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Published in JournalYear: Aug, 2018 Article Details
शिक्षक की भूमिका क्या होती है?शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो बालक के व्यक्तित्व का सर्वाङगीण विकास कर उसमे अच्छे मूल्यों और आदर्शों को विकसित करता है जिससे कि वो आगे चलकर देश के उत्तम नागरिक बनें और देश की उन्नति एवं विकास में अपना योगदान दे सकें। शिक्षकों के कन्धों पर बहुत बड़ा उत्तरदायित्व होता है। वास्तव में, वे ही देश के भाग्य-निर्माता होते हैं।
बच्चों के विकास में एक शिक्षक की क्या भूमिका होती है?शिक्षक ही बालकों की योग्यता, क्षमता, रूचि, अभिरूचि आदि के अनुसार शिक्षा प्रदान करता है। वह छात्रों को ज्ञान व क्रिया का अधिगम कराने के लिए उचित वातावरण की तैयारी करता है। ताकि छात्र भविष्य में सफलता प्राप्त कर सके । उसी का कर्तव्य होता है।
ज्ञान का निर्माण कैसे होता है?(1) ज्ञान को परावर्तित अमूर्तता के द्वारा निर्मित किया जाता है। (2) इसे क्रियाशील तथा भागितापूर्ण अधिगम के रूप में निर्मित किया जाता है। (3) यह इस मान्यता पर आधारित है कि अधिगम स्थिर तथा अन्तर्निहित नहीं होता बल्कि वह निरन्तर विकसित होता है।
ज्ञान के निर्माण से क्या आशय है?ज्ञान प्राप्त करने या ज्ञान के पुनरूत्पादन करने के स्थान पर ज्ञान निर्मित किया जाता हैं। वस्तुतः ज्ञान एक स्थिर वस्तु का संप्रत्यय नहीं है बल्कि ज्ञान के बारे में व्यक्ति के स्वयं के अनुभव उसे नए रूपों मे निर्मित करते रहते हैं। उदाहरणा से यह तथ्य स्पष्ट होगा।
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