नेतरहाट (Netarhat) भारत के झारखंड राज्य के लातेहार ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह पहाड़ियों में स्थित एक पर्यटक स्थल है, और इसे "छोटानागपुर की रानी" के नाम से जाना जाता है।[1][2] Show नेतरहाट एक पहाड़ी पर्यटन-स्थल है। यह समुद्र सतह से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। रांची से यह करीब १५० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रकृति ने इसे बहुत ही खूबसूरती से संवारा है। यहाँ पर लोग सूर्योदय व सूर्यास्त देखने आते हैं। यह नजारा नेतरहाट से करीब १० किमी की दूरी पर आकर्षक ढंग से देखा जा सकता है। इसके अलावा यहाँ घाघरी एवं लोअर घाघरी नमक दो छोटे-छोटे जलप्रपात भी हैं, जो प्रसिद्ध स्थल हैं। 'छोटा नागपुर की रानी' के नाम से प्रसिद्ध नेतरहाट झारखंड की राजधानी रांची से 156 किमी पश्चिम में लातेहार जिले में स्थित है। समुद तल से 3700 फीट की उंचाई पर स्थित नेतरहाट में गर्मी के मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। वैसे तो सालो भर यहां ढंड का मौसम बना रहता है। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए भी लोग आते है। घने जंगल के बीच बसे इस जगह की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। पर्यटक यहां आने पर प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय, लोध झरना, उपरी घाघरी झरना तथा निचली घाघरी झरना देखना नही भूलते है। झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा फाल बरहा घाघ (466 फुट) नेतरहाट के पास ही है। नेतरहाट में वन विभाग की अनुमति के साथ शूटिंग भी किया जाता है। यहाँ कुछ भागों में बाघ बहुतों की संख्या में है। नेतरहाट के विकास के साथ यहाँ पर्यटक, शिकारी काफी आकर्षित हो रहे हैं। नेतरहाट एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय की स्थापना नवम्बर 1954 में हुई थी। राज्य सरकार द्वारा स्थापित और गुरुकुल की तर्ज पर बने इस स्कूल में अभी भी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर नामांकन होता है। यहां के अनेक छात्र ने हरेक क्षेत्र में इस विद्यालय का नाम रौशन किया है। अभी भी छात्र के आय के हिसाब से ही इस विद्यालय में फीस ली जाती है। हिन्दी माध्यम के इस विद्यालय में अग्रेंजी और संस्कृत भी पढाया जाता है। नेतरहाट से 4 किमी दूर यह जगह प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता के बीच पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है। यहां से 10 किमी की दूरी पर घने जंगलों के बीच से गुजरती इस झरने की सुन्दरता देखते ही बनती है। 32 फीट की उंचाई से गिरते हुए इस झरने को देखने हजारों की संख्या पर्यटक गर्मी के दिनों में यहां आते है। यहां के आस-पास के जंगल इतने घने है कि सूर्य की किरणें भी इसको पार नही कर पाती है। नेतरहाट से 60 किमी दूर स्थित यह झरना बुरहा नदी के पास स्थित है। 468 की उंचाई पर स्थित यह झरना झारखंड का सबसे उंचा झरना माना जाता है। कहा जाता है कि इस झरने की गिरने की आवाज आस-पास के 10 किमी दूर तक सुनाई देती है। नेतरहाट में चीड़ वन के बीच एक अभयारण्य है जो लोगों को इस भाग में आने के लिए उत्साहित करता है। कुछ समय पहले तक राज्यपाल इसे गर्मियों के स्थायी स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया करते थे। नेतरहाट का तापमान रांची की तुलना में पूरे वर्ष अच्छा रहता है। यह कहा जा सकता है कि यह स्थान पूरे झारखंड राज्य में सबसे ठंडा है। इस स्थान में की कृषि फार्म भी हैं। वायुयाननिकटतम हवाई अड्डा रांची (156 किलोमीटर) इंडियन एयरलाइंस के विमान के साथ मुंबई, पटना, कोलकाता और नई दिल्ली से जुड़ा हुआ है। वायु मार्ग- बिरसा मुडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अडडा यहां से 154 किमी दूर रांची में है। जहां से पटना, दिल्ली समेत अन्य जगहों के लिए उडाने उपलब्ध है। रेलनिकटतम रेलवे स्टेशन रांची १५६ किलोमीटर रांची रेलवे स्टेशन से टैक्सी द्वारा यहां जाया जा सकता है। सड़करांची से नेतरहाट के लिए प्रतिदिन बस सुविधा उपलब्ध है। रांची से रोजाना नेतरहाट के बस सेवा उपलब्ध है। नेतरहाट की जलवायु जुलाई और अगस्त में बहुत अच्छी रहती है ओर नम नहीं होती है |गर्मियों के दिनों में नेतरहाट की जलवायु बहुत ठण्ड रहती है। यह पठार जंगलों से घिरा हुआ है और यहाँ 60 इंच से अधिक वर्षा प्रति वर्ष नहीं होती है। यहाँ वन में पाइन के पेड़ हैं। सेब और आड़ू के फल यहाँ हैं, लेकिन बहुत बड़े नहीं हैं |यह स्थान मलेरिया से मुक्त कर दिया गया है। यहाँ कई फूलों के पेड़ हैं विशेष रूप से कचनार और कैसिया प्रजाति के। सीजनल फूलों को पूरे वर्ष विकसित किया जा सकता है | नदियों की मुख्य धारा उत्तर से दक्षिण की ओर सोन नदी की ओर है, जो सीमा के उत्तरी भाग के जिलों में है |प्रमुख नदी कोयल और उसकी सहायक नदियाँ औरंगा और अमानत है। इनमे कई छोटी शाखाएं भी हैं, जिनमें से अधिकांश हैं जो केवल पहाड़ ओर पत्थरों के बीच से गुजरती हैं। नवंबर,1954 में राज्य सरकार द्वारा इस स्थान पर एक पब्लिक स्कूल शुरू किया गया था, जहाँ प्रवेश सिर्फ योग्यता के आधार पर लिया जाता है। यहाँ माता- पिता के आय के अनुसार प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहाँ प्रवेश सीमा 10 -12 वर्ष है और लड़कों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। यहाँ शिक्षा का माध्यम हिन्दी है लेकिन अंग्रेजी और संस्कृत में भी शिक्षा दी जाती है। कई शीर्ष के नौकरशाह और टेक्नोक्रेट इसी विद्यालय से पढ़ कर निकले है। झारखण्ड से संबंधित सभी सामान्य ज्ञान प्रश्न जो झारखण्ड राज्य में होने वाले विभिन्न सरकारी या गैर सरकारी प्रतियोगिता परीक्षा के तयारी के लिए उपयोगी है। झारखण्ड से संबन्धित महत्वपूर्ण जीके प्रश्न/सामान्य ज्ञान । ये प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में फिर से पूछे जाने की संभावना है। Jharkhand GK - झारखण्ड से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवालझारखंड सामान्य ज्ञान | झारखंड का जनरल नॉलेज | Jharkhand General Knowledge76. राज्य के किस जिले में शताब्दी स्टेडियम स्थित हैं ?
Show Answer 77. झारखण्ड का सबसे ऊंचा जल-प्रपात हैं ?
Show Answer 78. झारखण्ड में "पहाड़ों की रानी" के नाम से प्रसिद्ध हैं ?
Show Answer 79. झारखण्ड की औद्योगिक राजधानी हैं ?
Show Answer 80. झारखण्ड में पहला तॉंबा प्रगलन केन्द्र कहॉं पर हैं ?
Show Answer 81. झारखण्ड राज्य में झूमर गीत किस अवसर पर गाया जाता हैं ?
Show Answer 82. झारखण्ड में "धुबिया" किसको कहा जाता हैं ?
Show Answer 83. झारखण्ड में झंझाइन गीत किस अवसर पर गाया जाता हैं ?
Show Answer 84. झारखण्ड में ढाल विद्रोह कब शुरु हुआ था ?
Show Answer 85. झारखण्ड में किस जनजाति में श्राद्ध संस्कार को "कमावत" कहा जाता हैं ?
Show Answer 86. झारखण्ड में किस जनजाति में संयुक्त परिवार को "भाई बन्द" कहा जाता हैं ?
Show Answer 87. झारखण्ड राज्य में निजी वनों को कब नियंत्रण में लाया गया ?
Show Answer 88. झारखण्ड में किस लोक नृत्य को जन्मोत्सव आदि अवसरों पर पुरुषों के द्वारा किया जाता हैं ?
Show Answer 89. झारखण्ड में किस जनजाति की संख्या सर्वाधिक हैं ?
Show Answer 90. झारखण्ड में दूसरी सबसे बड़ी जनजाति कौन-सी हैं ?
Show Answer Jharkhand Quiz - झारखंड से संबन्धित सामान्य ज्ञान के सवाल - Jharkhand GK Hindi Like Our Facebook Page To Get The Latest Updates : Facebook पहाड़ों की रानी के नाम से कौन सा स्थान प्रसिद्ध है?मसूरी उत्तराखंड की प्रकृति की गोद में बसा हुआ अत्यंत मनोरम शहर है. मसूरी को 'पहाड़ों की रानी' भी कहा जाता है. मसूरी सौंदर्य, शिक्षा, पर्यटन व व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है. पहाड़ों के बीच बसा मसूरी देश का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है.
झारखंड की रानी कौन है?सही उत्तर नेतरहाट है। झारखंड के चमड़ा जिले में हिल स्टेशन नेतरहाट स्थित है। नेतरहाट को "छोटानागपुर की रानी" के रूप में जाना जाता है।
झारखंड में कितने पहाड़ों की रानी कहा जाता है?नेतरहाट (Netarhat) भारत के झारखंड राज्य के लातेहार ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह पहाड़ियों में स्थित एक पर्यटक स्थल है, और इसे "छोटानागपुर की रानी" के नाम से जाना जाता है।
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