जल चक्र का वर्णन कीजिए 200 शब्दों में - jal chakr ka varnan keejie 200 shabdon mein

उत्तर :

जल चक्र का तात्पर्य पृथ्वी के स्थल मंडल, जल मंडल तथा वायुमंडल के बीच होने वाले जल के चक्रीय प्रवाह से है।जल एक चक्र के रूप में महासागर, से धरातल पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। इसमें, जल के विभिन्न स्रोतों से जीवों के बीच जल का आदान प्रदान भी शामिल है। निम्न चित्र के माध्यम से जल चक्र को समझा जा सकता है।

जल चक्र का वर्णन कीजिए 200 शब्दों में - jal chakr ka varnan keejie 200 shabdon mein

जल चक्र में वाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन, संघनन, वर्षन, अंतःस्पंदन, अपवाह तथा संग्रहण की प्रक्रिया शामिल है। वाष्पीकरण के तहत गर्मी के प्रभाव से धरातल अथवा समुद्र का जल वाष्प बनकर उपर उठता है, वहीं वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया जीवित प्राणियों में होती है। इनसे बनने वाला वाष्प संघनन की क्रिया के द्वारा बादल में परिवर्तित हो जाता हैं, फिर वर्षण की प्रक्रिया के द्वारा बादल के रूप में संगृहीत जल वर्षा की बूंदों तथा हिमपात के रूप में नीचे गिरता है।

पुनः ये जल या तो अंतःस्पंदन की प्रक्रिया द्वारा भूमि के नीचे रिसता हैं अथवा अपवहन की प्रक्रिया द्वारा धरातलीय स्रोतों से बहते हुए बड़ी जल निकायों में संगृहीत होता है। पूनः यह संगृहीत जल वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल मे निर्गमित होता है। इस प्रकार जल चक्र की प्रक्रिया पूरी होती है।

Solution : जल-चक्र प्रकृति में जल का संतुलन कायम करने में सहायक है। यह चक्र एक अति महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से धरती के ऊपर जीवन का अस्तित्व बना रहता है। जल-चक्र वायुमंडल की ऊष्मा का अवशोषण कर सागर भू-मंडलीय ऊष्मा को भी कम करता है। यही ऊष्मा लंबी अवधि के लिए जलवायु के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हेलो संध्या परम एक प्रश्न दिया हुआ है जल चक्र का वर्णन कीजिए तो वह जहां पर देखी मैंने पहले सीख डायग्राम दे रखा है यह देखिए द वाटर साइकिल इस्कॉन जलचक्र कहते हैं लिखने की वर्तमान में जल चक्र या जन का कैसे चक्रण होता है क्या होता है कि गाय देखिए यह जो पानी भरा हुआ है चलाते हैं यहां पर के देखिए यह ऑपरेशन के द्वारा यह जो नीला सा वाटर भरा हुआ है यह पूरा यह क्या है जल है यह क्या होता है एक प्रोसेस होता है वह परेशान इसी को हम बोलते हैं वाष्पीकरण क्या बोलते हैं वाष्पीकरण वाष्पीकरण वशीकरण होकर ये सारा का सारा जलगांव पहुंचता है बादलों के रूप में फिर उसके बाद यहां पर क्या हो जाता है कंडेंसेशन कंडेंसेशन मतलब संगठन की क्रिया हो जाती है संगठन संगठन होने के बाद फ्री बादल बनते फ्री एक क्या होता है उसे फिर से बाहर बारिश हो जाती है

प्रेसिपिटेशन मतलब अभिकरण होने लगता है इसका बारिश होकर फिर यह नदियों से बताओ यह दवा सीधा नदियों से यहां पर कलेक्शन हो जाता है कलेक्शन में कब संग्रह है हाई ब्लड प्रेशर प्रति संरक्षण अब शेफर्ड तुम आज क्या होता है कि माता करना जो जल होता है कहते हैं कि सभी जीव धारियों को जल की ज्यादा जरूरत होती है सभी को होती है पौधों को भी जंतुओं को भी और सभी जो जीवधारी होते हैं जिन भाइयों के शरीर का जीव धारियों के शरीर का 690 भाग पानी से बना होता है ए टी टू नाइन परसेंट भाग जल से मिलकर बनता है जल से बना है और यह जल चक्र है चल बहुत ही जरूरी होता है जी

धारियों के लिए देखें जल से बना है शरीर की जितनी भी क्रियाएं हैं वह क्या होती है सारी की सारी जल से संचालित होती हैं दूसरी बात यह है कि जितना भी वातावरण से जितना भी वातावरण से जितना भी जल जीवधारी ग्रहण करते हैं जीवधारी ग्रहण करते हैं ग्रहण करते हैं इतना कमा उतना वातावरण में मुक्त कर देते हैं उतना वातावरण मुक्त कर देते हैं मुक्त कर

देते हैं इस प्रकार जल चक्र निरंतर चलता रहता है इस प्रकार जल चक्र नेपाली देते हैं जल चक्र निरंतर चलता रहता है निरंतर चलता रहता है रिश्ता वैसे जो हमारा आज का प्रश्न था कि जल चक्र का वर्णन कीजिए बहुत ही सिंपल आएगी क्लास सिक्स्थ क्लास नहीं हो जाता है तो ऑपरेशन अस्वीकरण की क्रिया होती है बादल बन गई ठंडी हो गई वर्षा होने के बाद फिर से बैठकर नदियों में आ गया तो जल जहां से गया था वहीं पर फिर वापस आ गया

तो इस प्रश्न का आयोग आपको उत्तर मिल गया होगा थैंक यू भाई

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 1. जल-चक्र - (पुं.) (तत्.) - निरंतर चलने वाली वह (अटूट) प्रक्रिया जिसमें पहले समुद्र का पानी भाप (वाष्प) बनकर बादल बनता है, फिर वही बादल पानी बरसाता है और फिर वही पानी नदियों से होता हुआ समुद्र में जा मिलता है। water cycle

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 2. जल-चक्र क्या है ?

जल की एक मुख्य विशेषता यह है कि यह अपनी अवस्था आसानी से बदल सकता है । यह ग्रह पर अपनी तीन अवस्थाओं, ठोस, द्रव तथा गैस के रूप में आसानी से प्राप्त हो जाता है । पृथ्वी पर जल की मात्रा सीमित है । जल का चक्र अपनी स्थिति बदलते हुए चलता रहता है जिसे हम जल चक्र अथवा जलविज्ञानीय चक्र कहते हैं । जलीय चक्र की प्रक्रिया जल-मंडल, एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ वातावरण तथा पृथ्वी की सतह का सारा जल मौजूद होता है । इस जलमंडल में जल की गति ही जल चक्र कहलाता है । यह संपूर्ण प्रक्रिया बहुत ही सरल है जिसे चित्र में 6 भागों में विभाजित किया गया है।

क- वाष्पीकरण/वाष्पोत्सर्जन

ख - द्रवण
ग - वर्षण
घ - अंतः-स्यंदन
ड - अपवाह
च - संग्रहण

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 3. जब वातावरण में जल वाष्प् द्रवित होकर बादलों का निर्माण करते है, इस प्रक्रिया को द्रवण कहते हैं । जब वायु काफी ठण्डी होती है तब जल वाष्प् वायु के कणों पर द्रवित होकर बादलों का निर्माण करता है । जब बादल बनते हैं तब वायु विश्व में चारो ओर ले जाकर जल वाष्प् को फैलाती है । अन्ततः बादल आर्द्रता को रोक नहीं पाते तथा वे हिम, वर्षा, ओले आदि के रूप में गिरते हैं ।

अगले तीन चरण - अंतःस्यंदन, अपवाह तथा वाष्पीकरण एक साथ होते हैं । अंतःस्यंदन की प्रक्रिया वर्षा के भूमि में रिसाव के कारण होती है । यदि वर्षा तेजी से होती है तो इससे भूमि पर अंतः स्यंदन की प्रक्रिया हो कर अपवाह हो जाता है । अपवाह जल स्तर पर होता है तथा नहरों, नदियों में प्रवाहित होते हुए बड़ी जल निकायों जैसे झीलों अथवा समुद्र में चला जाता है । अंतस्यांदित भू-जल भी इसी तरह प्रवाहित होता है क्योंकि यह नदियों का पुनर्भरण करता है तथा जल की बड़ी निकायों की ओर प्रवाहित हो जाता है । सूर्य की गर्मी से जल का वाष्पों में बदलने को वाष्पीकरण कहते है । सूर्य की रोशनी समुद्र तथा झीलों के जल को गर्म करती है तथा गैस में परिवर्तित करती है । गर्म वायु वातावरण में ऊपर उठकर द्रवण की प्रक्रिया से वाष्प् बन जाती है ।

जलीय चक्र निरंतर चलता है तथा स्रोतों को स्वच्छ रखता है । पृथ्वी पर इस प्रक्रिया के अभाव में जीवन असंभव हो जाएगा ।

जल प्रदूषण क्या है ?

जब झीलों, नहरों, नदियों, समुद्र तथा अन्य जल निकायों में विषैले पदार्थ प्रवेश करते हैं और यह इनमें घुल जाते है अथवा पानी में पड़े रहते हैं या नीचे इकट्ठे हो जाते हैं । जिसके परिणामस्वरूप जल प्रदूषित हो जाता है और इससे जल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है तथा जलीय पारिस्थितिकी प्रणाली प्रभावित होती है । प्रदूषकों का भूमि में रिसन भी हो सकता है जिससे एकत्र भूमि-जल भी प्रभावित होता है । जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत निम्नलिखित है:

घरेलू सीवेज :- जैसे- घरों से छोड़ा गया अपशिष्ट जल तथा सफाई सीवेज वाला जल

कृषिअपवाह :- जैसे- कृषि क्षेत्रों का भू-जल जहाँ रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग हुआ हो ।

औद्योगिकबहस्राव :- जैसे- उद्योगों में विनिर्माण कार्यों अथा रासायनिक प्रक्रियाओं का अपशिष्ट जल ।

जल प्रदूषण के प्रभाव

जल प्रदूषण से व्यक्ति ही नहीं अपितु पशु-पक्षी एवं मछली भी प्रभावित होते हैं । प्रदूषित जल पीने, पुनःसृजन कृषि तथा उद्योगों आदि के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं । यह झीलों एवं नदियों की सुन्दरता को कम करता है । संदूषित जल, जलीय जीवन को समाप्त करता है तथा इसकी प्रजनन - शक्ति को क्षीण करता है ।

जल प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

जलजनित रोग संक्रामक रोग होते हैं जो मुख्यतः संदूषित जल से फैलते हैं । हिपेटाईटिस, हैजा, पेचिश तथा टाइफाईड आम जलजनित रोग है, जिनसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के बहुसंख्यक लोग प्रभावित होते हैं । प्रदूषित जल के संपर्क से अतिसार, त्वचा संबंधी रोग, श्वास समस्यांए तथा अन्य रोग हो सकते है जो जल निकायों में मौजूद प्रदूषकों के कारण होते है । जल के स्थिर तथा अनुपचारित होने से मच्छर तथा अन्य कई परजीवी कीट आदि उत्पन्न होते है जो विशेषतः उष्णकटिबंधिय क्षेत्रों में कई बिमारियाँ फैलाते हैं ।

जल चक्र क्या है वर्णन करें?

जल चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भण्डार से दूसरे भण्डार या एक स्थान से दूसरे स्थान को गति करने की चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कुल जल की मात्रा का क्षय नहीं होता बस रूप परिवर्तन और स्थान परिवर्तन होता है। अतः यह प्रकृति में जल संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या है।

कक्षा 6 के लिए जल चक्र संक्षिप्त उत्तर क्या है?

जल एक चक्रीय संसाधन है जो पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत धरातल पानी से आच्छादित है परंतु अलवणीय जल कुल जल का केवल लगभग 3 प्रतिशत ही है। वास्तव में अलवणीय जल का एक बहुत छोटा भाग ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। अलवणीय जल की उपलब्धता स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है।

जल चक्र क्यों महत्वपूर्ण है?

Solution : जल-चक्र प्रकृति में जल का संतुलन कायम करने में सहायक है। यह चक्र एक अति महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से धरती के ऊपर जीवन का अस्तित्व बना रहता है। जल-चक्र वायुमंडल की ऊष्मा का अवशोषण कर सागर भू-मंडलीय ऊष्मा को भी कम करता है।

जल चक्र क्या है Class 4?

पृथ्वी का कुल 97% जल वायुमंडल और महासागरों में उपलब्ध है और शेष 3% हिमनदों या हिमखंडों के रूप में जमा हुआ है। यह जल लगातार पानी वाष्प और बर्फ के रूप में परिवर्तित होता रहता हैं। इस क्रिया को जल चक्र कहा जाता हैं।