ज्यामिति से जुडी विभिन्न आकृतियों में से त्रिभुज और चतुर्भुज के बारे में मैं आपको पहले ही बता चूका हूँ यहां मैं आपको वृत्त के बार में बताने वाला हूँ। इस पोस्ट में, मैं आपको वृत्त की परिभाषा और वृत्त से जुड़े अन्य विषयों के बारे
में जानकारी दूंगा। किसी समतल पर एक स्थिर बिंदु के चारों ओर एक समान नियत दूरी पर स्थित सभी बिंदुओं के समूह से बनी एक घुमावदार बंद आकृति को वृत्त कहते हैं। वृत्त के विभिन्न भाग होते हैं: वृत्त का सूत्रवृत्त में, त्रिज्या = r, व्यास = d होता है। वृत्त के विभिन्न सूत्र निम्न हैं:
नोट: π (पाई) = 22/7 या 3.14 मैं आशा करता हूँ आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। इस पोस्ट को अपने दोस्तों से भी शेयर करें। वृत्त की परिभाषा वृत्त एक बन्द समतलीय आकृति होती है, जिसके मध्य में एक बिन्दु होता है। इस बिन्दु को वृत्त का केंद्र कहते हैं। वृत्त इसी केंद्र बिन्दु के चारो ओर वक्र रेखा से घिरा होता है। वक्र रेखा की लंबाई को वृत्त की परिधि कहते हैं। तथा वृत्त के केंद्र से लेकर परिधि तक की दूरी को वृत्त की त्रिज्या कहते हैं। वृत्त का व्यास परिधि पर किन्ही दो बिन्दुओं को मिलाने वाली
रेखाखण्ड जो वृत्त के केंद्र से होकर जाती है वृत्त का व्यास कहलाती है। वृत्त का व्यास उसकी त्रिज्या का दुगुना होता है। वृत्त की जीवा वृत्त पर किन्ही दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखाखण्ड वृत्त की जीवा कहलाती है। वृत्त का व्यास वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है। वृत्त का चाप वृत्त की परिधि के किसी भी भाग को वृत्त का चाप कहते हैं। वृत्त का त्रिज्यखण्ड दो त्रिज्या तथा उनसे कटे हुए चाप के द्वारा जो समतल क्षेत्र घिरता है, उसे ही त्रिज्यखण्ड कहते हैं। वृत्त के सूत्र वृत्त का क्षेत्रफल = π r2 वृत्त की परिधि = 2 π r अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r + 2 r ) उपरोक्त सूत्र में 22 / 7 को ग्रीक चिन्ह π (पाई) से प्रदर्शित किया जाता है। वृत्त के गुण
गणित में व्रत क्या है?किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त एक साधारण बंद वक्र होता है जो समतल को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है: एक आंतरिक और एक बाहरी।
व्रत का सूत्र क्या है?वृत्त का क्षेत्रफल त्रिज्या के वर्ग का पाई गुना होता है (A = π r²) | इस सूत्र का प्रयोग करते हुए उस वृत्त का क्षेत्रफल पता करें जिसकी व्यास दी गई हो |.
गणित का व्रत कैसे करें?वृत्त का फार्मूला. वृत्त का क्षेत्रफल = πr². वृत्त का व्यास = 2r.. वृत्त की परिधि = 2πr.. वृत्त की परिधि = πd.. वृत्त की त्रिज्या = √व्रत का क्षेत्रफल/π. वृताकार वलय का क्षेत्रफल = π (R2 – r2). अर्द्धवृत्त की परिधि = ( π r + 2 r ). अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr². वृत्त क्या है इसकी विशेषताएं बताएं?वृत्त की विशेषताएँ
किसी बाह्य बिदु से वृत्त पर केवल दो स्पर्श रेखाएँ खिंची जा सकतीं हैं। व्यास द्वारा परिधि के किसी भी बिंदु पर अंतरित कोण समकोण होता हैं। जीवा पर केन्द्र से डाला गया लम्ब जीवा को समद्विभाग करती हैं। केंद्र से होकर जाने वाली जीवा वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती हैं।
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