एक साथी के लिए पर्यावरण का अध्ययन करना क्यों आवश्यक है? - ek saathee ke lie paryaavaran ka adhyayan karana kyon aavashyak hai?

हमारे आसपास के आवरण को पर्यावरण कहा जाता हैं। पर्यावरण या वातावरण का अध्ययन करना आवश्यक है। सूक्ष्म अध्ययन करने से पर्यावरण के बारे में गहरी जानकारी मिलती है जो उद्यमीके लिए कामगार साबित होता हैं।पर्यावरण का सूक्ष्म अध्ययन क्यों आवश्यक हैं

पर्यावरण का सूक्ष्म अध्ययन को समझने से पहले मैं आपको सूक्ष्म अध्ययन के बारे में बताना चाहूंगा। सूक्ष्म अध्ययन से आशय किसी तथ्य या पहलू का बारीक अध्ययन करने से होता है।
उदाहरण 1– जैसे कि एक मकान तैयार करने में विभिन्न प्रकार के Material की आवश्यकता होती हैं तथा तब जाकर एक भवन का निर्माण होता हैं। इस भवन को बनाने में कौन-कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया हैं इसके बारे में गहराई से जांच करना, व्याख्या करना आदि ही उस भवन का सूक्ष्म अध्ययन कहलाता हैं।

उदाहरण 2– जब किसी डॉक्टर के द्वारा बीमारी का पता नहीं चल पाता हैं तो स्कैनिंग किया जाता हैं। जिसमें मरीज के सूक्ष्म जांच के द्वारा बीमारी का पता चल जाता हैं।

  • पर्यावरण का सुक्ष्म अध्ययन क्यों आवश्यक हैं
    • पर्यावरण का अध्ययन क्यों आवश्यक हैं?

पर्यावरण का सुक्ष्म अध्ययन क्यों आवश्यक हैं

परिवर्तन प्रकृति का नियम हैं। इस परिवर्तन के दौर में उद्यमी के लिए वातावरण का प्रतिदिन अध्ययन एवं विश्लेषण करना आवश्यक हैं। इससे उद्यमी को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं। जो इस प्रकार से दिए गए हैं –
1.संसाधनों का कुशल उपयोग
2.वातावरण का लगातार अध्ययन
3.खतरो तथा अवसरों का ज्ञान
4.भविष्य अवलोकन
5.कार्य योजना बनाने में सहायक

1.संसाधनों का कुशल उपयोग – व्यवसाय की सफलता उसके संसाधनों के कुशल ढंग से विनियोजित करने पर निर्भर करता है। संसाधनों का प्रभावपूर्ण व कुशल उपयोग करने के लिए पर्यावरण का सुक्ष्म अध्ययन करना परम आवश्यक हैं।

2.वातावरण का लगातार अध्ययन – पर्यावरण के सूक्ष्म अध्ययन से वातावरण में हो रहे घटनाओं का ज्ञान होता रहता है। इसके अभाव में उपभोक्ताओं की रूचि का ज्ञान नहीं हो पाता है, प्रतियोगिता के बारे में पता नहीं चल पाता है तथा नए अविष्कार की जानकारी नहीं मिल पाती है। अतः इन सब पर नियंत्रण के लिए व्यवसायिक पर्यावरण का सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक होता हैं।

3.खतरो तथा अवसरों का ज्ञान – वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन से उद्यमी को व्यापार में आने वाले खतरों तथा सुनहरे अवसर का ज्ञान होते रहता हैं। आने वाली खतरों से निपटने तथा सुनहरे अवसर का लाभ उठाने के लिए उचित योजना बनाने हेतु पर्यावरण का सूक्ष्म अध्ययन आवश्यक हैं।

4.भविष्य अवलोकन – भविष्य का अवलोकन करना प्रबंध का महत्वपूर्ण कार्य हैं। प्रबंध को समस्या उत्पन्न होने पर हल ढूंढने का प्रयास नहीं करना चाहिए बल्कि ऐसा प्रयास करना चाहिए ताकि समस्याओं का जन्म ही ना हो इसके लिए भी वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक होता हैं।

5.कार्य योजना बनाने में सहायक – वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन करने से भविष्य में आने वाली समस्याओं का हल संभव हो सकता हैं। उद्यमी विश्लेषण के आधार पर उचित कार्य योजना बना सकता है और व्यापार को प्रगति के रास्ते पर ले जा सकता हैं। अतः उचित कार्य योजना बनाने के लिए भी वातावरण का सूचना अध्ययन करना आवश्यक होता हैं।

पर्यावरण का अध्ययन क्यों आवश्यक हैं?

यह एक काफी महत्वपूर्ण प्रश्न है जैसा कि मैंने आपको इस पोस्ट के शुरुआत में ही बताया है कि हम मनुष्य चारों ओर से घिरे हुए हैं।जैसे – पेड़ -पौधे, नदी, तालाब, झड़ने, पोखर आदि यही पर्यावरण हैं।अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्यों पर्यावरण का अध्ययन करना आवश्यक है तो चलिए जानते हैं।

वातावरण या पर्यावरण का अध्ययन करना निम्नलिखित कारणों से आवश्यक होता है-
1.भविष्य में लाभ को पहचानने के लिए
2.प्रतियोगी पर नजर रखने के लिए
3.प्रदूषण के बारे में जानकारी
4.मनुष्य का अस्तित्व
5.घटनाओं का पता लगाने

1.भविष्य में लाभ को पहचानने के लिए – लाभ कमाना कौन व्यक्ति नहीं चाहता है। इसके लिए सही समय पर, सही अवसर को पहचानना और उस पर तुरंत Action लेने से हैं। यह सब कुछ तभी संभव है जब पर्यावरण का अध्ययन किया जाए। जिससे इस बात की पता चलेगी भविष्य में कौन-कौन से कार्य आने वाले हैं जिसे करके अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता हैं।

2.प्रतियोगी पर नजर रखने के लिए– अपने Competitor पर नजर रखना बहुत ही जरूरी है। वह किस तरह से बिजनेस करता है कौन से सीजन में अधिक बिक्री होती है आदि इसके लिए भी वातावरण का अध्ययन करना जरूरी हैं।

3.प्रदूषण के बारे में जानकारी – आज मनुष्य एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में रोज नए नए अविष्कार कर रहा है। इससे मानव को तो लाभ लेकिन पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। जैसे -फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले धुएं आदि।

4.मनुष्य का अस्तित्व – इस धरती पर सबसे अधिक बुद्धिमान तथा शक्तिशाली प्राणी मानव है। लेकिन इसके अपने अविष्कार हीं विनाश का कारण बन रहा है। अतः मनुष्य का अस्तित्व बनाए रखने के लिए भी वातावरण के बारे में जानकारी हासिल करना आवश्यक हैं।

5.घटनाओं का पता लगाने – आज रोज नए-नए कुछ पर्यावरण में घटनाएं घटित होते रहते हैं। इन सभी घटनाओं का पता लगाने के लिए वातावरण का अध्ययन करना आवश्यक हैं।

पर्यावरण का सूक्ष्म अध्ययन क्यों आवश्यक हैं अब आप जान चुके होंगे ।

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  • उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है?
  • किसी वस्तु या सेवा का चुनाव करते समय उद्यमी को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  • उद्यमी के ग्राहक के प्रति क्या उत्तरदायित्व है?

पर्यावरण का अध्ययन करना क्यों आवश्यक है?

पर्यावरण अध्ययन भौतिक, रासायनिक, जैविक और सामाजिक प्रक्रियाओं के ज्ञान के माध्यम से वर्तमान पर्यावरणीय समस्याओं को समझने में मदद करता है। यह पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है।

पर्यावरण अध्ययन से क्या समझते हैं पर्यावरण अध्ययन की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डालें?

पर्यावरण अध्ययन वह विज्ञान है जिसके माध्यम से मनुष्य तथा उसके पर्यावरण में सम्बन्धों पर अध्ययन किया जाता है। वर्तमान शताब्दी में जीवन को बनाए रखने के लिए पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखना आवश्यक है। यह तभी सम्भव है, जब हम सभी पर्यावरण के महत्व को समझें।