गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

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प्रश्न अभ्यास
अनुभव विस्तार

प्रश्न.1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

उत्तर
(अ) 2, (ब) 3, (स) 4, (द) 1

(ख) दिए गए विकल्पों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) नन्हीं चींटी जब ……………….लेकर चलती है। (खाना/दाना)
(ब) कोशिश करने वालों की ……………….नहीं होती। (हार/जीत)
(स) ……………….एक चुनौती है स्वीकार करो। (सफलता, असफलता)
(द) संघर्षों का मैदान ………………. मत भागो तुम। (छोड़/तोड़)
उत्तर
(अ) दाना
(ब) हार
(स) असफलता
(द) छोड़।

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ) किसकी हार नहीं होती?
(ब) गहरे पानी में से खाली हाथ लौटने पर गोताखोर क्या करता है?
(स) कवि चैन की नींद त्यागने के लिए क्यों कह रहा है?
(द) असफलता को किस रूप में स्वीकार करना चाहिए?
उत्तर
(अ) कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
(ब) गहरे पानी में से खाली हाथ लौटने पर गोताखोर फिर इस दोगुने उत्साह से डुबकी लगाता है कि बड़ी आसानी से मोती नहीं मिलते हैं।
(स) कवि चैन की नींद त्यागने के लिए सफलता की प्राप्ति तक संघर्ष करने के लिए कह रहा है।
(द) असफलता को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ) कोशिश करते रहने की जीवन में क्या उपयोगिता है?
(य) नन्हीं चींटी किस प्रकार संघर्ष करती है?
(स) असफलता मिलने पर हमें क्या करना चाहिए?
(द) गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है?
(ई) सफलता पाने के लिए हमें क्या काम करना चाहिए?
उत्तर
(अ) कोशिश करते रहने की जीवन में बहुत बड़ी उपयोगिता है। इससे सफलता मिलती हा है।
(ब) नन्हीं चींटी दीवार पर दाना लेकर चढ़ते समय एक नहीं, दो बार नहीं बल्कि सौ बार फिसलती है। अंत में उसे सफलता मिल ही जाती है।
(स) असफलता मिलने पर हमें यह देखना चाहिए कि हमारी कोशिश में क्या कमी रह गयी है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है।
(द) सफलता पाने के लिए हमें कोशिश करते रहना चाहिए।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए
नौका, कोशिश, मैदान, विश्वास, सिंधु, हैरानी, संघर्षों, डुबकियाँ, असफलता।
उत्तर
नौका, कोशिश, मैदान, विश्वास, सिंधु, हैरानी, संघर्षों, डुवकियाँ, असफलता।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में ‘ए’ और ‘ऐ की मात्रा संबंधी अशुद्धियाँ हैं, उन्हें सही कीजिए
उत्तर
अशुद्धियाँ – शुद्धियाँ
तेरता – तैरता
गहरै – गहरे
हेरानी – हैरानी
चेन – चौन
सेनिक – सैनिक

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में से एक बचन तथा बहुवचन छाँटकर लिखिए
रंग, डुबकियाँ, संघर्षों, कपड़ा, गाय, कथाएँ, गुड़िया
उत्तर
एकवचन – बहुवचन
रंग – इबकियाँ
कपड़ा – संघर्षों
गाय – कथाएँ
गुड़िया

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

प्रश्न 4.
निम्ननिखित शब्दों में से शुद्ध शब्द छाँटकर लिखिए
उत्तर

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

प्रश्न 5.
पढ़िए, समझिए और उदाहरण के अनुसार लिखिए
उत्तर
फिसलती – फिसलना, फिसलता, फिसला
सिसकती – सिसकना, सिसकता, सिसका
लहराती – लहराना, लहराता, लहरता
अखरती – अखरना, अखरता, अखरा।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से शब्द और उनके विलोम शब्दों को छाँटकर जोड़ी बनाइए
हार, गिरना, असफलता, जीत, स्वीकार, सफलता, उठना, अस्वीकार, अविश्वास, भरा, विश्वास, खाली।
उत्तर
शब्द – विलोम शब्द
हार – जीत
गिरना – उठना
असफलता – सफलता
स्वीकार – अस्वीकार
अविश्वास – विश्वास
भरा – खाली

प्रश्न 7.
‘क’ वर्ग में लिखित शब्द समूहों का सही अर्थ ‘ख’ वर्ग से छाँटकर सही जोड़ी बनाइए

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

उत्तर
(अ) 5, (ब) 1, (स) 4, (द) 3, (ई) 2

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
साहस, मेहनत, उत्साह, चुनौती, संघर्ष।
उत्तर
शब्द वाक्य-प्रयोग
साहस – साहस से काम करना चाहिए।
मेहनत – मेहनत से सफलता मिलती है।
उत्साह – उत्साह से निराशा समाप्त होने लगती है।
चुनौती – असफलता एक चुनौती है।
संघर्ष – संघर्ष करने से जीत हासिल होती है।

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

पयांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

1. लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती,
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सो बार फिसलती है,
मन को विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती।

शब्दार्य
नौका-नाव । रगो में-नसों में। अखरता-बुरा लगता।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ-19 ‘हार नहीं होती’ से ली गई हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कोशिश करके ही विजय प्राप्त होती है। इसे बतलाते हुए कहा है कि

व्याख्या
लहरों के थपेड़ों से अगर कोई नाविक डर जाए, तो वह अपनी नौका को इस पास से उस पार नहीं लगा सकता है। उसे यह विश्वास कर लेना चाहिए कि जो कोशिश करते हैं, उनकी कभी हार नहीं होती है।
कवि का पुनः कहना है कि जब नन्हीं-सी चींटी दाना लेकर दीवार पर चढ़ती है, तो वह एक नहीं, दो नहीं बल्कि सो बार फिसलती है। फिर भी चढ़ने में सफल हो जाती है। अगर नसों में मन का विश्वास भरा हो तो उससे साहस मिलता है। चढ़कर गिरना लेकिन गिरकर फिर न चढ़ना बुरा लगता है। इस प्रकार जो मेहनत करते हैं, उनको आखिर में सफलता मिलती है। उनकी मेहनत बेकार नहीं जाती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि कोशिश करने वालों की हार कभी नहीं होती है।

विशेष

  • यह अंश उत्साहवर्द्धक है।
  • वीर रस का प्रवाह है।

2. डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा-जाकर खाली हाथ लौट कर आता है।
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हेरानी में,
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

शब्दार्थ
सिंधु-समुद्र । दूना-दो गुना।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग- पूर्ववत्।

व्याख्या
गोताखोर समुद्र में गहरी डुबकियाँ लगाता है। फिर भी कभी-कभी नह खाली हाथ लौटकर आता है। लेकिन वह यह भलीभाँति जानता है कि समुद्र की गहराई में इतनी आसानी से मोती नहीं मिलते हैं। वह इसी बात को समझकर हैरान हो जाता है। इस प्रयास में उसका उत्साह दो गुना बढ़ – जाता है कि उसकी मुट्ठी हर बार खाली नहीं लौटेगी। इस प्रकार कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है।

विशेष

  • भाषा में प्रभाव है।
  • वीर रस का संचार है।

गोताखोर समुद्र में बार-बार डुबकी क्यों लगाता है - gotaakhor samudr mein baar-baar dubakee kyon lagaata hai

3. असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो, क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो

जब तक न सफल हो, नीद चन का त्यागा तुम,
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम ।
कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

संदर्भ – पूर्ववत्

प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या
असफलता कोशिश करने वालों के लिए एक चुनौती है। ऐसा मानकर उन्हें इसे स्वीकार करना चाहिए। इसके लिए उन्हें यह छानबीन करनी चाहिए। उनकी कोशिश में क्या कमी रह गयी और उसे अब कैसे दूर करके कदम बढ़ाना चाहिए। ऐसा सोच-विचार कर फिर कोशिश करनी चाहिए। इस प्रकार जब तक सफलता न मिले, चैन की नींद नहीं आनी चाहिए। इस दृढ़ संकलप के साथ संघर्षों के मैदान में डटे रहना चाहिए। यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए श्रेष्ठ और अटूट कर्मों से ही जय-जयकार होती है। यही नहीं, जो कोशिश करते है, उन्हें विजय प्राप्त होती है, हार नहीं।

विशेष

  • वीर रस प्रवाह है।
  • यह अंश प्रेरक हैं।

गोताखोर समुद्र में बार बार दुखी क्यों लगता है?

प्रश्न 2. कवि किसका यशगान कर रहा है? प्रश्न 3.

खाली हाथ लौटने पर गोताखोर क्या करता है?

(ब) गहरे पानी में से खाली हाथ लौटने पर गोताखोर फिर इस दोगुने उत्साह से डुबकी लगाता है कि बड़ी आसानी से मोती नहीं मिलते हैं।