर्जरी कराने की हीसलाह देते हैं क्योंकि हियरिंग एड से कान की जो समस्या है, वह जहां की तहां बनी रहती है, जबकिसर्जरी से उसे ठीक कर दिया जाता है।

कान से कम सुनाई देने का क्या कारण है?

myUpchar के अनुसार, श्रवण हानि के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे तेज आवाज या शोर, चोट, बुढ़ापा, वंशानुगत और संक्रमण..
कान की बनावट ... .
उम्र बढ़ने के साथ बहरापन ... .
बीमारियों के कारण बहरापन ... .
कान में संक्रमण भी बहरेपन का कारण ... .
इन कारणों से भी आता है बहरापन ... .
ऐसे रखें अपने कान का ख्याल.

बहरापन दूर करने का आसन कौन है?

ताड़ासन आपके कान के लिए बहुत ही उपयोगी आसन है। इसे नियमित रूप से करने से आपके पोस्चर में सुधार देखने को मिलता है।