जीएसटी परिषद के अध्यक्ष कौन हैं?
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Answer (Detailed Solution Below)Option 1 : केंद्रीय वित्त मंत्री Free CT : GK (Ancient History) 10 Questions 10 Marks 6 Mins विकल्प 1 सही है:
Last updated on Oct 27, 2022 The SSC MTS Tier II Admit Card has been released. The paper II will be held on 6th November 2022. Earlier, the result for the Tier I was released. The candidates who are qualified in the SSC MTS Paper I are eligible for the Paper II. A total of 7709 vacancies are released, out of which 3854 vacancies are for MTS Group age 18-25 years, 252 vacancies are for MTS Group age 18-27 years and 3603 vacancies are for Havaldar in CBIC.
Answer (Detailed Solution Below)Option 4 : केंद्रीय वित्त मंत्री Free 100 Questions 200 Marks 60 Mins सही उत्तर केंद्रीय वित्त मंत्री है।
Last updated on Dec 7, 2022 SSC has released the SSC CHSL notification on 6th December 2022. Approximately 4500 vacancies have been released for recruitment. Candidates can Apply Online from 6th December 2022 to 4th January 2023. SSC has also made some major changes in the SSC CHSL Exam Pattern. Candidates who have completed Higher Secondary (10+2) can appear for this exam for recruitment to various posts like Postal Assistant, Lower Divisional Clerks, Court Clerk, Sorting Assistants, Data Entry Operators, etc. The SSC CHSL Selection Process consists of a Computer Based Exam (Tier I & Tier II). Candidates should check the SSC CHSL Eligibility Criteria before filling up the applications. ३० जून २०१७ की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए वस्तु एवं सेवा कर ( संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST, अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।[3] इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।[4] वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा संचालित है। भारत के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% (5 TYPES) । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है। कर की प्रकृति[संपादित करें]जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे।[5][6][7] चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि अनेकों करों के स्थान पर अब यह एक ही कर लागू किया जा रहा है।[8] GST पंजीकरण प्रक्रिया[संपादित करें]आप सरकारी पोर्टल के माध्यम से जीएसटी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं,[9] या आप जीएसटी सेवा केंद्र में पंजीकरण कर सकते हैं।[10] संभावित लाभ[संपादित करें]वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं[5][11][12]: व्यापार और उद्योग के लिए[संपादित करें]
केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए[संपादित करें]
उपभोक्ताओं के लिए[संपादित करें]
समिति[संपादित करें]इसका सुझाव विजय केलकर समिति (2002) ने दिया था। यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त (निर्मला सीतारमण) मंत्री हैं। असीम दास गुप्ता समिति ने स्वरूप दिया राज्य सभा मे असम में सबसे पहले स्वीकारकर कानून बना दिया। दरें[संपादित करें]जीएसटी काउंसिल ने पाँच तरह के कर निर्धारित किये हैं, ये 0,5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत | हालांकि बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगेगा या जीएसटी नहीं लगेगा जबकि लग्जरी एवं महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इसमें से 81 प्रतिशत चीजें जीएसटी की 18 प्रतिशत की श्रेणी तक आएंगी | आदर्श स्थिति में इस व्यवस्था में समस्त कर एक ही दर पर लगाए जाने चाहिएँ, किन्तु भारत में राज्य व केन्द्र तथा एक ही वस्तु या सेवा पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न दरें आदि होने से प्रारम्भ में ४ दरें निर्धारित की गईं ताकि वर्तमान राजस्व में अधिक अंतर न पड़े। ये चार दरें 5%, 12%, 18% तथा 28% हैं।[12] आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। [13]40लाख से कम की वार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को इस कर व्यवस्था से छूट दी गई है। [13] प्राप्तियाँ[संपादित करें]
वापसी[संपादित करें]लगभग ३८ लाख नए करदाता जीएसटी में पञ्जीकृत हुए हैं। इस प्रकार कुल करदाताओं की संख्या १ करोड़ पार कर गयी है (६४ लाख करदाता पहले से पंजीकृत थे)[20]
सन्दर्भ[संपादित करें]
https://web.archive.org/web/20190729080404/https://www.paisabazaar.com/tax/gst-rates/ इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
भारत में जीएसटी का अध्यक्ष कौन है?यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त (निर्मला सीतारमण) मंत्री हैं।
जीएसटी के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?Detailed Solution. स्वर्गीय अरुण जेटली वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद के पहले अध्यक्ष थे। वस्तु एवं सेवा कर, कराधान की एक प्रणाली है जो कई व्यक्तिगत रूप से लागू करों का एक कर में विलय करेगी।
भारत में जीएसटी कब लागू की गई थी?भारत में जीएसटी कब लागू हुआ? भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ। संसद के सेंट्रल हाल में 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि को आयोजित समारोह में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लांच किया। तत्कालीन राष्टपति प्रणब मुखर्जी और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी समारोह में मौजूद रहे।
जीएसटी में कुल कितने सदस्य हैं?जी.एस.टी परिषद में 33 सदस्य हैं। जी.एस.टी भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में पेश किया गया वस्तु एवं सेवा कर है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि पूरे राष्ट्र को एकीकृत अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली के तहत लाया जाए।
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