जबड़े में दर्द का घरेलू उपचार - jabade mein dard ka ghareloo upachaar

जबड़े में दर्द एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें कुछ भी खाना-पीना और बोलने में कठिनाई होने लगती है। जबड़े में दर्द कोई आम बात नहीं है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा गंभीर भी नहीं होती। अगर आपको जबड़े में दर्द किसी प्रकार की चोट या सूजन के कारण हो रहा है, तो यह कुछ दिनों में खुद ही चला जाएगा। दांतो में सड़न, जबड़े की हड्डी में संक्रमण या कान का मैल जम जाना आदि परेशानियां भी जबड़े के दर्द का कारण बन सकती हैं।

इसके अलावा जबड़े में दर्द की कई अन्य वजह भी हो सकती हैं, जैसे कि सूजन, पस निकलना, कान दर्द, कब्ज, सिरदर्द और जबड़े में अकड़न आना। अगर आपको एक लंबे समय से जबड़े में तीव्र दर्द हो रहा है, तो जल्द ही किसी डेंटिस्ट से मिलें। इसके अलावा जबड़े में दर्द को कुछ घरेलू उपायों द्वारा घर पर भी ठीक किया जा सकता है। नीचे ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है।

जबड़े का दर्द कैसे ठीक करें in Hindi?

इन विकारों के लिए कुछ घरेलू उपचार: * जबड़े को ज्यादा न चलाएं: न कुछ चबाएं न जम्हाई लें. ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें, जिससे आपको अपना मुंह ज्यादा खोलना पड़े. * बैठने की अवस्था: गर्दन और चेहरे के दर्द को कम करने के लिए ठीक तरह से बैठें. * विश्राम करें: योग और ध्यान जैसी तकनीकों से तनाव कम होता है और आराम मिलता है.

मुंह के जबड़े में क्यों दर्द हो रहा है?

जबड़े के जोड़ की डिस्क में गठिया, जबड़े की गतिविधि में डिस्क खिसकना, मायोफेशियल सिंड्रोम (एक तरह दर्द विकार है जो कुछ मांसपेशियों के ट्रिगर बिंदुओं में दर्द का कारण बनता है), मुंह की ग्रंथियों का संक्रमण जिससे मुंह सूख जाता है या सूजन आ जाती है, जबड़े की गतिविधि को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों में किसी प्रकार की ...

कान के नीचे जबड़े में दर्द क्यों होता है?

जबड़े या दांत में दर्द की वजह से भी कान में दर्द होता है. इंफेक्शन की वजह से कान में अंदर की तरफ दर्द होता है. इंफेक्शन स्विमिंग, हेडफोन लगाने, कॉटन या उंगली डालने पर कान में बाहरी तरफ इंफेक्शन हो सकता है. कान के अंदर की त्वचा छिल जाने और पानी चले जाने की वजह से कान में बैक्टीरिया भी हो सकते हैं.

मुंह के जबड़े से कट कट की आवाज क्यों आती है?

हड्डियों से कट-कट की आवाज आने का मतलब ये भी हो सकता है कि उनमें लुब्रिकेंट की कमी हो गई हो। अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम देना बहुत जरूरी है। कैल्शियम के अन्य स्त्रोत लेने के अलावा भरपूर दूध पिएं।