हाथ पैर में बेचैनी क्यों होती है? - haath pair mein bechainee kyon hotee hai?

हाथ पैर में बेचैनी क्यों होती है? - haath pair mein bechainee kyon hotee hai?

पैरों में बेचैनी के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले तो ज्यादातर लोगों को ये रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के कारण हो सकता है। इसके अलावा कई बार डायबिटीज और मानसिक बीमारियों के कारण भी लोगों को पैरों में बेचैनी होती है।  पर क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि शरीर में विटामिन की कमी भी पैरों में बेचैनी का कारण बन सकती है।  जी हां, कई बार शरीर में कुछ विटामिन की कमी भी पैरों में बेचैनी का कारण बन सकती है। दरअसल, जब शरीर में कुछ खास विटामिन की कमी होती है तो इसका असर कमजोरी और मसल्स क्रैंप्स के रूप में होता है। इस वजह से आपके पैरों में लगातार बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में आपको इन परेशानी से बचने के लिए इनके बारे में जानना चाहिए और इनसे भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए। 

हाथ पैर में बेचैनी क्यों होती है? - haath pair mein bechainee kyon hotee hai?

विटामिन की कमी से पैरों में बेचैनी

1. विटामिन बी-12

विटामिन बी12ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। ये रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम को कम करता है और पैरों में होने वाली बेचैनी से आराम दिलाता है। आप विटामिन बी को मूंगफली, बीन्स, दाल और पालक जैसे चीजों को खा कर पा सकते हैं। ये सीधे आपके शरीर में एनर्जी लाता है और इस बेचैनी को दूर करता है। 

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2. विटामिन सी कमी कमी

विटामिन सी का हमारे शरीर में कई काम है। विटामिन सी वास्तव में आपके शरीर को आयरन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में भी मदद करता है और आयरन की कमी को दूर करते ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। दरअसल, आयरन की कमी के कारण शरीर में खून की कमी होने लगती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आ जाती है। इससे पैरों की बेचैनी बढ़ती है। इसलिए आपको इस चीज से बचने के लिए विटामिन सी से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए। जैसे कि 

  • -खट्टे फल, जैसे संतरे
  • -मिर्च
  • -आलू
  • -स्ट्रॉबेरीज
  • -ब्रॉकली
  • -ब्रसल स्प्राउट

हाथ पैर में बेचैनी क्यों होती है? - haath pair mein bechainee kyon hotee hai?

3. विटामिन डी की कमी

विटामिन डी एक अत्यंत महत्वपूर्ण विटामिन है जो आपके पूरे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। अन्य विटामिनों के विपरीत, विटामिन डी एक हार्मोन की तरह कार्य करता है। आपके शरीर की कई कोशिकाओं में इसके लिए एक रिसेप्टर होता है। आपका शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है जब आपकी त्वचा सूरज की रोशनी के संपर्क में आती है। पर जब आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो आपके पैरों में बेचैना हो सकती है।  साथ ही ये मांसपेशियों का तनाव भी बढ़ा सकता है। ऐसे में आपको विटामिन डी से भरपूर इन फूड्स का सेवन करना चाहिए। जैसे कि

  • -फैटी फिश 
  • -अंडे की जर्दी
  • -मोटे अनाज
  • -दही

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4. विटामिन ई

विटामिन ईब्लड वेसेल्स के स्वास्थ्य और धमनियों के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। दरअसल, जब आपके ब्लड वेसेल्स हेल्दी नहीं होते तो, आपका ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित रहता है। इससे आपके पैरों में रह-रह कर बेचैनी होती है। इसलिए आपको इस स्थिति में विटामिन ई से भरपूर चीजों को सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप इन फूड्स का सेवन कर सकते हैं। जैसे कि

  • -कद्दू और सूरजमुखी के बीज
  • -बादाम और मूंगफली
  • -पीनट बटर
  • -चुकंदर का साग
  • - पालक
  • -लाल शिमला मिर्च

इस तमाम चीजों के अलावा अगर आपको पैरों में बेचैनी से बचना है तो आपको शरीर में डोपामाइन की कमी से भी बचना चाहिए। क्योंकि डोपामाइन ब्लड वेसेल्स को हेल्दी रखता है। इसके अलावा एक्सरसाइज ना करने से भी पैरों में बेचैनी हो सकती है। क्योंकि एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है और पैरों में बेचैनी को कम करती है। साथ ही इससे आपको पैर भी हेल्दी रहते हैं। साथ ही डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों से जुड़ी की समस्याओं को खास ध्यान देना चाहिए और डायबिटीज कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए। 

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घुटनों के नीचे की तरफ पैरों में तेज अकड़न होना, क्रैंप्स आना या बेचैनी महसूस होना रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण होते हैं. इस दर्द को वही व्यक्ति समझ सकता है, जो इससे गुजरा हो. क्योंकि सामान्य सी लगने वाली यह समस्या रातों की नींद उड़ा देती है. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम किसी को भी हो सकता है, हालांकि महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है. ऑफिस में सिटिंग जॉब करने वाले लोग कभी ना कभी इस समस्या से जरूर पीड़ित होते हैं और इस दौरान ये ना तो ठीक से अपने काम पर फोकस कर पाते हैं और ना ही रात को आराम से सो पाते हैं.

क्यों होता है रेस्टलेस लेग सिंड्रोम?

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की कोई एक पुख्ता वजह अब तक सामने नहीं आई है. हालांकि जिन कई अलग-अलग कारणों से यह समस्या होती है, उनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं...

मस्तिष्क में डोपामिन केमिकल के असंतुलन के कारण भी पैरों में बेचैनी, थकान और क्रैंप्स की समस्या हो सकती है. क्योंकि यह केमिकल हगी दिमाग की कोशिकाओं को मसल्स मूवमेंट कंट्रोल करने के लिए मैसेज देता है.

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शरीर में न्यूट्रिऐंट्स की कमी के कारण

  • आमतौर पर फोलिक एसिड, विटमिन-बी 12, विटमिन-डी और कैल्शियम की कमी के कारण यह समस्या हो सकती है.
  • आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी के कारण भी पैर के निचले हिस्सों में बेचैनी, कमजोरी और थकान की समस्या हो सकती है.
  • कुछ क्रॉनिक डिजीज जैसे, किडनी फेल होने पर या शुगर की समस्या के कारण भी पैरों में बेचैनी और कमजोरी की समस्या हो सकती है.
  • यह मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं की गड़बड़ी के कारण भी हो सकता है, जो गति और सजगता को नियंत्रित करने का काम करती हैं. 

यानी इस समस्या की कोई एक पुख्ता वजह नहीं है. अलग-अलग लोगों में इस समस्या की वजह अलग-अलग हो सकती है. लेकिन जो ट्रिक हम आपको बताने जा रहे हैं, वो हर स्थिति में यह समस्या कंट्रोल करने में आपकी मदद करेगी. हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शानदार साबुन के बारे में, जिसे पैरों की तरफ अपनी बेडशीट के नीचे रखकर सोने पर आपको पैरों की इस बेचैनी से राहत मिलेगी और आप चैन से सो पाएंगे.

लैवेंडर सोप

लैवेंडर सोप ऐसा शानदार साबुन है, जिसे पैरों की तरफ बेडशीट के नीचे रखकर सोने पर पैरों में होने वाले क्रैंप्स और बेचैनी से राहत मिलती है. ऐसा शायद इस साबुन की केमिकल प्रॉपर्टीज के कारण होता है. हालांकि इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है. लेकिन कई हैरान करने वाले नुस्खों की तरह यह ट्रिक भी पैरों की बेचैनी दूर करने में शानदार काम करती है. यहां सिर्फ लैवेंडर सोप ही काम करता है. किसी अन्य साबुन के रखकर ट्राई करने पर कोई लाभ आपको नहीं होगा.

दूसरा तरीका

 पैरों की अकड़न और बेचैनी के कारण रात की नींद खराब हो रही है तो आप इस समस्या से निजात पाने में परिवार के किसी सदस्य की मदद ले सकते हैं. आप अपने पैर के तलुओं की सरसों तेल से मालिश करा लें. आपको राहत मिलेगी. 

या फिर आप पैर के तलुओं में एक्युप्रेशर पॉइंट्स भी ले सकते हैं. ये पॉइंट्स कमाल का असर दिखाते हैं. सिर्फ 10 मिनट के अंदर आपकी बेचैनी पूरी तरह ठीक हो जाएगी और आप ऊर्जा का अनुभव करेंगे. 

इलाज क्या करें?

पैरों में अकड़न, बेचैनी, दर्द, कमजोरी की समस्या का इलाज कराने के लिए हम आपको आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेने की सलाह देंगे. क्योंकि यह एक क्रोनिक समस्या है और इस स्थिति में आयुर्वेदिक औषधियां बिना किसी साइड इफेक्ट के आपके शरीर को पूरी तरह स्वस्थ करने की क्षमता रखती हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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हाथ पैरों में बेचैनी हो तो क्या करना चाहिए?

हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शानदार साबुन के बारे में, जिसे पैरों की तरफ अपनी बेडशीट के नीचे रखकर सोने पर आपको पैरों की इस बेचैनी से राहत मिलेगी और आप चैन से सो पाएंगे. लैवेंडर सोप ऐसा शानदार साबुन है, जिसे पैरों की तरफ बेडशीट के नीचे रखकर सोने पर पैरों में होने वाले क्रैंप्स और बेचैनी से राहत मिलती है.

हाथ पैरों में बेचैनी क्यों होती है?

दरअसल, ब्लड वेसेल्स का स्वस्थ ना होना ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। इससे पैरों में बेचैनी होती है। इसलिए विटामिन ई से भरपूर फूड्स जैसे कि कद्दू, बादाम, मूंगफली, पीनट बटर और लाल शिमला मिर्च खाएं।

शरीर में बेचैनी होने का क्या कारण है?

तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है. Anxiety attack: आमतौर पर जीवन के प्रति निराशा और डर की भावना के कारण इंसान को एंजाइटी या बेचैनी होती है. हालांकि तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है.

बेचैनी की दवा क्या है?

घबराहटऔर बेचैनी यानि एन्जायटी होने पर जितना काम एलोपैथी दवा करती है, इसके समान ही फायदा सीताफल का सेवन करने से भी होता है। सीताफल का सेवन करने से दिमाग शांत हाेता है तो मन संतुलित अवस्था में आने लगता है। इस तथ्य को शोध के माध्यम से साबित कर लिया गया है।