सम्पूर्ण सेवाकाल तक दैनिक वेतन भोगी नहीं Show
सागर निवासी प्रवीण हजारी की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने तर्क दिए कि याचिकाकर्ता कई साल पहले दैनिक वेतन भोगी बतौर नियुक्त हुआ था। वह नियमितिकरण की समय-सीमा पार कर चुका है। इसके बावजूद उसे नियमित नहीं किया जा रहा है। जबकि उससे अपेक्षाकृत कनिष्ठ दैनिक वेतन भोगी नियमित हो चुके हैं। इस वजह से वह आर्थिक व मानसिक कष्ट भोग रहा है। तर्क दिया गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सम्पूर्ण सेवाकाल तक दैनिक वेतन भोगी नहीं रह सकता। उसे समय आने पर नियमित करने का प्रावधान है। इसके बावजूद उसका लाभ संबंधित को नहीं दिया जा रहा है। सुनवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट तक पहुंचा कई बार विभागीय स्तर पर आवेदन दिया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसीलिए न्यायहित में हाईकोर्ट आना पड़ा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य के मुख्य वन संरक्षक (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट)को याचिकाकर्ता को नियमित करने के लिए उसके अभ्यावेदन का विधि अनुसार निराकरण करने का निर्देश दिया।
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सिंगरौली। मप्र के सिंगरौली जिले के पीडब्ल्यूडी ऑफिस को जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया है. कार्यपालन यंत्री पर आरोप है कि डेली वेजेस कर्मियों को अब तक भुगतान नहीं किया गया है. कर्मचारियों ने कोर्ट में दावा किया, जिस पर यह पूरी कार्यवाही की गई है. 1 करोड़ 47 लाख रुपये की राशि बकाया है. इस पूरे मामले को लेकर आज उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार पीडब्ल्यूडी के कार्यालय को सील कर दिया है. श्रम न्यायालय सीधी के पारित आदेश के तहत उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा भुगतान के लिए आदेश पारित किया गया था. जिसमें तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी को भी पार्टी बनाया गया. आदेश 2018 में पारित हुआ था, तब से अब तक पीडब्ल्यूडी सिंगरौली के कार्यपालन यंत्री वी एस मरावी के द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने के कारण आज 4 अगस्त को पीडब्ल्यूडी कार्यालय को तहसीलदार के द्वारा सील कर दिया गया है. Kishore Kumar Birth Anniversary: सुरों के सम्राट किशोर दा का 93वां जन्मदिवस आज, समाधि पर माथा टेकने आए देश-विदेश से लोग, दूध जलेबी का भोग लगाकर गीतों से किया याद इसके बाद पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री मीडिया के सामने कुछ भी कहने से बचते रहे. हालांकि मीडिया के दबाव के बाद वह कैमरे के सामने आए हैं. कार्यपालन यंत्री वीएस मरावी का कार्यकाल भी 3 वर्ष पूरा हो गया है. इनका अभी हाल में ही 2 माह पूर्व मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल के द्वारा प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन शासन के विरुद्ध जाकर उन्होंने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया. Big News: टीआई के खिलाफ रेप का केस दर्ज, शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, मांग भरने के बाद भी शादी से मुकर गया देवसर विधायक को भी कार्यपालन यंत्री के द्वारा पार्टी बनाया गया है. फिलहाल इस पूरी कार्रवाई से पीडब्ल्यूडी ऑफिस सहित तमाम शासकीय कार्यालयों में भी हड़कंप मच गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूरी राशि जमा होने के बाद ही कार्यालय को मुक्त किया जाएगा. Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
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