idgaah question answer, Bseb Class 10 Non Hindi इर्दगाह Subjective, Bseb Class 10 Non Hindi इर्दगाह, ईदगाह प्रश्न उत्तर class 10 Non Hindi, ईदगाह’ कहानी के प्रश्न उत्तर, ईदगाह’ कहानी का प्रश्न उत्तर class 5, Bihar Board Class 10 Non Hindi Solutions Chapter 2 ईदगाह, edgaah notes in hindi, idgaah class 10 non hindi Show
Bihar Board Class 10th Non Hindi Chapter 2 Idgaah – इर्दगाहपाठ – 2 उत्तर – ईद के दिन अमीना इसलिए उदास थी | क्योकि उसके घर में खाने के लिए भोजन नहीं था,, तथा उसके पास पैसा नहीं था,, की वे ईद के लिए सामान खरीद सके | इसलिए ईद के दिन अमीना बहुत उदास थी | 2. हामिद मिठाई या खिलौना के बदले चिमटे का चयन करता है,, क्यों ?उत्तर – हामिद मिठाई या खिलौना के बदले चिमटा इसलिए पसंद करता है,, क्योकि उसकी दादी जब रोटी बनाती थी,, तब तावा में हाथ से रोटी उलटने के कारण दादी की हाथ जल जाता था,, इसलिए हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है | Idgaah Class 10th Non Hindi Notes3. मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है ?उत्तर – मेला – जाने से पहले हामिद दादी से यही बात कहता है,, की दादी तुम चिंता मत करो मै सबसे पहले मेला से आऊंगा,, तुम को किसी प्रकार की चिंता करने की बात नहीं है,, मै मेला में इधर – उधर नहीं भटकुंगा तथा समय के अनुसार घर आ जाऊँगा | 4. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन – कौन से विचार आएं | वर्णन कीजिए ?उत्तर – मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में निम्नलिखित विचार आए | जो इस प्रकार से है – उत्तर – हामिद ने चिमटा को बन्दुक मजीरे बहादुर शेर के रूप में उपयोग करने की बात कही है | जैसे – कंधे पर रखा तो बंदूक हो गई,, हाथ में लिया तो कंकीटो का चिमटा हो गया,, यह मंजीरा का काम भी आ सकता है | Bseb Class 10 Non Hindi इर्दगाह subjective6. ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है,, इसकी मुख्य विशेषताएँ बताइए ?उत्तर – ईदगाह की कहानी हमें भुत अच्छी लगती है,, इसके कई कारण
है,, जो इस प्रकार से है – उत्तर – चिमटा देखकर अमीना के मन में क्रोध तथा स्नेह दोनों भाव जगे,, उसने छाती पीटकर कहा की तू बेसमझ लड़का है,, क्योकि तुमने कुछ खाया पिया नही,, लेकिन हामिद ने यह बताया की दादी तुम जब रोटी बनाती थी,, तो तुम्हारी अंगुलिया तावे से जल जाती थी,, इस लिए मैंने चिमटा खरीदा हामिद की यह बात सुनकर उसका क्रोध प्यार में बदल गया,, और उसका मन गदगद हो गया | और उसके आँखों से ख़ुशी के आंसू बह गए,, इतना छोटा प्यारा बच्चा में कितना त्याग और विवेक की भावना है | 8. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ीए | और उसके आधार पर दी गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए |क. नमाज खत्म होने के बाद लोग क्या कर रहे थे ?उत्तर – नमाज खत्म होने के बाद लोग आपस में गले मिल रहे थे | ख. दुकानों में किस – किस तरह के खिलौने थे ?उत्तर – दुकानों में तरह – तरह के खिलौने थे,, जैसे सिपाही , राजा, वकील, धोबी, साधू आदि | ग. वे खिलौने किस चीझ के बने थे ?उत्तर – वे खिलौने मिटटी के बने थे | उत्तर – महमूद ने सिपाही मोहसिन ने भिथ्ती तथा नुरे ने वकील खरीदे | ङ. परिच्छेद में सिपाही भिथ्ती और वकील के हुलिए का वर्णन किया गया है | इसी प्रकार आप राजा और साधू के हुलिए का वर्णन करे ?उत्तर – अन्य को राजा पसंद आया सिर पर मुकुट पहने सिंघसन पर बैठा तो किसी और को जटाधारी साधू हाथ में चिमटा लिए हुए थे | व्याकरणवाक्य में प्रयोग कीजिएक. रंग जमाना – ( प्रभाव डालना ) साजिद के नृत्य से दर्शको पर रंग जम गया | ख. गदगद होना – ( खुश होना ) मैट्रिक के परीक्षा में आए प्रथम श्रेणी से मै बहुत गदगद हुआ | ग. भेंट चढना – ( मारा जाना ) सोहन के पिता कैंसर के भेंट चढ़ गए | घ. बाल बाका न होना – ( कुछ न होना ) मेरे रहते आप को कोई बाल बाका भी नहीं बिगाड़ सकता | ङ. पैरो में पर लगना – ( खूब तेज चलना ) एहसान इतने तेज से भागा की मानो उसके पैरो में पर लग गए च. कुबेर का धन मिल जाना ( काफी धन होना ) – तुम्हारी शान देखकर ऐसा लगता है,, जैसे तुम्हे कुबेर का धन मिल गया |
ईदगाह कहानी की मुख्य विशेषताएं क्या है?सभी छोटे-बड़े, गरीब-अमीर वर्ग-भावना से ऊपर उठकर धार्मिक प्रेम की गहरी समझ और सहानुभूति से भरपूर पूरे उत्साह में भरे हुए बड़े-बूढों के साथ-साथ बालकों का दल भी ईदगाह की ओर बढ़ रहा है। सभी बहुत प्रसन्न हैं। हामिद तो सबसे ज्यादा प्रसन्न है।
ईदगाह कहानी के कहानीकार कौन है इनकी रचनाओं की विशेषता क्या है?ईदगाह ' कहानी के कहानीकार कौन हैं ? ... ज : ' ईदगाह 'कहानी के कहानीकार श्री प्रेमचंद हैं । इनके बचपन का नाम धनपतराय श्रीवास्तव हैं | इनका जन्म काशी में सन् को हुआ | उन्होंने एक दर्जन उपन्यास और तीन सौ से अधिक कहानियोंकी रचना की ।
ईदगाह कहानी का सारांश क्या है?ईदगाह कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है , जिसमें एक बालक के इर्द-गिर्द पूरी घटना घूमती है। वह बालक अंत में बूढ़ी (दादी) स्त्री को भी अपने बालपन से बालक बना देता है। इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने हामिद नाम के बालक के माध्यम से बाल मनोविज्ञान का सूक्ष्मता से लेख लिखा है। यह कहानी अंत तक रोचक और कौतूहल उत्पन्न करता है।
बाल मनोविज्ञान पर आधारित ईदगाह कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए । सामर्थ्य के अनुसार काम करने पर व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बनता है ।
|