फागुन मास में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है * A दीपावली B होली C दशहरा D पोंगल? - phaagun maas mein kaun sa tyauhaar manaaya jaata hai * a deepaavalee b holee ch dashahara d pongal?

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  • Phalgun Starts The Last 12th Month Of Hindi Panchang, Mahashivratri And Holi Festival Will Be Celebrated This Month.

गिरिडीह2 वर्ष पहले

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फागुन मास में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है * A दीपावली B होली C दशहरा D पोंगल? - phaagun maas mein kaun sa tyauhaar manaaya jaata hai * a deepaavalee b holee ch dashahara d pongal?

  • फाल्गुन मास में बालकृष्ण, राधा-कृष्ण और गुरु कृष्ण की करें पूजा, मिलेगी सुख-शांति

28 फरवरी रविवार से हिंदी पंचांग का अंतिम 12वां महीना फाल्गुन शुरू हो गया। इस महीने में शिवरात्रि 11 मार्च और होलिका दहन 28 मार्च जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। इसे फागुन भी कहते हैं। फागुन में भगवान श्रीकृष्ण के तीन स्वरूपों की पूजा खासतौर पर की जाती है।

जो लोग संतान सुख पाना चाहते हैं, उन्हें बालकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। जो लोग परिवार में सुख-शांति बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें राधा-कृष्ण और जो लोग ज्ञान पाना चाहते हैं, उन्हें गुरु कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।

श्रीकृष्ण के साथ चंद्रदेव की करें पूजा
फाल्गुन उत्सव के साथ ही अध्यात्म और प्रकृति के नजरिए से बहुत खास है। शिव-पार्वती के विवाह की तिथि महाशिवरात्रि इसी महीने मनाई जाती है। रंगों का त्योहार होली 29 मार्च को खेला जाएगा। साथ ही, ये महीना वसंत ऋतु का भी है। इस माह में प्रकृति में कई बदलाव होते हैं। इस माह में मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। फाल्गुन में श्रीकृष्ण और चंद्र की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि चंद्रदेव का जन्म फाल्गुन माह में ही हुआ था।

फाल्गुन माह की खास तिथियां
इस महीने में शिवरात्रि और होली के अलावा कुछ और खास तिथियां रहेंगी। कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी 9 तारीख को, शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी 24 मार्च को रहेगी। इस माह की अमावस्या 13 तारीख को मनाई जाएगी। 28 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इसी दिन होलिका दहन होगा। अगले दिन यानी 29 तारीख को होली खेली जाएगी और इसी दिन से हिन्दी पंचांग का पहला महीना चैत्र भी शुरू हो जाएगा।

फाल्गुन महीने में दैनिक जीवन में करें बदलाव
इस महीने से गर्मी बढ़ने लगेगी। इस वजह से खानपान में बदलाव करना चाहिए। ऐसी चीजें खाने से बचें, जिनकी वजह से अपच की शिकायत हो सकती है। संतुलित आहार लें। सब्जियां अधिक से अधिक खाएं। सुबह जल्दी उठें और व्यायाम करें। कुछ देर ध्यान करें। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और पूजा-पाठ करके दिन की शुरुआत करें।

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फागुन मास में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है * A दीपावली B होली C दशहरा D पोंगल? - phaagun maas mein kaun sa tyauhaar manaaya jaata hai * a deepaavalee b holee ch dashahara d pongal?

आज माघ महीने का आखिरी दिन है। अब 17 फरवरी से फाल्गुन महीना शुरू हो जाएगा। जो 16 मार्च तक रहेगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नए साल का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। इसे फागुन मास भी कहा जाता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है। फाल्गुन तीज-त्योहारों वाला महीना होता है। साथ ही इसमें मौसमी बदलाव भी होते हैं। वसंत ऋतु की शुरुआत इसी हिंदी महीने में होती है ।

शिवरात्रि और होली फाल्गुन में ही
फाल्गुन महीने के शुरुआती 13 दिन बाद शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। ये पर्व चौदहवीं तिथि यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर ही भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वहीं इस हिंदी महीने के दौरान ही 14 मार्च को वसंत ऋतु शुरू हो जाएगी। इसके बाद फाल्गुन महीने के खत्म होने पर यानी आखिरी दिन होलिका दहन के बाद रंगो का त्योहार मनाते हैं।

शास्त्रोक्त मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है।

मौसम में अच्छे बदलाव
फाल्गुन महीने में ही पतझड़ के बाद वसंत आता है। जिससे प्रकृति में सकारात्मक बदलाव होने लगते हैं। जो मन को भाते हैं। वसंत ऋतु काल सेहत के लिए बहुत अच्छा समय माना गया है। आयुर्वेद का कहना है कि इस मौसम में ही शरीर में ताकत बढ़ती है। साथ ही शरीर के तीन दोष यानी वात, पित्त और कफ में बैलेंस बना रहता है। इसलिए फाल्गुन को सुखद महीना भी कहा जाता है।

भगवान विष्णु और श्री कृष्ण आराधना का महीना
इस हिंदी महीने में भगवान विष्णु की आराधना करने से उनकी कृपा मिलती है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण की आराधना विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों से करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन में श्री कृष्ण की पूजा करने से समृद्धि और सुख बढ़ता है। इस महीने में शंख में सुगंधित जल और दूध भरकर भगवान का अभिषेक करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस महीने भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का नैवेद्य लगाने से आरोग्य और समृद्धि मिलती है।

इसी माह में महाशिवरात्रि पर्व भी आता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। इसके अलावा होली का त्यौहार भी इसी माह में मनाया जाता है। इस दिन होलिका दहन किया जाता है और अगली सुबह रंगों से होली खेली जाती है।

फाल्गुन माह के व्रत-त्यौहार

जानकी जयंती: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाता है। माना जाता है कि इसी दिन माता सीता का जन्म हुआ था।

विजया एकादशी: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु को आराध्य मानकर पूजा किया जाता है।

महाशिवरात्रि: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस दिन लोग व्रत करके भगवान शिव और माता पार्वती का ब्याह रचाते हैं।

फाल्गुनी अमावस्या: धार्मिक दृष्टि से अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए दान-तर्पण करते हैं। इस अमावस्या को श्राद्ध पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

आमलकी एकादशी: फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस दिन सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना हेतु उपवास किया जाता है।

होली: फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है और होलिका पूजन करके शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है।

फागुन के महीने में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?

फाल्गुन माह में आते हैं कई त्योहार फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जानकी जयंती और सीता अष्टमी मनाई जाती है. फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी मनाई जाएगी. वहीं, फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है.

फाल्गुन में कौन कौन से त्योहार आते हैं किसी एक पर?

फाल्गुन में आने वाले त्योहार है जानकी जयंती, विजया दशमी, महाशिवरात्रि , आमलकी एकादशी व होली। हिन्दू पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन होता है। फाल्गुन मास के बाद नव वर्ष प्रारंभ होता है। फाल्गुन महीने में ही चन्द्र देव का जन्म माना जाता है।

फागुन के बाद क्या आता है?

हिंदी कैलेंडर की शुरुआत चैत्र महीने से होती है और इसका अंत फाल्गुन महीने के साथ होता है. हिंदी कैलेंडर में आने वाले महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन.