हनुमान चालीसा करने में कितना समय लगता है? - hanumaan chaaleesa karane mein kitana samay lagata hai?

प्रभु हनुमान सबसे पूजनीय हिंदू देवताओं में से एक हैं। प्रभु हनुमान को उनके साहस और शक्ति के लिए लाखों लोग पूजते हैं। प्रभु हनुमान को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें अमर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास ने हनुमान चालीसा को अपनी जेल से गाया था जहां उन्हें 40 दिनों तक रखा गया था और उन्होंने 40 पदों का पाठ किया था।

यदि आप प्रभु हनुमान के भक्त हैं, तो उनका आशीर्वाद लेने के लिए आपको हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है कि हनुमान चालीसा के इन 40 पदों का प्रतिदिन जाप करने से कुछ आश्चर्यजनक लाभ होते हैं।

हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे अच्छा समय क्या है?
❀ हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के समय किया जा सकता है।
❀ सुबह स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
❀ यदि आप इसे शाम को पढ़ना चाहते हैं तो सुनिश्चित करें कि आप अपने हाथ और पैर ठीक से धो लें।
❀ ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो प्रभु हनुमान आपकी सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए आते हैं।

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे:
⦿ अगर आप बुरे सपने देखने वाले व्यक्ति हैं, बुरी आत्माओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए फायदेमंद है। प्रभु हनुमान उन बुराइयों और आत्माओं से छुटकारा पाने में मदद करते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।
⦿प्रभु हनुमान आपके रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं और आप आगे एक सहज जीवन जीने में सक्षम होंगे।
⦿हर सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपका तनाव दूर होता है। यह आपको पूरे दिन खुश रहने में मदद करता है।
⦿ऐसा माना जाता है कि किसी भी यात्रा से पहले हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी दुर्घटना से बचाता है और आपको सुरक्षित यात्रा का आशीर्वाद देते हैं।
⦿हनुमान चालीसा का पूरी भक्ति के साथ पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। प्रभु हनुमान आपकी भक्ति को देखते हैं और आपको वह सब कुछ प्राप्त करने के लिए अद्भुत शक्तियों का आशीर्वाद देते हैं।
⦿बहुत से लोग जो अपनी कुंडली में प्रभु शनि या शनि की स्थिति के कारण पीड़ित होते हैं, उन्हें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि प्रभु शनि प्रभु हनुमान से डरते हैं और हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से लोगों की पीड़ा कम करने में मदद मिलती है।

हर रोज अपने घर में हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके घर से किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करने में मदद मिलती है। यह परिवार में वाद-विवाद को रोकता है और सुख और शांति बनाए रखने में मदद करता है।

हालिया हनुमान चालीसा विवाद:
हनुमान चालीसा पंक्ति में, राणा दंपति को 23 अप्रैल को मुंबई में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने घोषणा की थी कि वे उपनगरीय बांद्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके बाद राणा दंपत्ति पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया।

क्या आप प्रभु हनुमान की शक्ति में विश्वास करते हैं? Bhaktibharat के साथ अपने विचार साझा करें।

◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।

यह भी जानें

Blogs Hanuman Chalisa BlogsShri Hanuman BlogsBajrangbali BlogsShri Balaji BlogsMangalwar BlogsTuesday BlogsSaturday BlogsHanuman Chalisa Controversy Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
हनुमान चालीसा करने में कितना समय लगता है? - hanumaan chaaleesa karane mein kitana samay lagata hai?

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।

कैसे पाये हनुमान जी का आशीर्वाद, कैसे करें हनुमान चालीसा की सिद्धि,केसे करे श्री हनुमान जी को प्रसन्न, जीवन के कष्टों को दूर करे श्री हनुमान चालीसा के द्वारा

शास्त्रों के अनुसार कलयुग में हनुमानजी की भक्ति को सबसे ज़रूरी, प्रथम और उत्तम बताया गया है। हनुमानजी की भक्ति सबसे सरल और जल्द ही फल प्रदान करने वाली मानी गई है। यह भक्ति जहाँ हमें भूत-प्रेत जैसी न दिखने वाली आपदाओं से बचाती है, वहीं यह ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव से भी बचाती है। हनुमानजी को मनाने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का नित्य पाठ।

यह साधना साधक श्रीराम नवमी, हनुमान जयन्ती अथवा किसी भी मंगलवार की रात्रि को शुरु कर सकता है तथा समय १० बजे के बाद का रहेगा। सर्वप्रथम साधक स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल या भगवे वस्त्र धारण करके लाल आसन पर बैठ जाए। सकाम और निष्काम दोनों ही कार्यों में दिशा उत्तर ही रहेगी।

साधक अपने समीप ही किसी पात्र में 108 भुने हुए चने या 108 तिल की रेवड़ियाँ रख ले। अब साधक अपने सामने किसी बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर हनुमानजी का चित्र या यन्त्र या विग्रह और साथ ही भगवान गणपतिजी का विग्रह या प्रतीक रूप में एक सुपारी स्थापित करे। उसके बाद दीपक और धूप-अगरबत्ती जलाए।

ये भी पड़े: हनुमान जी की आठ सिद्धियां नौ निधियां क्या है।

फिर साधक भगवान गणपतिजी का सामान्य पूजन करे और ॐ वक्रतुण्डाय हुम् मन्त्र का एक माला जाप करे। तत्पश्चात साधक भगवान गणपतिजी से साधना की निर्विघ्न पूर्णता एवं सफलता के लिए प्रार्थना करे। फिर साधक सामान्य गुरु पूजन करे एवँ गुरु की आज्ञा ले एवँ सफलता के लिए पार्थना करे।

इसके बाद साधक भगवान हनुमानजी का सामान्य पूजन करे। उन्हें सिन्दूर से तिलक करे और फिर धूप-दीप अर्पित करे। साधक को भोग में गुड़ तथा उबले हुए चने अर्पित करने चाहिए। साथ ही कोई भी फल अर्पित किया जा सकता है। साधक दीपक तेल या घी का लगा सकता है। साधक को आक के पुष्प या लाल रंग के पुष्प समर्पित करना चाहिए।

इस क्रिया के बाद साधक "हं" बीज मंत्र का उच्चारण कुछ देर करे तथा उसके बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम करे। प्राणायाम के बाद साधक हाथ में जल लेकर संकल्प करे तथा अपनी मनोकामना बोले। अगर कोई विशेष इच्छा के लिए साधना की जा रही हो तो साधक को संकल्प लेना चाहिए कि मैं अमुक नाम का साधक अमुक गोत्र अमुक गुरु का शिष्य होकर यह साधना अमुक कार्य के लिए कर रहा हूँ। भगवान हनुमान मुझे इस हेतु सफलता के लिए शक्ति तथा आशीर्वाद प्रदान करे।

इसके बाद साधक राम रक्षा स्तोत्र का एक पाठ या "रां रामाय नमः" का यथासम्भव जाप करे। जाप के बाद साधक अपनी तीनों नाड़ियों अर्थात इडा, पिंगला तथा सुषुम्ना में श्री हनुमानजी को स्थापित मान कर उनका ध्यान करे

ॐ अतुलित बलधामं हेमशैलाभ देहं,
दनुजवन कृशानुं ज्ञानिनां अग्रगण्यं।
सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं,
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

अब जो 108 भुने हुए चने या तिल की रेवड़ियाँ आपने ली थी, वे अपने सामने एक कटोरी में रख लें तथा हनुमान चालीसा का जाप शुरू कर दे। इस साधना में आपको श्रीहनुमान चालीसा के 108 पाठ करने हैं। आप हनुमान चालीसा पढ़ते जाएं और हर एक बार पाठ पूर्ण होने के बाद एक चना या रेवड़ी हनुमानजी के यन्त्र/चित्र/विग्रह को समर्पित करते जाएं। इस प्रकार 108 बार पाठ करने पर 108 चने या रेवड़ियाँ समर्पित करनी चाहिए।

108 पाठ पूरे होने के बाद साधक पुनः "हं" बीज मंत्र का थोड़ी देर उच्चारण करे तथा जाप को हनुमानजी के चरणों में समर्पित कर दे। यह साधना 21 दिनों की है। साधक या तो लगातार 21 दिनों तक प्रतिदिन यह साधना करे या हर मंगलवार को कुल 21 मंगलवार तक यह साधना करे। 21 वें दिन आपके द्वारा पूरे 108 पाठ करके चने या तिल की रेवड़ी जब चढ़ा दी जाए, तब उसके बाद साधना पूर्ण होने पर अन्तिम दिन मन्दिर जाएं और भगवान हनुमानजी के दर्शन करे। साथ ही साथ साधना के दौरान भी आप हनुमत दर्शन करते रहें।

साधक-साधिकाओं को यह साधना शुरू करने से एक दिन पूर्व से लेकर साधना समाप्त होने के एक दिन बाद तक कुल २३ दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है। लेकिन साधना २१ मंगलवार तक करने की स्थिति में प्रयोग के एक दिन पूर्व, प्रयोग के दिन तथा प्रयोग के दूसरे दिन अर्थात कुल तीन दिन प्रति सप्ताह ब्रह्मचर्य पालन करना आवश्यक है। कुछ भी हो, कैसा भी संकट आए, आपने साधना शुरू कर दी तो छोड़ना नहीं। प्रभु आपकी परीक्षा भी ले सकते हैं। साधना से विचलित करेंगे ही, पर आप दृढ़ रहें, क्योंकि भक्ति में अटूट शक्ति है और एक बार आपने यह साधना कर ली तो जो आनन्द और जीवन में उत्साह का प्रवाह होगा - उसका वर्णन मैं अपनी तुच्छ बुद्धि से नहीं कर सकता। फिर भी इतना कह सकता हूँ कि इस साधना से निश्चित ही आप की अभिलाषा की पूर्ति होगी। क्योंकि तुलसीदास जी ने कहा है ना - कवन सो काज कठिन जग माही, जो नही होहि तात तुम पाहि।

ये भी पड़े: श्री हनुमान चालीसा के लाभ/ फायदे

साधना का क्रम यही रहेगा, २१ दिन या २१ मंगलवार तक तथा प्रतिदिन जो १०८ चने या तिल की रेवड़ी आप ने प्रभु को अर्पण किए थे, वो आप ही को खाना है, किसी को देना नही है। आपकी यह श्री हनुमान चालीसा साधना सफल हों और आपको भगवान हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त हों ।

नोट :- इस साधना के समय ब्रह्मचर्य का नियमानुसार पालन करे। सात्विक भोजन करे। झूठ न बोले । किसी को धोखा न दे।

1 बार हनुमान चालीसा पढ़ने में कितना समय लगता है?

हनुमान चालीसा को पूरा पड़ने मै ( मुझे) 9मिनट 3 सेकंड लगते है। 900+50 = 950 मिनट = 16 घंटे। आपको 16 घंटे, पूरे ध्यान, श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करना होगा आपकी मनोकामना पूर्ण होने के लिए। अध्यात्म का कोई आसान रास्ता नहीं है।

हनुमान चालीसा कितने मिनट का होता है?

हनुमान चालीसा का पूरा पाठ करने में लगभग 10 मिनट लगते हैं।

हनुमान चालीसा कितने दिनों में सिद्ध हो जाती है?

यह साधना 21 दिनों की है। साधक या तो लगातार 21 दिनों तक प्रतिदिन यह साधना करे या हर मंगलवार को कुल 21 मंगलवार तक यह साधना करे। 21 वें दिन आपके द्वारा पूरे 108 पाठ करके चने या तिल की रेवड़ी जब चढ़ा दी जाए, तब उसके बाद साधना पूर्ण होने पर अन्तिम दिन मन्दिर जाएं और भगवान हनुमानजी के दर्शन करे।

हनुमान चालीसा पढ़ते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

चालीसा में से किसी भी एक पंक्ति का चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार करें और नित्य प्रातः तुलसी की माला पर , मंत्र की तरह तीन से लेकर ग्यारह माला तक जाप करें. जितने समय तक यह प्रयोग किया जाय , खान पान और आचरण की शुद्धता पर ध्यान दिया जाय. बिना श्रीराम की पूजा के हनुमान जी की पूजा न करें.