Show गिरिडीह2 वर्ष पहले
28 फरवरी रविवार से हिंदी पंचांग का अंतिम 12वां महीना फाल्गुन शुरू हो गया। इस महीने में शिवरात्रि 11 मार्च और होलिका दहन 28 मार्च जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। इसे फागुन भी कहते हैं। फागुन में भगवान श्रीकृष्ण के तीन स्वरूपों की पूजा खासतौर पर की जाती है। जो लोग संतान सुख पाना चाहते हैं, उन्हें बालकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। जो लोग परिवार में सुख-शांति बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें राधा-कृष्ण और जो लोग ज्ञान पाना चाहते हैं, उन्हें गुरु कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। श्रीकृष्ण के साथ चंद्रदेव की करें पूजा फाल्गुन माह की खास तिथियां फाल्गुन महीने में दैनिक जीवन में करें बदलाव
आज माघ महीने का आखिरी दिन है। अब 17 फरवरी से फाल्गुन महीना शुरू हो जाएगा। जो 16 मार्च तक रहेगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नए साल का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। इसे फागुन मास भी कहा जाता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है। फाल्गुन तीज-त्योहारों वाला महीना होता है। साथ ही इसमें मौसमी बदलाव भी होते हैं। वसंत ऋतु की शुरुआत इसी हिंदी महीने में होती है । शिवरात्रि और होली फाल्गुन में ही शास्त्रोक्त मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है। मौसम में अच्छे
बदलाव भगवान विष्णु और श्री कृष्ण आराधना का महीना इसी माह में महाशिवरात्रि पर्व भी आता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। इसके अलावा होली का त्यौहार भी इसी माह में मनाया जाता है। इस दिन होलिका दहन किया जाता है और अगली सुबह रंगों से होली खेली जाती है। फाल्गुन माह के व्रत-त्यौहार जानकी जयंती: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाता है। माना जाता है कि इसी दिन माता सीता का जन्म हुआ था। विजया एकादशी: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु को आराध्य मानकर पूजा किया जाता है। महाशिवरात्रि: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस दिन लोग व्रत करके भगवान शिव और माता पार्वती का ब्याह रचाते हैं। फाल्गुनी अमावस्या: धार्मिक दृष्टि से अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए दान-तर्पण करते हैं। इस अमावस्या को श्राद्ध पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। आमलकी एकादशी: फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस दिन सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना हेतु उपवास किया जाता है। होली: फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है और होलिका पूजन करके शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है। फागुन के महीने में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?फाल्गुन माह में आते हैं कई त्योहार
फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जानकी जयंती और सीता अष्टमी मनाई जाती है. फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी मनाई जाएगी. वहीं, फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है.
फाल्गुन में कौन कौन से त्योहार आते हैं किसी एक पर?फाल्गुन में आने वाले त्योहार है जानकी जयंती, विजया दशमी, महाशिवरात्रि , आमलकी एकादशी व होली। हिन्दू पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन होता है। फाल्गुन मास के बाद नव वर्ष प्रारंभ होता है। फाल्गुन महीने में ही चन्द्र देव का जन्म माना जाता है।
फागुन के बाद क्या आता है?हिंदी कैलेंडर की शुरुआत चैत्र महीने से होती है और इसका अंत फाल्गुन महीने के साथ होता है. हिंदी कैलेंडर में आने वाले महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन.
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