जमीन पर मीठा गिरने से चीटियां कैसे आ जाती है - jameen par meetha girane se cheetiyaan kaise aa jaatee hai

जमीन पर मीठा गिरने से चीटियां कैसे आ जाती है - jameen par meetha girane se cheetiyaan kaise aa jaatee hai

चीटियां तो हर किसी के घर में आती है। आप कहीं भी कोई जूठा भोजन या खाद्य पदार्थ छोड़ देंगे तो उसका सेवन करने के लिए चीटियां अपने आप चली जाती है लेकिन कई बार ऐसा होता है चीटियां घर के उन स्थानों पर दिखाई देने लगती है जहां बेहद साफ सफाई होती है। कई बार यह आपके पूजा घर में नजर आती हैं। सब जानते हैं कि चीटियां घी नहीं खाती फिर भी होगी के बर्तन में दिखाई दे जाती है। जहां आप ने सफाई की है, थोड़ी सी भी गंदगी नहीं है वहां भी चीटियां नजर आने लगती है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है। क्या इसके पीछे भगवान का कोई संकेत होता है।

घर में लाल चीटियों के संकेत

यदि घर में अचानक लाल चीटियां दिखाई देने लगे तो समझिए आर्थिक विपत्ति आने वाली है। कहीं कोई घाटा होने वाला है। अचानक कोई ऐसी जरूरत आने वाली है जिसके कारण आपको कर्ज लेना पड़ सकता है। लाल चीटियां अनचाहे लोन का संकेत देती है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चीटियां संकेत देती हैं। यह भविष्यवाणी नहीं होती। शनि आपके इष्ट देव इस प्रकार से आपको संकेत देते हैं क्या आप अभी से समझ जाएं। स्थितियों पर नियंत्रण करें और सतर्क रहें। 

घर में लाल चीटियों के उपाय 

ज्यादातर लोग जानते हैं कि लाल चीटियां नुकसानदायक होती हैं। वह कर्ज का संकेत देती है इसलिए लोगों से नफरत करते हैं। लाल चीटियों को देखते ही मार देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। यदि आप एक धार्मिक व्यक्ति हैं। अपने इष्ट में आस्था रखते हैं तो आपको उनका संकेत लेकर आने वाली चीटियों को मारना नहीं चाहिए। उन्हें भगाने के लिए नींबू, तेजपत्ता, काली मिर्च या लॉन्ग उस स्थान पर रखें जहां पर चीटियां आ रही है। चीटियां समझ जाती है कि संकेत आपको मिल चुका है और वह वापस लौट जाती है। 

घर में काली चीटियों के संकेत एवं उपाय

यदि घर में अचानक काले रंग की चीटियां दिखाई देने लगे तो यह एक शुभ संकेत है। आपके जीवन में कोई बदलाव होने वाला है। कोई ऐसा परिवर्तन जो आपके लिए लाभदायक होगा। आपके परिवार के लिए मंगलकारी होगा लेकिन इसका तात्पर्य कतई नहीं है कि आप अनिश्चितकाल तक चीटियों को इसी प्रकार आते रहने दें या फिर उन्हें आमंत्रित करें। जब आपको स्पष्ट रूप से समझ आ जाए कि काले रंग की चीटियों का आगमन जीवन में बदलाव के लिए ही हो रहा है तो उनके स्वागत में आटा डालना शुरू कर दे। आपके इष्ट देव को जब यह पता चल जाएगा कि आप तक संकेत पहुंच चुका है तो चीटियां अपने आप वापस लौट जाएंगी।

चीटियों से संबंधित कुछ शगुन अपशगुन

लाल चींटियों की कतार मुंह में अंडे दबाए निकलते देखना शुभ है। सारा दिन शुभ और सुखद बना रहता है।

जो चींटी को आटा देते हैं और छोटी-छोटी चिड़ियों को चावल देते हैं, वे वैकुंठ जाते हैं।

कर्ज से परेशान लोग चींटियों को शकर और आटा डालें। ऐसा करने पर कर्ज की समाप्ति जल्दी हो जाती है।

interesting facts about ant

चींटी दुनिया की सबसे छोटी प्रजातियों में से एक है। ऊंचाई से गिरकर फिर चढ़ना चीटियों की आदत है। इंसान और चींटी ही ऐसी प्रजाति हैं जो भोजन इकठ्ठा करके रखते हैं। चींटियों के कान नहीं होते, वो जमीन के कंपन से महसूस करती है। चींटियां हमेशा एक लाइन में चलती हैं ऐसा इसलिए क्योंकि सब चीटियां एक तरल पदार्थ छोड़ती जाती हैं जिससे पीछे वाली चींटी उसके पीछे चलती रहती है।

चींटी को संसार का सबसे छोटा प्राणी माना जाता है लेकिन इनकी अपनी कुछ विशेषताएं भी हैं। इनका अपना संचार अपने आप में कम विचित्र नहीं है। शायद आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि संसार के देशों में 15 हजार से भी अधिक किस्मों की अनोखी चींटियां पाई जाती हैं। रूस के साइबेरिया में आधा इंच लंबी उड़ने वाली नीले रंग की चींटियां पाई जाती हैं, जो कि अक्‍सर मीठे-मीठे फलों का रस चूसती रहती हैं।

अमेरिका के उत्तरी रेगिस्तान में काले रंग की ऐसी जहरीली चींटियां पाई जाती हैं जिनसे विष का निर्माण भी किया जाता है। दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में फ्रेरिक्सी जाति की लाखों चींटियां अपने समूह में रहती हैं। दरअसल, ये नशाखोर होती हैं। ये नशे के पीछे अपना सब कुछ बरबाद कर लेती हैं। हां, इन चींटियों को ‘पियक्कड़’ नाम से भी जाना जाता है।

इन पियक्कड़ चींटियों का नशा भी अजीब होता है। अफ्रीका की वादियों में गेबरिला नामक एकोडन नस्ल का कीड़ा पाया जाता है। यह लाल वर्ण का होता है तथा इसका शरीर बिलकुल चिकना होता है। चींटियां जब इसके बदन को काटती हैं, तो इसके बदन से एक तरह का सुगंधित द्रव झरना शुरू हो जाता है। इस सुगंधित द्रव में एक तरह का नशा होता है जिसे ग्रहण कर चींटियां अपनी मस्ती में मस्त रहती हैं।

हां, ये चींटियां इस कीड़े को अपने बिल में खास मेहमान बनाकर रखती हैं। उसके खाने-खुराक की विशेष देखभाल करती हैं। यहां तक कि उसके बच्चों की भी देखरेख करती हैं। इस आदर-सत्कार के बदले ये कीड़ा चींटियों को जब भी आवश्यकता होती है, उनका प्रिय 'ड्रिंक' प्रदान करता है। यह मीठा नशीला द्रव इन चींटियों को पतन की ओर इस हद तक धकेलता है कि ये अपना रोजमर्रा के कार्य और स्वयं के अंडों, बच्चों की देखभाल का काम भी नजरअंदाज कर जाती हैं। अपना सारा समय वे कीड़े की सेवा व उसके आसपास ही डोलते रहने में व्यतीत कर देती हैं।

इसी तरह की सफेद चींटियां ऑस्ट्रेलिया के पर्वतों पर भी मिलती हैं, लेकिन ये जहरीले जीव-जंतुओं का खून चूसकर नशा किया करती हैं। मेडागास्कर में 3 इंच लंबी चींटियां घने जंगलों में वृक्षों की खोखल में पाई जाती हैं। ये किसी भी सोते हुए पक्षी पर एकसाथ हमला करती हैं, फिर उसके जिस्म का पूरा खून चूसकर ही दम भरती हैं। खून चूसने के उपरांत इन चींटियों को एक तरह का नशा चढ़ता है और ये अपने स्थान पर आकर 2-3 दिन तक बेहोश पड़ी रहती हैं। नशा उतरने पर ये पुन: नए शिकार की तलाश में चल पड़ती हैं।

कोमारा द्वीप की चींटियां तो बड़ी खतरनाक होती हैं। ये जब अपने विशाल समूह में होती हैं, तो खड़े वृक्षों तक को चट कर जाती हैं। प्रकृति के लिए यह चींटी कैंसर का काम करती है। यहां के आदिवासी इन चींटियों के हमले से बचने के लिए बंदर पालकर रखते हैं, क्योंकि ये बंदर इन चींटियों को बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं।

अलास्का की खाड़ी के कोडिएक, एफोग्नक व शूयक द्वीपों में हरे रंग की चींटियां पाई जाती हैं। ये वृक्षों के पत्तों को चूसकर नशा करती हैं तथा अपने शरीर का रंग गिरगिट की भांति बदल लेती हैं।

जैव-विविधता के जानकारों का मानना है कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में चींटियां बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे मिट्टी के पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करती हैं और बीजों के प्रसार में मदद करती हैं। इस कारण से वे कीटों के सबसे बेहतरीन अध्ययन समूहों में से एक हैं।
विशालकाय हाथी भी चींटियों से डरते हैं।

जमीन पर मीठा गिरने पर चीटियां कैसे आ जाती है?

उत्तर: चींटियाँ चलते समय जमीन पर कुछ गन्ध छोड़ती हैं, जिसे सँघकर पीछे आनेवाली चींटियों को रास्ता मिल जाता है। जब हम चींटियों का रास्ता रोकते हैं तो इसी कारण वे ऐसा व्यवहार करती हैं।

चीटियां हमारे पास कब आती है?

चीटियां तो हर किसी के घर में आती है। आप कहीं भी कोई जूठा भोजन या खाद्य पदार्थ छोड़ देंगे तो उसका सेवन करने के लिए चीटियां अपने आप चली जाती है लेकिन कई बार ऐसा होता है चीटियां घर के उन स्थानों पर दिखाई देने लगती है जहां बेहद साफ सफाई होती है। कई बार यह आपके पूजा घर में नजर आती हैं।

चींटी को मीठा क्यों पसंद है?

चींटियों को मीठा खाना ही क्यों पसंद है? शायद तीखा खाने से चींटियों की तबियत खराब हो जाती हो, इसलिए वे मीठा खाती हैं। चींटियों को डायबिटीज का डर नहीं होता, इसलिए खूब मीठा खाती हैं।

चींटी किसका प्रतीक है?

मालूम हो कि चींटी को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। और काली चींटी का संबंध शनि ग्रह से बताया गया है। कहते हैं कि चींटियों को चावल डालने से बैकुंठ का सुख प्राप्त होता है। इसका तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को विष्णु जी के लोक में जगह मिलती है।