आज ही के दिन 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ भारत वापस लौटे थे। 09 जनवरी 1915 की सुबह बंबई (अब मुंबई) के अपोलो बंदरगाह पर गांधी जी और कस्तूरबा पहुंचे तो वहां मौजूद हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की याद में हर साल 09 जनवरी का दिन प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। गांधी जी 24 साल की उम्र में एक केस लड़ने के लिए 1893 में साउथ अफ्रीका गए थे। वह 21 साल तक अफ्रीकी देश में रहे और जब वापस लौटे ते 45 साल के अनुभवी वकील बन चुके थे। साउथ अफ्रीका में मोहनदास करमचंद गांधी ने कई लड़ाइयां लड़ीं और जीती भी। इसकी चर्चा भारत में भी हो रही थी और करोड़ों भारतीयों के लिए वह आजादी दिलाने की उम्मीद बन गए थे। महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी 1915 में साउथ अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे साउथ अफ्रीका में भारतीयों के लिए उठाई आवाज साउथ अफ्रीका में ही गांधी जी के राजनीतिक और नैतिक विचारों का विकास हुआ। साउथ अफ्रीका में अपनी चमड़ी के रंग की वजह से उन्हें बहुत भेदभाव झेलना पड़ा। एक बार तो उन्हें पीटरमैरिट्सबर्ग में फर्स्ट क्लास ट्रेन में यात्रा करने के लिए ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया, क्योंकि वह कोच केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित था। वह पूरी रात ठंड में स्टेशन पर बैठकर कांपते रहे और सोचते रहे कि वह भारत वापस लौट जाएं या अपने अधिकारों के लिए लड़ें। आखिरकार उन्होंने इसका विरोध करने का फैसला किया और अगले दिन उन्हें ट्रेन में यात्रा करने की इजाजत मिल गई। इस घटना ने उनका जीवन ही बदलकर रख दिया और उन्होंने साउथ अफ्रीका में भारतीयों और अश्वेतों के साथ होने वाले भेदभावों के खिलाफ आवाज उठाई और उनके हक के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं और जीते भी। महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा के बल पर लड़ी गई आजादी की लड़ाई दुनिया के लिए एक अनोखी मिसाल है 21 साल बाद स्वदेश लौटे, किया आजादी की लड़ाई का नेतृत्व 21 साल बाद गोपाल कृष्ण गोखले के आग्रह पर गांधी साउथ अफ्रीका से भारत लौट आए। स्वदेश वापसी के बाद गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए और आगे चलकर देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। महात्मा गांधी के आने से पहले कांग्रेस पार्टी में दो धड़े बन चुके थे, एक नरम और दूसरा गरम दल। कई नेता अंग्रेजों को उनकी ही जुबान में जवाब देना चाहते थे, जबकि कुछ शांति का मार्ग अपनाकर संघर्ष के पक्ष में थे। गांधी जी ने सत्या और अहिंसा का मार्ग चुना और सत्याग्रह और असहयोग आंदोलनों से अंग्रेजी सरकार की नींव हिला दी। गांधीजी ने भारत लौटने के दो साल बाद बिहार के चम्पारण से आजादी के लड़ाई के लिए सत्याग्रह शुरू किया। इसे चम्पारण सत्याग्रह भी कहा जाता है। गांधीजी की स्वदेश वापसी की याद में हर साल 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाया जाता है। पहली बार भारतीय दल अंटार्कटिका पहुंचा आज ही के दिन 1982 में पहला भारतीय अभियान दल बर्फीले अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुंचा था। इस अभियान की शुरुआत 1981 में हुई थी और इस टीम में कुल 21 सदस्य थे, जिसका नेतृत्व डॉक्टर सैयद जहूर कासिम ने किया था। कासिम तब पर्यावरण विभाग के सचिव थे और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान निदेशक का पद संभाल चुके थे। इस मिशन का लक्ष्य यहां वैज्ञानिक अनुसंधान करना था। इस दल की यात्रा 6 दिसंबर, 1981 को गोवा से शुरू हुई थी। ये दल अंटार्कटिका से 21 फरवरी, 1982 को वापस गोवा पहुंचा था। भारत और दुनिया में 9 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं : 2012: लियोनल मेसी ने लगातार दूसरे वर्ष फीफा का बैलन डी’ओर (सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर) पुरस्कार जीता। 2002: माइकल जैक्सन को अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड में आर्टिस्ट ऑफ द सेंचुरी का अवॉर्ड दिया गया। 1970: सिंगापुर में संविधान को अपनाया गया। 1941: यूरोपीय देश रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में छह हजार यहूदियों की हत्या। 1934: अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों की धड़कन पर राज करने वाले गायक महेंद्र कपूर का जन्म हुआ। जिन्होंने नीले गगन के तले, चलो एक बार फिर से, मेरे देश की धरती, है प्रीत जहां की रीत सदा, अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे जैसे गीतों को आवाज दी। 1873: यूरोपीय शासक नेपोलियन बोनापार्ट तृतीय की मृत्यु। 1811: विश्व में पहली बार महिलाओं का पहला गोल्फ टूर्नामेंट आयोजित किया गया। 1793: दुनिया के पहले गर्म हवा के गुब्बारे ने अमेरिका के फिलाडेल्फिया में उड़ान भरी थी। 1768: फिलिप एस्टले ने पहले ‘मॉडर्न सर्कस’ का प्रदर्शन किया। 1718: फ्रांस ने स्पेन के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया। गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका क्यों गए थे?भारतीय मूल के व्यापारी दादा अब्दुलाह ने दक्षिण अफ्रीका के लिए एक साल का करार किया. गांधी जी ने इस काम को स्वीकार किया क्योंकि पहले तो उन्हें काम नहीं मिल रहा था. दूसरे वे यहां की जीवनचर्या से परेशान होकर भी भारत से बाहर जाना चाहते थे. इसके बाद वे अप्रैल 1893 में डरबन दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुए.
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में कौन कौन से आंदोलन चलाए?सन् 1896 के मध्य में वह अपने पूरे परिवार को अपने साथ नाताल ले जाने के उद्देश से भारत आये। अपनी इस यात्रा के दौरान उनका लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका के भारतीयों के लिए देश में यथाशक्ति समर्थन पाना और जनमत तैयार करना भी था।
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