Hindi mein anushasan ke bare mein shikshak aur chatr ke beech samvad- Samvad Lekhanशिक्षक : मुकेश तुम आज फिर देर से विद्यालय आये हो । Show मुकेश : जी मास्टर जी रास्ते में मेरी साइकिल पंक्चर हो गई थी इसलिए देर हो गई । शिक्षक : तुम्हारे पास बहानों की कमी नहीं है । गृह कार्य ना करने का बहाना, कॉपी-किताब ना लाने का बहाना । मुकेश : मैं सच कह रहा हूँ मास्टर जी । शिक्षक : बेटा यह तो सब जानते हैं कि तुम कितना सच बोल रहे हो और कितने अनुशासन हीन हो । क्या जीवन भर तुम्हे ऐसे ही रहना है । मुकेश : नहीं मास्टर जी । शिक्षक : तो फिर अपने जीवन में अनुशासन लाओ । एक दिन पहले ही अपना बस्ता लगा कर रखो, सुबह समय पर उठो, तैयार हो और समय से विद्यालय के लिए निकलो । मुकेश : जी, मास्टर जी । शिक्षक : यदि तुम आलस त्याग कर अपने काम को जिम्मेदारी के साथ करोगे तो ना कभी कुछ भूलोगे और ना ही किसी काम में पीछे रहोगे । बल्कि जो व्यक्ति अनुशासन के साथ चलता है उसे कहीं मात भी नहीं खानी पड़ती और सब उसका सम्मान करते हैं । मुकेश : जी मैं समझ गया मास्टर जी । आगे से आपको मेरे से कोई शिकायत नहीं होगी । मैं समय से अपना बस्ता लगाऊंगा और समय से पढाई भी करूँगा । शिक्षक : यह अनुशासन सिर्फ विद्यालय से सम्बंधित कार्यों के लिए नहीं बल्कि निजी जीवन के लिए भी आवश्यक है । जिससे हमारा संपूर्ण विकास हो और हम अच्छे नागरिक बनें ।
यह संवाद लेखन विद्यार्थियों के लिए निम्न विषयों पर उपयोगी होगा – Samvad Lekhan, samvad lekhan meaning, samvad lekhan in hindi for class 8, samvad lekhan meaning in english, samvad lekhan in hindi for class 7, samvad lekhan format class 9, samvad lekhan marathi, shunya kachra samvad lekhan, 5 samvad lekhan, samvad lekhan in hindi for class 6, samvad lekhan in hindi for class 5, samvad lekhan in hindi for class 10 कक्षा में अनुशासन बनाए रखने के लिए शिक्षक की क्या भूमिका है?छात्रों को व्यस्त रखें: जितना अधिक छात्र गतिविधियों में लगे रहते हैं, उतनी ही वे समस्याएँ पैदा करते हैं। सुनिश्चित करें कि आप परस्पर संवादात्मक कक्षाएं देते हैं और छात्रों को जोश से पढ़ाते हैं। केवल व्याख्यान देने से छात्रों को शामिल करना बेहतर है। इसलिए, शिक्षक को अपने शिक्षण को रोचक बनाने का प्रयास करना चाहिए।
शिक्षक और छात्र के बीच संबंध कैसे होने चाहिए?शिक्षक और छात्रों के बीच मधुर संबंध से ही कोई अच्छा परिणाम सामने आ सकता है जिससे वे अपना तथा विद्यालय का, इस देश का गौरव बढ़ा सकते हैं। इसके छात्रों को विद्यालयीन अनुशासन में रहना चाहिए, गुरुओं का आदर करना चाहिए, उनके अमूल्य परामर्शों पर अमल करना चाहिए, उनके बताए राह पर चलना चाहिए।
एक छात्र एवं अध्यापक के बीच क्यों मंडल में होने वाले प्रदूषण से संबंधित संवाद को लिखिए?रोहन (विद्यार्थी) – गुरुजी, पृथ्वी पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में कुछ हानिकारक या जहरीले पदार्थ के मिश्रण को ही प्रदूषण कहते हैं। अध्यापक – बिलकुल सही, फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा तथा अन्य गतिविधियों से उत्पन्न हुए अनेक प्रकार के प्रदूषक, मिट्टी, पानी, हवा/वायु को दूषित करते हैं और यही है प्रदूषण।
संवाद कैसे लिखा जाता है?अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ –
(1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत (अर्थपूर्ण) विचार होना चाहिए। (2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। (3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। (4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
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