गणित शिक्षण का क्या अर्थ है? - ganit shikshan ka kya arth hai?

  • गणित का अर्थ | What is Mathematics in Hindi !!
  • गणित की परिभाषाएं | Mathematics Definition in Hindi !!
  • गणित का महत्व | Mathematics Importance in Hindi  !!
  • गणित की प्रकृति !!
  • गणित का इतिहास | Mathematics History in Hindi !!
  • गणित शिक्षण का उद्देश्य !!
  • गणित के सूत्र !!
  • गणित की ट्रिक्स !!

गणित का अर्थ | What is Mathematics in Hindi !!

गणित को हम उस विज्ञान के रूप में समझ व व्यक्त कर सकते हैं जिसका संबंध आकार, मात्रा और व्यवस्था के तर्क से होता है. गणित हमारे हर तरफ होती है और हम जो कुछ भी करते हैं वो प्रत्येक चीज कहीं न कहीं किसी न किसी प्रकार से गणित से जुडी होती है. जैसे: “खाना बनाना, इसमें हमे कितना नमक चाहिए, कितनी चीनी चाहिए, आदि”, “हम खेल खेलते हैं तो कितने रन चाहिए, कितने से हम जीतेंगे”, “मोबाइल फ़ोन कितनी बैटरी है, कितनी मेमोरी है, आदि”. हमारी प्रत्येक चीज किसी न किसी प्रकार से गणित से संबंधित होती ही है.

गणित की परिभाषाएं | Mathematics Definition in Hindi !!

यदि लॉजिकल तरीके से समझा जाए तो गणित उन विद्याओं का समूह होता है, जिसमे संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन किया जाता है. ये एक प्रकार की अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली होती है. इसकी विभिन्न शाखाएं होती हैं जैसे: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, आदि. गणित में खोज करने वाले व्यक्ति को हम गणितज्ञ कहते हैं.

गणित का महत्व | Mathematics Importance in Hindi  !!

पुराने समय से ही किसी भी प्रकार के ज्ञान-विज्ञान में गणित को सबसे पहले रखा गया था.

यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।
तथा वेदांगशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि स्थितम्॥

जिसका अर्थ होता है कि: ( जो स्थान मोरों में शिखा और नागों में मणि को दिया गया है, वही स्थान सभी वेदांग और शास्त्रों मे गणित को दिया गया है।)

महान गणित खोजी अर्थात गणितज्ञ गाउस द्वारा बताया गया है कि गणित सभी विज्ञानों की रानी का स्थान लेती है. ये विज्ञान व प्रौद्योगिकी का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण होता है. कोई भी अन्य विज्ञान जैसे: भौतिकी, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान आदि को गणित के बिना समझना सम्भव नहीं होता है. मुख्य रूप से यदि इसके महत्व की बात करें तो इसकी विभिन्न शाखाओं का विकास भी इसलिए ही किया गया था क्यूंकि प्राकृतिक विज्ञान में इसकी आवश्यकता थी.

गणित की प्रकृति !!

गणित का संबंध सीधा सीधा नाप तौल से है, क्यूंकि गणित के सिंद्धान्तो का प्रयोग किये बिना हम किसी भी क्षेत्र का नाप तौल नहीं कर सकते। जिन लोगों को गणित में रूचि होती है, वो इसकी प्रकृति को नहीं भी समझते होंगे फिर भी इसकी तारीफ करेंगे, इसका मुख्य कारण कहीं न कहीं इसके रोचक तथ्य और कार्य करने का तरीका है. प्रसिद्ध गणितज्ञ बर्टेªण्ड रसल का कहना था कि “हालाकिं गणित तर्कशास्त्र की वह शाखा नहीं है लेकिन फिर भी ये एक तर्कपूर्ण भाषा है इसीकारण इसे सर्वमान्य बनाया गया है क्यूंकि इसके तथ्य तर्क पर आधारित होते हैं”.

गणित का इतिहास | Mathematics History in Hindi !!

मानव ज्ञान की प्राथमिक विधाओं की यदि बात की जाये तो उसमे गणित भी शामिल है और जितनी पुरानी हमारी मानव सभ्यता है, उतनी पुरानी गणित है. जिस प्रकार मानव का विकास हुआ उसी के साथ साथ गणित और उसकी जटिलताओं का भी विकास हुआ. जब मानव आदि मानव के रूप में जाने जाते थे और अब जब मानव रोबोट के रंग ठंग में बदलते जा रहे हैं उसी गति से गणित भी विकसित व बदला है. इसके अलावा ही मानव ज्ञान-विज्ञान की एक व्यापक एवं समृद्ध शाखा के रूप में भी गणित का विकास हुआ है.

गणित शिक्षण का उद्देश्य !!

इसके शिक्षण का मुख्य उद्देश्य इसकी विज्ञान द्वारा आवश्यकता पर निर्भर है. ये एक बहुत महत्वपूर्ण विषय बन चूका है, जिसके बिना किसी भी विज्ञान, संख्याओं तथा स्थान व किसी भी क्षेत्र की गणना करना असम्भव है. इसे गणना विज्ञान संख्याओं तथा स्थान का विज्ञान, मापन (माप तोल) मात्रा और (दिशा आकार प्रकार) का विज्ञान भी कहा जाता है. इसे लोग विज्ञान की रानी मानते हैं और इसी कारण इसे पुरे विश्व में अनिवार्य कर दिया गया है. इसके कुछ मुख्य शिक्षण उद्देश्य हैं जैसे:

# छात्रों को शब्दावली, संकेतों, प्रत्यय, सिद्धांतो और प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देना.

# बीजगणित के आधारभूत कौशलों का विकास करने की शिक्षा देना।

# रेखागणित, ज्यामिति और कला संबंधित कौशल का विकास करना।

# सोचने, समझने, और विश्लेषण तर्क करने की योग्यता प्रदान करना।

# जीवन संबंधित चीजों को आसानी से समझने की कुशलता प्रदान करना.

# आधुनिक युक्तियों जैसे: कंप्यूटर, कैलकुलेटर, आदि को समझने में कुशल बनाने का प्रयास करना।

# गणित के ज्ञान की प्रत्येक क्षेत्र में उसकी उपयोगिता की सराहना करना।

# छात्र के मस्तिष्क को एक प्रकार का अनुशासन प्रदान करना.

# छात्र को तकनीकी क्षेत्र के लिए तैयार करना.

# छात्र के वैज्ञानिक और वास्तविक दृष्टिकोण को विकसित करना.

# छात्र को बहुमुखी व अनुरूप रूप से विकास करने में मदद करना।

गणित के सूत्र !!

गणित में विभिन्न प्रकार के सूत्र होते हैं, जिन्हे एक ही स्थान पर बताया जाना सम्भव नहीं होता है. लेकिन गणित के प्रत्येक सूत्र अपना अपना स्थान रखते हैं, जिन्हे आप इंटरनेट, पुस्तकों, आदि में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

गणित की ट्रिक्स !!

गणित कोई एक विषय नहीं है बल्कि विज्ञान की रानी का स्थान लेती है, इसलिए गणित बहुत फैली हुई है, जिसके लिए आपको प्रत्येक प्रश्न की ट्रिक एक ही स्थान पर नहीं मिल सकती है. लेकिन इसके लिए आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि इंटरनेट पर कई लोग ऐसे हैं जो गणित के विभिन्न ट्रिक को वीडियो में व्यक्त करते हैं जहाँ आपको आपके प्रश्न से जुड़ा गणित का ट्रिक अवश्य मिल जायेगा. धन्यवाद !!

गणित शिक्षण से आप क्या समझते हैं?

गणित ऐसा विषय है जिसकी शिक्षण से छात्रों में अनियमितता एवं विधिवत रूप से कार्य करने का अभ्यास होता है क्योंकि जब तक गणित में क्रियाओं को नियम तथा विधि पूर्वक हल नहीं किया जाता तब तक शुद्ध परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता। इस प्रकार गणित नियमित रूप से तथा विधिवत रूप से कार्य करने की क्षमता छात्रों में उत्पन्न करता है।

गणित का अर्थ और परिभाषा क्या है?

गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं : अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि।

गणित शिक्षण का उद्देश्य क्या है?

स्कूल में गणित पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बालकों की तर्क शक्ति का विकास होना चाहिए ना कि केवल तथ्यों को याद कराना। केवल गणित का एक अच्छा जानने वाला वही होता है जो दैनिक जीवन में उसके सिद्धांतों का प्रयोग कर सकें। इसीलिए गणित पढ़ाने में तर्कशक्ति के विकास का ध्यान रखना, सूचना प्राप्त की अपेक्षा महत्वपूर्ण होता है।

गणित का अर्थ क्या है इसकी प्रकृति को बताएं?

वास्तव में, गणित का शाब्दिक अर्थ होता है - "वह शास्त्र जिसमें गणनाओं की प्रधानता हो ।" इस प्रकार गणित के सम्बन्ध में दी गई मान्यताओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि गणित - "अंक, अक्षर, चिह्न आदि संक्षिप्त संकेतों का वह विज्ञान है जिसकी सहायता से परिमाण, दिशा तथा स्थान का बोध होता है।" गणित विषय का आरम्भ गिनती से ही हुआ है ...