एक्साइज ड्यूटी क्या है (excise duty kya hai) यह सवाल लोगों में मन में होता है। GST लागू होने से पहले भारतीय टैक्स व्यवस्था में लोगों के ऊपर बहुत सारी चीजों के लिए बहुत सारे टैक्स का बोझ पड़ता था। Show
यह सारे टैक्स किसी न किसी तरह से इकॉनमी की ग्रोथ में मदद करते हैं। इन्हीं में से एक है एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty)। आज हम आपको सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) से जुड़ें तथ्यों (excise duty meaning in hindi) के बारे में बताएगें और यह हिंदी में समझायेंगे कि एक्साइज ड्यूटी का मतलब क्या है (excise duty meaning in hindi)। यह भी पढ़ें:- One Person Company क्या है और इसके लिए कैसे रजिस्टर करें?
क्या है एक्साइज ड्यूटी (excise duty kya hai) – What is Excise Duty?एक्साइज ड्यूटी क्या है? (what is excise duty?) इस सवाल का उत्तर है- एक्साइज ड्यूटी (excise duty in hindi) एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) हैं! इसे हम एक्साइज टैक्स (excise tax) के नाम से भी जानते हैं। जो वस्तुओं के उत्पादन या मैन्युफैक्चरिंग पर लगाया जाता हैं। Excise Duty के लिए Taxable Event यानि कि करारोपण की शर्त “Production या Manufacturing” होता हैं। और जब माल बेचा जाता हैं, तो Manufacturer द्वारा इसे Sale Bill में जोड़कर क्रेता से वसूला जाता हैं और सरकार को जमा करवा दिया जाता हैं। यह भी पढ़ें:- MSME कारोबारियों को 59 मिनटों में मिलेगा 1 करोड़ रुपए तक का लोन भारत में Excise Duty 26 जनवरी, 1944 के दिन लागू किया गया था। यह भारतीय tax का एक प्रकार है। Excise tax हमेशा sale पर लगाया जाता है। या फिर sale करने के लिये तैयार किये गए उत्पाद पर लगाया जाता है। 1957 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णामाचारी ने एक्साइज ड्यूटी को 400 फीसदी तक बढ़ा दिया था। अब इस टैक्स को सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से सरकार के लिए अधिक से अधिक रेवेन्यू जनरेट किया जाता है, ताकि सार्वजनिक सर्विसेस में उसका इस्तेमाल किया जा सके। यह भी पढ़ें:- छोटे कारोबारियों की चांदी, पीएम मोदी करेंगें विशेष सुविधा पैकेज का ऐलान एक्साइज ड्यूटी क्या है जानने के बाद यह जानना आवश्यक है कि GST के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी पर क्या फर्क पड़ा? GST लागू होने से पहले लगभग हर तरह की वस्तुओं के उत्पादन पर Excise Duty लगती थी, जो कि एक तरह का Central Tax था और इसे Central Government द्वारा लगाया जाता था। लेकिन GST लागू होने के बाद विभिन्न तरह के अप्रत्यक्ष कर जैसे Excise Duty, Sales Tax, Service Tax आदि को GST में विलय कर दिया गया और अब केवल एक ही तरह का अप्रत्यक्ष कर “GST” लगता हैं। बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करें लेकिन GST के लागू होने के बाद भी कुछ वस्तुएं अभी भी ऐसी हैं, जिस पर GST नहीं लगता और उन वस्तुओं पर अभी भी Excise ही लगता हैं। जैसे – शराब और पेट्रोलियम पदार्थ, पेट्रोल (MS), डीजल (HSD), प्रकृतिक गैस, petroleum crude oil, Aviation Turbine Fuel (ATF). लेकिन प्रेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण सरकार भविष्य में पेट्रोलियम पदार्थों को भी GST के दायरे में लाने पर विचार कर रही हैं। यह भी पढ़ें:- TIN नंबर क्या है यह कैसे काम करता है और क्या हैं इसके फायदे? भारत में कितने प्रकार की एक्साइज ड्यूटी – How Many Types of Excise Duty in IndiaBasic- 1944 के सेन्ट्रल एक्साइज एंड साल्ट एक्ट के सेक्शन 3 के तहत नमक को छोड़कर भारत में बनाए गए अन्य सभी Excisable गुड्स पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। यह टैक्स सेट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट, 1985 के तहत लगाया जाता है, जो बेसिक एक्साइज ड्यूटी की कैटेगरी में आते हैं। बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करें Additional- एडीशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइस एक्ट 1957 के सेक्शन 3 के तहत इसमें लिस्टेड गुड्स पर Excise Duty लगाई जाती है। यह टैक्स केंद्र और राज्य सरकार के बीच में बंट जाता है, जिसे सेल्स टैक्स से अलग लगाया जाता है। Special- इसके तहत कुछ स्पेशल तरह के वस्तुएं आती हैं, जिन पर Excise Duty लगाई जाती है। जिन भी स्पेशल वस्तुओं पर Excise Duty लगाई जानी है, उनका उल्लेख पहले से ही Finance Act में किया जाता है। Excisable गुड्स क्या हैं- What is Excisable Goodsवह सारी वस्तुएं Excisable गुड्स हैं, जो सेंट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट 1985 के पहले और तीसरे शेड्यूल के अंतर्गत आती हैं। इन सभी पर Excise Duty लगती है, जिसमें नमक भी निहित है। कहां जरूरी नहीं सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी – Were is Not Monetary Excise Dutyयदि कोई वस्तु एक्साइज ड्यूटी के छूट की कैटेगरी में नहीं है, तो उस पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी देना बहुत ही जरूरी है। उदाहरण के लिए निर्यात की गई वस्तुओं पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी नहीं लगाई जाती है। इसी तरह कुछ स्थितियों में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से छूट मिलती है। जैसे किस तरह का कच्चा माल इस्तेमाल किया गया है, एक वित्त वर्ष में टर्नओवर क्या है, किस तरह की प्रक्रिया से वस्तु को बनाया गया है। यह भी पढ़ें:- Ease of doing Business 2018 इंडेक्स में भारत की लंबी छलांग, जानिए अब किस स्थान पर पहुंचा कितना फाइन लग सकता हैकुल मिलाकर इससे यह निष्कर्ष निकलता है, कि यदि आप किसी भी वस्तु को उत्पाद करने वाले या कर्मचारी रख कर किसी वस्तु का उत्पाद करवाये, या फिर किसी अन्य तीसरी पार्टी से उत्पाद करवाये इन सब पर Excise duty लगती है। यदि कोई वस्तु excise tax छूट की केटेगरी में नहीं आती है तो उस पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (Excise duty) देना अनिवार्य होता है। सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (Central Excise Duty) के कई सेक्शन के अनुसार टैक्स चोरी करने पर फाइन लगाया जा सकता है, जो कुल एक्साइज ड्यूटी की राशि का 25-50% तक हो सकता है। क्या एक्साइज ड्यूटी पर छूट का प्रावधान है?जी हां। कुछ परिस्थितयों में एक्साइज ड्यूटी में छूट का प्रावधान किया गया है. एक्साइज ड्यूटी में छूट इस बात पर निर्भर करता है कि बिजनेस में किस तरह के कच्चे माल का इस्तेमाल किया गया है। एक वित्त वर्ष का टर्नओवर क्या है? कारोबार में किस तरह के प्रोडक्ट मैनुफैक्चरिंग हो रही है। इस आधार पर एक्साइज ड्यूटी में छूट का निर्धारण होता है। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी कितनी है? वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपये प्रति लीटर है। एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) क्या होता है? एक्साइज ड्यूटी टैक्स का ही एक प्रकार है। यह उत्पाद पर लागू होता है। डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कितनी है? वर्तमान में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 31.80 रुपये प्रति लीटर है। excise duty in hindi Excise duty in hindi उत्पाद शुल्क होता है। excise duty meaning in hindi excise duty meaning in hindi उत्पाद शुल्क है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहते हैं। excise duty kya hai एक्साइज ड्यूटी टैक्स का ही एक प्रकार है। यह उत्पाद पर लागू होता है। एक्साइज ड्यूटी क्या है एक्साइज ड्यूटी टैक्स का ही एक प्रकार है। यह उत्पाद पर सीधे तौर पर लागू होता है। एक्साइज ड्यूटी आमतौर पर बिक्री या फिर बिक्री के लिए तैयार किए गए उत्पादों लागू होती है। एक्साइज ड्यूटी भारत सरकार वसूल करती है। भारत सरकारी की आय का एक्साइज ड्यूटी एक प्रमुख जरिया है। देश के विकास में एक्साइज ड्यूटी का महत्वपूर्ण योगदा है। एक्साइज ड्यूटी एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स है। जिसे भारत सरकार वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह टैक्स उत्पाद पर लगता है। central excise duty in hindi central excise duty in hindi केंद्रीय उत्पाद शुल्क होता है। excise duty kya hoti hai एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स है। जिसे भारत सरकार वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह टैक्स उत्पाद पर लगता है। meaning of excise duty in hindi meaning of excise duty in hindi एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स है। जिसे भारत सरकार वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह टैक्स उत्पाद पर लगता है। excise duty kya hota hai excise duty ek tax hai. excise duty tax ko bhart sarkar vasul karti hai. excise duty hindi meaning एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स है। जिसे भारत सरकार वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह टैक्स उत्पाद पर लगता है। hindi meaning of excise duty एक्साइज ड्यूटी एक टैक्स है। जिसे भारत सरकार वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी को हिंदी में उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह टैक्स उत्पाद पर लगता है। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी कितनी है? 14 मार्च 2020 के अनुसार पेट्रोल पर 22.98 प्रतिलीटर एक्साइज ड्यूटी है और डीजल पर प्रतिलीटर 18.83 रुपये एक्साइज ड्यूटी है। एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) क्या होता है? एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) हैं! इसे हम एक्साइज टैक्स (excise tax) के नाम से भी जानते हैं। जो वस्तुओं के उत्पादन या मैन्युफैक्चरिंग पर लगाया जाता हैं। Excise Duty के लिए Taxable Event यानि कि करारोपण की शर्त “Production या Manufacturing” होता हैं। और जब माल बेचा जाता हैं, तो Manufacturer द्वारा इसे Sale Bill में जोड़कर क्रेता से वसूला जाता हैं और सरकार को जमा करवा दिया जाता हैं। Related Posts
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एडिशनल चार्ज क्या है?कई क्रेडिट कार्ड्स से जब आप पेमेंट करते हैं तो मर्चेंट्स एक एडिशनल चार्ज भी ऐड करते हैं जिसे सरचार्ज कहते हैं. कुछ मामलों में ये रिफंडेबल भी होता है. लेकिन अधिकतर बैंक एक सीमा तक ही इसे रिफंड करते हैं. इसलिए कार्ड लेने से पहले इसकी जानकारी लेना चाहिए.
चार्ज का मतलब क्या होता है?- 1. कार्यभार; दायित्व; प्रभार; पदभार 2. किसी पर लगाया जाने वाला अभियोग; आरोप; इल्ज़ाम 3. किसी कार्य का पारिश्रमिक; शुल्क; कीमत 4.
एडिशन की स्पेलिंग क्या होती है?Edition परिभाषा और अर्थ | कोलिन्स अंग्रेज़ी शब्दकोश
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