जजन लोगों के पास आँखें हैं वे सचमुच बहुत कम देखते हैं हेलेन के लर को ऐसा क्यों लगता था? - jajan logon ke paas aankhen hain ve sachamuch bahut kam dekhate hain helen ke lar ko aisa kyon lagata tha?

One Line Answer

'जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं' -  हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?

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Solution

हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि लोगों की संवेदना खत्म होती जा रही है। हमारे पास जो है हम उसकी कद्र नहीं करते हैं और जो नहीं है उसे पाने की इच्छा रखते हैं।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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Chapter 11: जो देखकर भी नहीं देखते - निबंध से [Page 82]

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NCERT Class 6 Hindi - Vasant Part 1

Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते
निबंध से | Q 1 | Page 82

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जिन िोगों के पास आंिें हैं वे सचमुच बहुत कम देिते हैं हेिेन के िर को ऐसा क्यों िगता था?

प्रश्न 11-1 : 'जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं' हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था? उत्तर 11-1 : हेलेन केलेर को ऐसा इसलिए लगता था क्योंकि ऑखों वाले लोग प्रकृति की सुंदरता को नजर-अंदाज कर देते हैं वे ऑंखे होते हुए भी कम देखते हैं

जिन लोगों की आंखें होती है उनके विषय में लेखिका क्या सोचती थी?

(घ) लेखिका को विश्वास है कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे देखकर भी नहीं देखते हैं। क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझेजिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीजें मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ।

कौन लोग बहुत कम देखते हैं?

1. 'जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं' – हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था? उत्तर:- एक बार हेलेन केलर की प्रिय मित्र जंगल में घूमने गई थी।

लेखिका प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद कैसे उठाती थी जो देखकर भी नहीं देखते पाठ से उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

उत्तर : लेखिका हिमालय यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनन्द में डूबी हुई थी परन्तु जीवन के कुछ सत्य जो वह इस आनन्द में भूल चूकी थी, अकस्मात् वहाँ के जनजीवन ने उसे झकझोर दिया। वहाँ कुछ पहाड़ी औरतें जो मार्ग बनाने के लिए पत्थरों पर बैठकर पत्थर तोड़ रही थीं।