हिंदी भाषा की आवश्यकता क्यों है? - hindee bhaasha kee aavashyakata kyon hai?

विषयसूची

  • 1 Hindi भाषा की आवश्यकता क्यों होती है?
  • 2 राष्ट्रभाषा के लिए आवश्यक गुण क्या है?
  • 3 भाषा की आवश्यकता कब होती है?
  • 4 राष्ट्रभाषा हेतु किस भाषा में क्या गुण अपेक्षित है?
  • 5 राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं Class 12th?
  • 6 राष्ट्रभाषा क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है।

राष्ट्रभाषा के लिए आवश्यक गुण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा सारे देश की सम्पर्क–भाषा होती है। इसका व्यापक जनाधार होता है। राष्ट्रभाषा हमेशा स्वभाषा ही हो सकती है क्योंकि उसी के साथ जनता का भावनात्मक लगाव होता है। राष्ट्रभाषा का स्वरूप लचीला होता है और इसे जनता के अनुरूप किसी रूप में ढाला जा सकता है।

राष्ट्रभाषा की विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1) राष्ट्रभाषा देश में बहुसंख्यक लोगों की भाषा होती है। (2) राष्ट्रभाषा सीखने में सरल होती है तथा इसकी लिपि वैज्ञानिक होती है। (3) राष्ट्रभाषा संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। (4) यह देश में शिक्षा व समाचार-पत्रों की भाषा होती है।

राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं एक वाक्य में उत्तर?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – राष्ट्रभाषा – राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार एवं विभिन्न राज्यों के द्वारा अपनाई जाने वाली समृद्ध भाषा राष्ट्र भाषा कहलाती है । भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है । इसमें राष्ट्र की संस्कृति साहित्य एवं ऐतिहासिक तत्वों का समावेश होता है यह राष्ट्र की संपर्क भाषा के रूप में स्वीकार होती है ।

भाषा की आवश्यकता कब होती है?

इसे सुनेंरोकेंसामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यन्तर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यन्तर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है।

राष्ट्रभाषा हेतु किस भाषा में क्या गुण अपेक्षित है?

इसे सुनेंरोकेंजो पूरे देश में लिखी , पढ़ी और समझी जाती हो। जिसमें उच्च स्तर का साहित्य हो , श्रेष्ठतम शब्द समूह हो , देश को भावनात्मक एकता से बांधने की क्षमता हो। एक मात्र हिंदी में ही वह लचीलापन है , लाघव है , सम्पे्रष्णीयता है , सार्मथ्य है , जो कि राष्ट्रभाषा के लिए अपेक्षित है।

राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं किसी राष्ट्र की एकता के लिए राष्ट्रभाषा क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा की परिभाषा डॉ. भोलानाथ तिवारी के शब्दों में ‘जब कोई आदर्श भाषा बनने के बाद भी उन्नत होकर और भी महत्त्वपूर्ण बन जाती है तथा पूरे राष्ट्र या देश में अन्य भाषा क्षेत्र तथा अन्य भाषा परिवार क्षेत्र में भी उसका प्रयोग सार्वजनिक कामों आदि में होने लगता है तो वह राष्ट्रभाषा का पद पा जाती है।

राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए एक भाषा में क्या विशेषता होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकें1. अनेकता में एकता हमारी प्रमुख विशेषता है। 2. हमारे व्यहवार में योग की कई सारी कला है।

राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं Class 12th?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक स्वतन्त्र राष्ट्र की एक सर्वसम्मत राष्ट्रभाषा होती है। राष्ट्रभाषा में राष्ट्र की संस्कृति, साहित्य और इतिहास की प्रेरणाएँ निहित होती हैं,जो जनजीवन को प्रभावित करती हैं। बहुभाषी देशों में सभी भाषाओं को समान सम्मान मिलता है,लेकिन वहाँ सम्पर्क की एक ही भाषा होती है जो राष्ट्रभाषा कहलाती है।

राष्ट्रभाषा क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा का अर्थ एक राष्ट्र में समस्त राष्ट्रीय तत्वों को व्यक्त करने वाली भाषा जो राष्ट्र में भावनात्मक एकता कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हो राष्ट्रभाषा है। भारत एक ऐसा बहुभाषा-भाषी राष्ट्र है, जहां समृद्ध संस्कृति की विशाल परंपरा है, जो यहां की विभिन्न भाषाओं के माध्यम से अभिव्यक्त होती है।

राष्ट्रभाषा क्या है भारत की?

इसे सुनेंरोकेंभारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है, हिंदी एक राजभाषा है यानि कि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला हुआ है। भारत में 22 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है, जिसमें अंग्रेजी और हिंदी भी शामिल है।

विषयसूची

  • 1 भाषा की आवश्यकता क्यों हुई?
  • 2 भारत की राजकीय भाषा क्या है?
  • 3 संपर्क भाषा का क्या महत्व है?
  • 4 हिंदी भाषा की क्या उपयोगिता है?
  • 5 भाषा का उपयोग क्या है?

भाषा की आवश्यकता क्यों हुई?

इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। मनुष्य को सभ्य और पूर्ण बनाने के लिए शिक्षा जरूरी है और सभी प्रकार की शिक्षा का माध्यम भाषा ही है।

देश के हित के लिए संपर्क भाषा क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी भाषा के माध्यम से शिक्षित युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकें, इस दिशा में निरंतर प्रयास भी जरूरी है। भाषा वही जीवित रहती है जिसका प्रयोग जनता करती है। भारत में लोगों के बीच संवाद का सबसे बेहतर माध्यम हिन्दी है। इसलिए इसको एक-दूसरे में प्रचारित करना चाहिये।

फिजी देश कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंफ़िजी जो कि आधिकारिक रूप से फ़िजी द्वीप समूह गणराज्य (फ़िजीयाई: Matanitu Tu-Vaka-i-koya ko Viti) के नाम से जाना जाता है, दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया मे एक द्वीप देश है। यह न्यू ज़ीलैण्ड के नॉर्थ आईलैंड से करीब 2000 किमी उत्तर-पूर्व मे स्थित है।

भारत की राजकीय भाषा क्या है?

हिन्दी
अंग्रेज़ी
भारत/आधिकारिक भाषाएं

भाषा की आवश्यकता कब होती है?

इसे सुनेंरोकेंयही नहीं वह हमारे आभ्यन्तर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं।

भाषा की उपयोगिता से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपरिभाषा: भाषा संप्रेषण का एक माध्यम है। उपयोगिता: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और विभिन्न सामाजिक आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए मनुष्य को एक दूसरे से संप्रेषण की आश्यकता पड़ते है। भाषा संप्रेषण को स्पष्ट करती है और सुनिश्चित करती है कि ग्रहनकर्ता को वो ही बात पहुंचे जो वह पहुंचना चाहता है। भ्रम की कम संभावना हो।

संपर्क भाषा का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रभाषा में जहाँ मानक रूप को महत्व दिया जाता है, वहीं संपर्क भाषा दो या दो से अधिक भाषा-भाषियों के बीच सेतु का कार्य करती है। संपर्क भाषा का प्रमुख उद्देश्य एक दूसरे के मध्य अपनी बात को संप्रेषित करना होता है। इसीलिए इसमें हिंदी का मानक रूप नहीं दिखाई देता।

संपर्क भाषा की विशेषता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसम्पर्क भाषा वह भाषा होती है जो किसी क्षेत्र, प्रदेश या देश के ऐसे लोगों के बीच पारस्परिक विचार विनिमय के माध्यम का काम करे, जो एक-दूसरे की भाषा नहीं जानते। दूसरे शब्दों में विभिन्न भाषा-भाषी वर्गों के बीच संप्रेषण (communication) के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह सम्पर्क भाषा कहलाती हैं।

इसे सुनेंरोकेंभाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है। भाषा और लिपि भाव व्यक्तिकरण के दो अभिन्न पहलू हैं।

संपर्क भाषा की आवश्यकता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंपर्क भाषा की आवश्यकता और महत्व बहुभाषा-भाषी देशों के लिए संपर्क भाषा की आवश्यकता ज्यादा होती है, उसका विशेष महत्व होता है। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिहाज से आपसी संबंध बनाये रखने और भावनात्मक रूप में जुड़े रहने के लिए संपर्क भाषा जरूरी होता है। इसीलिए एक राष्ट्र और एक भाषा की बात होती रहती है।

इसे सुनेंरोकेंजिस प्रकार सब भारतीय भाषाओं को अपनी- अपनी जगह सुरक्षित रखते हुए हिंदी उनके बीच संवाद के लिए संपर्क-भाषा का काम करती है उसी प्रकार इन सब भाषाओं की अपनी लिपियों को सुरक्षित रखते हुए यदि संपर्क की सुविधा को ध्यान में रखकर देवनागरी लिपि को भी स्वीकार कर लिया जाए तो अखिल भारतीय भाषिक संपर्क में अधिक घनिष्ठता आ सकती है।

हिंदी भाषा की क्या उपयोगिता है?

इसे सुनेंरोकेंएक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

शिक्षा में भाषा कितना आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंजीवन व्यापार में भाषा की भूमिका सर्वविदित है। मनुष्य के कृत्रिम आविष्कारों में भाषा निश्चित ही सर्वोत्कृष्ट है। वह प्रतीक (अर्थात कुछ भिन्न का विकल्प या अनुवाद) होने पर भी कितनी समर्थ और शक्तिशाली व्यवस्था है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है जो भाषा से अछूता हो।

सम्पर्क भाषा से क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंउस भाषा को सम्पर्क भाषा (lingua franca) कहते हैं जो किसी क्षेत्र में सामान्य रूप से किसी भी दो ऐसे व्यक्तियों के बीच प्रयोग हो जिनकी मातृभाषाएँ अलग हैं। इसे कई भाषाओं में ‘लिंगुआ फ़्रैंका’ (lingua franca) कहते हैं। इसे सेतु-भाषा, व्यापार भाषा, सामान्य भाषा या वाहन-भाषा भी कहते हैं।

भाषा का उपयोग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में- जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। सार्थक शब्दों के समूह या संकेत को भाषा कहते है।

हिंदी भाषा की आवश्यकता क्यों हुई?

सामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है।

भाषा किसे कहते हैं हमें भाषा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

भाषा शब्द संस्कृत की भाष् धातु से निष्पन्न हुआ है, जिसका कोशीय अर्थ है कहना या प्रकट करना। अतः भाषा को मनुष्य के भावों या विचारों को प्रकट करने का साधन कहा जा सकता है। मनुष्य अपने भावों या विचारों के आदान प्रदान के लिए ज्ञानेन्द्रियों को माध्यम बनाता है । ऐसे सभी माध्यमों को भाषा के अंतर्गत समाहित नहीं किया जा सकता ।

हिंदी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?

Explanation: 1)हिंदी भाषा की विशेषता ये भी है कि इसने अन्य भाषाओं के शब्दों को ग्रहण करने में कभी कोई संकोच नहीं किया। जब और जहाँ आवश्यकता हुई, हिंदी भाषा में नए शब्द शामिल होकर हिंदी के अपने हो गये और हिंदी की समृद्धि बढ़ती गई। 2)हिंदी भाषा में जो लिखा जाता है वही (उसी रूप में) पढ़ा भी जाता है।

हिंदी भाषा का वर्तमान समय में क्या महत्व है?

हिंदी को भारत में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। किसी भी भाषा को राजभाषा बनने के लिए उसमें सर्वव्यापकता, प्रचुर साहित्य रचना, बनावट की दृष्टि से सरलता और वैज्ञानिकता, सब प्रकार के भावों को प्रकट करने की सामर्थ्य आदि गुण होने अनिवार्य होते हैं। यह सभी गुण हिंदी भाषा में हैं।