लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था? Show
जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लूह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका के गिल्लू समझदारी और इस प्रकार के कार्य कलापों पर हैरानी होती थी। 667 Views पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?कौआ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। श्राधों में लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते है। उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। इसके माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नही भाती तभी यह अनादरित होता है। 1205 Views गिलहरी के बायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया? लेखिका ने दो कौओं की चोंच से घायल, गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। वह कौओं द्वारा चोच मारे जाने से बिल्कुल निश्चेन्त-सा गमले से चिपटा पड़ा था। लेखिका उसे उठाकर अपने कमरे में ले आईं और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्तीं दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हें मुँह पर लगाई किन्तु उसका मुँह पूरी तरह खुल नहीं पाता था इसलिए वह पी न सका। तब काफी देर तक लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो सकी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया। 1177 Views गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया? गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वह उसका पहला बसंत था। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके कुछ-कुछ कहने लगी। गिल्लू जाली के पास बैठकर उन्हें निहारता था। उन्हें मजे से खेलते देख वह उदास था। उसे मुक्त करने का कारण यह भी था कि उस जैसे छोटे जानवर, का कूत्ता और बिल्ली आदि से रक्षा करना भी मुश्किल था। लेखिका ने उसे मुक्त करने के लिए जाली का कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू बाहर आ जा सकता था। बाहर जाकर गिल्लू ने सचमुच मुक्ति की साँस ली। 854 Views सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन कौन से विचार उमड़ने लगे? सोनजूही की पीली कली मनमोहक होती है। लेखिका के मन मे विचार आया कि वह छोटा जीव इसी कली की सघन छाया मे छिपकर बैठ जाता था। उसका नाम गगिल्लूथा। वह लेखिका के निकट पहुँचते ही कंधे पर कूद जाता था। और उन्हें चौका देता था उस समय लेखिका को केवल कली की खोज रहती थी पर अब वे उस लघुगात, प्राणी को ढूँढ रही थी। इस कली को पुन: खिले हुए देखकर लेखिका अपने उसी पारिवारिक सदस्य की खोज में डूब जाती हैं। जिसका नामकरण संस्कार भी उन्होंने स्वयं ही किया था। 749 Views Question पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?Open in App Solution कौआ बड़ा विचित्र प्राणी है - कभी समादरित तो कभी अनादरित किया जाता है। पितृ पक्ष में लोग इसे आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। कभी-कभी छत पर बैठ कर ये आने वाले का संदेश भी देते हैं, कहते हैं कौआ बोले तो कोई दूर से प्रिय जन आता है। परन्तु कौए की बोली बहुत कड़वी और कानों को चुभने वाली होती है इसलिए सब इसे भगा कर अनादरित भी करते हैं।Solve Textbooks Question Papers Install app लेखिका ने कौवे को क्यों विचित्र पक्षी कहा है?लेखिका ने कौए को क्यों विचित्र पक्षी कहा है? उत्तर: लेखिका ने कौए को इसलिए विचित्र पक्षी कहा है कि वह एक साथ समादरित, अनादरित, अति सम्मानित, अति अवमानित है।
कौवे को समादरित और अनादरित क्यों कहा गया?कौओ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। श्राद्ध के दौरान लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते हैं।
कौए को अवमानना के अर्थ में कब प्रयुक्त करते हैं?दूसरी ओर हम कौवा और काँव-काँव करने को अवमानना के अर्थ में ही प्रयुक्त करते हैं। मेरे काकपुराण के विवेचन में अचानक बाधा आ पड़ी, क्योंकि गमले और दीवार की संधि में छिपे एक छोटे-से जीव पर मेरी दृष्टि रुक गई। निकट जाकर देखा, गिलहरी का छोटा-सा बच्चा है जो संभवत: घोंसले से गिर पड़ा है और अब कौवे जिसमें सुलभ आहार खोज रहे हैं।
कौवे को अनादरित मानने का क्या कारण है?उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। इसके माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नही भाती तभी यह अनादरित होता है।
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