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Abhishek Shukla | Lipi | Updated: 4 Mar 2021, 11:50 pm गैरसैंण को बनाया राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी)। चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को किया शामिल। भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में होगी टाउन प्लानर की की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।.इस मंडल में कुमाऊं और गढ़वाल के दो दो जिलों को सम्मिलित किया गया है। चमोली,रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को इस मंडल में सम्मिलित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमिश्नर और डीआईजी स्तर के अधिकारी गैरसैण में बैठेंगे। आसपास के शहरों की खबरेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादउत्तराखंड के गैरसैंण मंडल में कितने जिले हैं?गैरसैंण मंडल ( 2021 )-
गैरसैंण मंडल की स्थापना 2021 में हुई हैं। कुमाऊँ मंडल और गढ़वाल मंडल में से 2 - 2 जिलें निकालकर गैरसैंण मंडल को 4 जिलों वाला उत्तराखंड का तीसरा मण्डल बना दिया गया हैं। और गैरसैंण अब उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी बन चुकी हैं।
गढवाल मंडल में कितने जिले है?गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बंटे उत्तराखण्ड में कुल 13 जिले हैं। सात जिले- देहरादून, हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग गढ़वाल मंडल के तहत आते हैं। जबकि शेष छह जिले- नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चम्पावत और बागेश्वर कुमाऊं मंडल के तहत आते हैं।
उत्तराखंड का सबसे पुराना जिला कौन सा है?प्राचीनतम नगर अल्मोड़ा, इसकी स्थापना से पहले, कातुरी राजा बालिकदेव के कब्जे में था। उन्होंने इस देश के प्रमुख हिस्से को एक गुजराती ब्राह्मण श्री चांद तिवारी को दान दिया। बाद में जब बरामंडल में चन्द साम्राज्य की स्थापना हुई थी, तब कलोयान चंद ने 1568 में इस केंद्र स्थित स्थित अल्मोड़ा शहर की स्थापना की थी।
उत्तराखंड में कितने मंडल हैं 2022?उत्तराखंड राज्य में सिर्फ दो मंडलों में विभाजित है, जिसका नाम गढ़वाल मंडल तथा कुमाऊं मंडल है । चंपावत.
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