प्रयोजनमूलक हिन्दी अर्थ एवं परिभाषा, क्या होती है प्रयोजनमूलक हिन्दी, प्रयोजनमूलक हिन्दी का इतिहास Show
प्रयोजनमूलक हिन्दी का सामान्य परिचय
प्रयोजनमूलक हिन्दी अर्थ एवं परिभाषा
प्रश्न है कि व्यावहारिक हिन्दी क्या है ?
प्रयोजनमूलक हिन्दी का इतिहास
हिन्दी को राजभाषा का दर्जा 14 सितम्बर 1949
प्रयोजनमूलक हिन्दी के क्षेत्र
प्रयोजनमूलक हिन्दी के दो मुख्य भेदडॉ. ब्रजेश्वर वर्मा के अनुसार प्रयोजनमूलक हिन्दी के दो मुख्य भेद होते हैं और उसके अनेक उपभेद होते हैं। डॉ. व्रजेश्वर वर्मा ने प्रयोजनमूलक हिन्दी के दो मुख्य भेद किए है 1. Core Hindi 2. Advanced Hindi Core HindiCore Hindi को डॉ. वर्मा ने पुनः चार उपभेदों में विभाजित किया है- क. कार्यालयी हिन्दी ख. व्यावसायिक हिन्दी ग. तकनीकी हिन्दी घ. समाजी हिन्दी एम. सत्यनारायण ने प्रयोजनमूलक हिन्दी के क्षेत्र विभाजन करते हुए लिखा है-1. सामान्य सम्प्रेषण माध्यम 2. सामाजिक 3. व्यावसायिक 4. कार्यालयी 5 तकनीकी 6. सामान्य साहित्य डॉ. भोलानाथ तिवारी तथा विनोद गोदरे ने प्रयोजनमूलक हिन्दी के क्षेत्र विस्तार को स्पष्ट रूप से समेटते हुए उसके प्रमुख भेद स्वीकार किए हैं-1. बोलचाल की हिन्दी - इसके अंतर्गत बोलचाल के सामान्य रुप की हिन्दी भाषा आती है। 2. व्यापार की हिन्दी -व्यापार की हिन्दी के अंतर्गत बाजार, सर्राफे एवं मंडी की भाषा - आती है। 3. कार्यालय हिन्दी - कार्यालय हिन्दीके अन्तर्गत कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली भाषा आती है। 4. शास्त्रीय हिन्दी- प्रयोजनमूलक इस भाषा के अन्तर्गत विभिन्न काथ कलाएँ तथा मानवीय एवं सामाजिक विज्ञान के विषयों से संबंधित भाषा आती है। 5. वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी- प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस रूप के अन्तर्गत इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्र तथा विज्ञान के विविध क्षेत्रों की भाषा आती हैं। 6. समाजी हिन्दी- प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस क्षेत्र के अन्तर्गत समाज के उच्च क्रिया कलाप का अध्ययन किया जाता है। 7. साहित्यिक हिन्दी -प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस क्षेत्र के अन्तर्गत कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी जैसी विधाओं की भाषा आती हैं। 8. प्रशासनिक हिन्दी -प्रयोजनमूलक हिन्दी के इस क्षेत्र के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त भाषा एवं उसकी पारिभाषिक शब्दावली का अध्ययन किया जाता है। 9. जनसंचार माध्यम की हिन्दी
विषय सूची कामकाजी हिंदी से क्या तात्पर्य है इसके विभिन्न रूपों को लिखिए?प्रयोजनमूलक हिन्दी (Functional Hindi) से तात्पर्य हिन्दी के उस स्वरुप से है जो विज्ञान, तकनीकी, विधि, संचार एवं अन्यान्य गतिविधियों में प्रयुक्त होती है। इसे 'कामकाजी हिन्दी' भी कहा जाता है।
प्रयोजनमूलक हिंदी के विविध रूपों का आधार क्या है?प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूपों का आधार उनका प्रयोग क्षेत्र होता है। भिन्न-भिन्न कार्यक्षेत्रों के लिए जिन भाषा रूपों का प्रयोग किया जाता है उन्हें प्रयुक्ति (Register) कहा जाता है-"वस्तुतः भाषा अपने आपमें समरूपी होती है, परन्त प्रयोग में आने पर वह विषमरूपीं बन जाती है।
कामकाजी भाषा क्या है?डॉ. डी. के. जैन का मत है कि-"वह हिन्दी जिसका दैनिक व्यवहार, पत्राचार, वाणिज्य, व्यापार, प्रशासन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, योग, संगीत, ज्योतिष, रसायनशास्त्र आदि क्षेत्रों में प्रयोग होता है, उसे कार्यालयी या कामकाजी हिन्दी कहा जाता है।" (प्रयोजनमूलक हिन्दी, पृष्ठ 9) इसी तरह डॉ.
प्रयोजनमूलक हिंदी से आप क्या समझते हैं समझाइए एवं इसके रूपों पर प्रकाश डालिए?उत्तर- प्रयोजनमूलक हिंदी एवं सामान्य हिंदी एक ही भाषा के दो रूप है, परन्तु उनकी शब्दावली, वाक्य-संरचना आदि भिन्न-भिन्न होती है। सामान्य भाषा मनुष्य की पहली आवश्यकता है लेकिन प्रयोजनमूलक भाषा की आवश्यकता उसके बाद होती है। प्रयोजनमूलक भाषा का क्षेत्र सीमित होता है। किन्तु सामान्य हिंदी का क्षेत्र विस्तृत होता है।
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