जन्माष्टमी में कौन कौन सा सामान लगता है? - janmaashtamee mein kaun kaun sa saamaan lagata hai?

जन्माष्टमी में कौन कौन सा सामान लगता है? - janmaashtamee mein kaun kaun sa saamaan lagata hai?
जन्माष्टमी में कौन कौन सा सामान लगता है? - janmaashtamee mein kaun kaun sa saamaan lagata hai?

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कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर पूजन सामग्री की यह सूची विशेष रूप से तैयार की गई है। कान्हा की विधिवत पूजन से पूर्व आप भी जुटाएं यह समस्त सामग्री... 

धूप बत्ती (अगरबत्ती),


कपूर,
केसर,
चंदन,
यज्ञोपवीत 5,
कुंकु,
चावल,
अबीर,
गुलाल,
अभ्रक,
हल्दी,
आभूषण,
नाड़ा,
रुई,
रोली,
सिंदूर,
सुपारी,
पान के पत्ते,
पुष्पमाला,

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान विष्णु के कृष्ण आठवें अवतार थे, जिन्होंने धर्म की स्थापना के लिए मानव रूप में भाद्रपद की अष्टमी को अवतार लिया था। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितंबर को है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, मंगल गीत गाते हैं और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गाने के साथ भगवान का जन्म करते हैं। आइए जानते हैं किस तरह करें भगवान कृष्ण का जन्म और पूजा सामग्री में कौन सी चीजें होनी चाहिए।

यह है पूजा सामग्री
भगवान कृष्ण की पूजा सामग्री में एक खीरा, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, बाल कृष्ण की मूर्ति, एक सिंहासन, पंचामृत, गंगाजल, दीपक, दही, शहद, दूध, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत (साबुत चावल), तुलसी का पत्ता, माखन, मिश्री, भोग सामग्री।

बाल गोपाल की श्रृंगार सामग्री
बाल गोपाल के जन्म के बाद उनके श्रृंगार के लिए इत्र, कान्हा के नए पीले वस्त्र, बांसुरी, मोरपंख, गले के लिए वैजयंती माता, सिर के लिए मुकुट, हाथों के लिए चूड़ियां रखें।

इस तरह करें जन्मोत्सव पूजा
बाल गोपाल का जन्म रात में 12 बजे के बाद होगा। सबसे पहले आप दूध से उसके बाद दही, फिर घी, फिर शहद से स्नान कराने के बाद गंगाजल से अभिषेक किया जाता है, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। स्नान कराने के बाद आप मन में भक्ति भाव रखते हुए बिल्कुल छोटे बच्चों की तरह उनको लगोंटी जरूर पहनानी चाहिए। जिन चीजों से बाल गोपाल का स्नान हुआ है, उसे पंचामृत बोला जाता है। पंचामृत को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। फिर भगवान कृष्ण को नए वस्त्र पहनाने चाहिए।

भगवान के जन्म के बाद के मंगल गीत भी गाएं। कृष्णजी को आसान पर बैठाकर उनका श्रृंगार करना चाहिए। उनके हाथों में चूड़ियां, गले में वैजयंती माला पहनाएं। फिर उनके सिर पर मोरपंख लगा हुआ मुकुट पहनाएं और उनकी प्यारी बांसुरी उनके पास रख दें। अब उनको चंदन और अक्षत लगाएं और धूप-दीप से पूजा करनी चाहिए। फिर माखन मिश्री के साथ अन्य भोग की सामग्री अर्पण करें। ध्यान रहे, भोग में तुलसी का पत्ता जरूर होना चाहिए। भगवान को झुला पर बिठाकर झुला झुलाएं और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की का गाएं। साथ ही रातभर भगवान की पूजा करनी चाहिए।

यह है सही समय

इस साल स्मार्तों के लिए जन्माष्टमी व्रत 2 सितंबर रविवार को होगा और वैष्णवों के लिए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का व्रत 3 सितंबर सोमवार को होगा। सभी धर्मग्रंथों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी, नक्षत्र एवं वृष राशिस्थ चन्द्रमाकालीन अर्धरात्रि के समय हुआ था ऐसा कहा गया है। इन कारणों से जन्माष्टमी का व्रत 2 सितंबर को रखना ज्यादा शुभ माना जा रहा है। इस दिन कृष्ण जयंती योग होने से इसक महत्व और बढ़ गया है।

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Why do we celebrate the Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूरे देश में धूम है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त 2022 दोनों दिन मनाया जाएगा। हालांकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना उत्तम रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण की पूजा में कुछ पूजन सामग्री शामिल करना जरूरी माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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जन्माष्टमी 2022 पूजन सामग्री लिस्ट-

बाल गोपाल के लिए झूला या पालना, भगवान कृष्ण की मूर्ति या प्रतिमा, छोटी बांसुरी, एक पोशाक, आभूषण, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, कलश, हल्दी, छोटी इलायची, पान, सुपारी, सिक्के या रुपए, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, नायिरल, कुमकुम, लौंग, मौली, इत्र, सिंहासन, गंगाजन, दीया, सरसों का तेल या घी, रुई की बत्ती, अगरबत्ती, धूपबत्ती, खीरा, सेब, मीठा, नींबू, नाशपाती, अमरूद व कपूर आदि।

जन्माष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी त्योहार 18 व 19 अगस्त दोनों दिन मनाया जा सकता है। 18 अगस्त को व्रत रखने वाले 19 अगस्त को व्रत पारण करेंगे और 19 को व्रत रखने वाले भक्त 20 को पारण करेंगे। पंचांग के मुताबिक, भादों कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022 को रात 09.20 बजे से शुरू होगी, जो 19 अगस्त 2022 को रात 10.59 बजे समाप्त होगी।

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जन्माष्टमी महत्व-

मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधिवत पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन बाल गोपाल माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाना चाहिए।

जन्माष्टमी में पूजा का सामान क्या क्या लगता है?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए पूजन सामग्री इसके साथ ही इत्र की शीशी, धूप बत्ती या अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, 5 यज्ञोपवीत, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, मौली, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खीरा।

कृष्ण जी की पूजा में क्या क्या सामान लगता है?

जन्माष्मटी 2022 पूजन सामग्री (Krishna janmashtami Puja Samagri).
लड्‌डू गोपाल की मूर्ति, सिंहासन, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, फूल माला, कमलगट्टे, पीले वस्त्र, केले के पत्ते.
कुशा और दूर्वा, पंचमेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी के पत्ते, शुद्ध घी, दही, दूध, मौसम के अनुसार फल, इत्र, पंचामृत, पुष्प.

जन्माष्टमी के दिन क्या चीज चढ़ाई जाती है?

इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में लड्डू गोपाल के साथ गाय की छोटी सी मूर्ति भी अवश्य रखें। इसके अलावा गाय के दूध और घी को जरूर शामिल करें। मान्यता है कि कृष्ण जी को वैजयंती का फूल बहुत प्रिय होता है। ऐसे में हो सके तो पूजा में वैजयंती के पुष्प या उसकी माना अवश्य चढ़ाएं

जन्माष्टमी पर क्या खरीदें?

बछड़े के साथ गाय साथ ही गाय के दूध से बना माखन भी भगवान श्री कृष्ण को बहुत ज्यादा पसंद है। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गायों में बृहस्पति ग्रह का वास होता है। इसलिए जन्माष्टमी के त्योहार पर आपको गाय और बछड़े की छोटी सी प्रतिमा जरूर खरीदनी चाहिए।