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फारसवाली इस विधि में देग में निश्चित मात्रा में फूल या औषधि रखी जाती है और निश्चित अनुपात में पानी डाल कर ढंक कर उसे फिर मिट्टी के लेप से सीलबंद किया जाता है। अब देग को हल्की आंच देकर अंदर के पानी को खौलाया जाता है।इत्र बनाने की प्रक्रिया वही पारंपरिक है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह विधि फारस से आयातित है। मगर इतिहासकार बताते हैं कि भाप पद्धति से इत्र निर्माण की यह विधि सिंधु घाटी सभ्यता में प्रचलित थी। इसे ‘देग भापका’ पद्धति कहते हैं। इस देग भापका के बर्तन, जो सिंधु घाटी सभ्यता में टेराकोटा के बने होते थे, इनके अवशेष लाहौर के तक्षिला संग्रहालय में सुरक्षित है। खैर, यह बहस से कहीं ज्यादा विचार चिंतन का विषय है, लेकिन यह तय है कि इस पुरानी विधि में किसी तरह के खतरनाक रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता- यही सच है। क्योंकि हमारे पूर्वजों ने खतरनाक रसायनों की खोज को लेकर कोई रुचि दिखाई नहीं और जो रसायन जैसे भी थे उनके बारे में जानकार पूरी हिदायत के साथ उनका उपयोग किया या उनसे परहेज किया। कन्नौज के इत्र कारखानों में धातु के बर्तनों के जरिए गुलों की आत्मा को कैद करने का नजारा सच में बेहद मजेदार है। इन कारखानों में बड़े-बड़े चूल्हों पर तांबे के बड़े बड़े देग कतारबद्ध मिलते हैं। उन देगों में फूल और अन्य सुगंधित पदार्थ डालते लोग मिलते हैं और कहीं उन पदार्थों को डाल कर देग में पानी डालते कारीगर मिलेंगे। जिसने पानी डाल लिया हो वह भी निश्चिंत, खाली हाथ खड़ा नहीं मिलता, बल्कि उन पदार्थों को पानी में खौलाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ती है। फारसवाली इस विधि में देग में निश्चित मात्रा में फूल या औषधि रखी जाती है और निश्चित अनुपात में पानी डाल कर ढंक कर उसे फिर मिट्टी के लेप से सीलबंद किया जाता है। अब देग को हल्की आंच देकर अंदर के पानी को खौलाया जाता है। देग से भाप को दूसरे छोर पर बर्तन में जमा करने के लिए बांस से बनी नली व्यवहार में लाई जाती है। जिस बर्तन में वाष्प जमा किया जाता है उसे पानी मे डुबो कर रखा जाता है। वाष्पीकरण की यह प्रक्रिया उपले और लकड़ी की मद्धिम आंच में पूरी की जाती है। प्रक्रिया की पूरी अवधि लगभग बारह घंटे की होती है। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि चूल्हे की आंच समान हो। आंच के लिए गोबर के उपले और सूखी लकड़ियां व्यवहार में लाई जातीं हैं। साधारण से दिखने वाले ये कारीगर इत्र निर्माण के हर चरण को बेहद सब्र के साथ पूरा करते हैं। तो वाष्पीकरण की इस धीमी प्रक्रिया में बर्तनों से निकलती भाप को एक नली के जरिए चंदन के तेल के संपर्क में लाया जाता है, यानी चंदन तेल तांबे के बर्तनों में रखा जाता है। और फिर उससे जब भाप निकलती है तो उसमें आॅयल बेस होता है जिसे कंडेंसर में डाला जाता है। वाष्पित पदार्थ जिस बर्तन में जमा किया जाता है वह पानी में डुबो कर रखा जाता है, ताकि इत्र बनने की प्रकिया में कोई बाधा न पहुंचे। तो, इतना आसान नहीं होता जब कोई इत्रवाला अपनी उंगलियों से रूई लगी बारीक तीलियों को विभिन्न क्रिस्टल शीशियों में रखे इत्र में डुबो कर खुशबू के कई नमूने आपके सामने पेश करता है- और देखते ही देखते खुशबू में भीग कर हम जादू में बंध जाते हैं। यह जादू जरूर है, लेकिन दूसरी दुनिया की मायावी आत्माओं की नेमत नहीं, बल्कि हुनरमंद हाथों से उपजे फूलों और उन फूलों से खुशबू निकाल कर शीशियों में भरते हैं। कन्नौज के कई परिवारों ने इत्र के कारोबार में पीढ़ियों से जो रंगत दी है, उससे न सिर्फ परफ्यूम के कारोबार से हजारों परिवार अपनी आजीविका चलाते रहे हैं, बल्कि फूलों की खेती का काम कई पुश्तों से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और खासकर उत्तर प्रदेश के अनगिनत परिवार करते चले आ रहे हैं। यानी इत्र के कारोबार से जुड़े अन्य कई सुकुमार या कोमल कहे जाने वाले कारोबार हैं, जिनसे हजारों परिवारों की आजीविका चलती है। इनमें फूलों की खेती का काम है। इत्र के कारोबार को जिंदगी और ताकत देने वाले इत्र उद्योग में गुलाब का खास स्थान है और गुलाब की कोमल पंखुड़ियां ज्यादा देर तक अपनी आर्द्रता रखने में कमजोर होती हैं। इसलिए, गुलाब के लिए आसपास के इलाकों में इसकी खेती मायने रखती है। पर हाल के सालों में फूलों की खेती पर मौसम की मार का असर दिखने लगा है। सबसे ज्यादा मार गुटखा उद्योग पर कसे गए शिकंजे की वजह से पड़ रही है। इत्र कारोबार की पूछ विदेशी मंडियों में कम हुई, तो भी इसके कारोबारियों पर बहुत असर नहीं पड़ा, क्योंकि क्योंकि पान-तंबाकू में व्यवहृत सुगंधि में इस उत्पाद की अस्सी फीसद खपत थी। लेकिन सरकार ने गुटखा प्रतिबंध लगा दिया है। मतलब आने वाले सालों में तकरीबन दस हजार करोड़ रुपए के कारोबार पर कहीं ताला न लग जाए, ऐसी आशंका व्यक्त की जाने लगी है। गुलाब से इत्र बनाने की विधि या गुलाब से इत्र कैसे बनाएं ? के बारे मे हम जानकारी ।गुलाब के फूल के बारे मे तो आप जानते ही हैं। गुलाब के फूल का कई चीजों के अंदर किया जाता है।इसकी मदद से गुलाब जल और गुलाब इत्र बनाया जाता है। इस पौधे की 100 से अधिक प्रजातियां हैं। और यह भारत के अलावा मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका के अंदर पाया जाता है। गुलाब अपनी कोमलता और सुंदरता के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध भी है।गुलाब के बारे मे प्राचीन काल से ही अनेक जानकारी मिलती हैं। कहा जाता है कि असरिया की राजकुमारी पीले गुलाब को पसंद करती थी तो नूरजहां लाल गुलाब को अधिक पसंद करती थी।और गुलाब के इत्र के बारे मे यह कहा जाता है कि नूरतजहां ने इसका आविष्कार किया था। इतना ही नहीं सीरिया के अंदर तो गुलाब के बगीचे तक लगाए गए थे । और गुलाब की सुंदरता की वजह से बहुत से देशों ने तो इसको अपना राष्टि्रय पुष्प तक घोषित कर दिया है। राजस्थान की राजधानी जयपुर को गुलाबी नगर कहा जाता है। वास्तव मे लोग इत्र के बहुत अधिक शौकिन होते हैं।कुछ लोग तो जैसे ही घर से बाहर निकलते हैं गुलाब के इत्र का छिड़काव करते हैं और फिर ही घर से बाहर निकलते हैं। और जब शादी का समय हो तो फिर कहना ही क्या लोग तरह तरह का इत्र लगाकर घूमते हैं। हालांकि मैं इत्र का यूज नहीं करता हूं । पर मेरी पत्नी भी नहीं करती है।उसे भी इत्र लगाना पसंद नहीं है। खैर यह अपनी अपनी बात होती है। लेकिन गुलाब के इत्र को लगाने के अनेक फायदे भी होते हैं। जिनके बारे मे हम आपको नीचे बता रहे हैं।
गुलाब से इत्र बनाने की विधि gulab se itra banane ki vidhiदोस्तों गुलाब का इत्र बनाना बहुत ही सरल है। इसमे आपको थोड़े गुलाब के ताजा फूल लेकर आने हैं और उसके बाद उन फूलों को पहले साफ कर लेना है। उसके बाद किसी बर्तन के अंदर कूटना है। कूटने के बाद जब लूगदी बन जाए तो एक रूई भी इस लूगदी के अंदर मिलाएं और फिर छान कर किसी बर्तन के अंदर आप इसको रख सकते हैं।और जब भी इसको प्रयोग करना हो प्रयोग कर सकते हैं। यह 100 प्रतिशत नैचुरल इत्र है और इससे किसी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं होता है। गुलाब का इत्र बनाने का तरीकायदि आप उपर वाले तरीके से गुलाब का इत्र बनाएं तो बना सकते हैं लेकिन यदि आप इस तरीके को प्रयोग कर सकते हैं। इसमे आपको करना यह है कि थोड़े गुलाब के फूलों को तोड़ना है और उनको एक सूई की मदद से सिल लेना है और फिर किसी कांच के कंटेरनर के अंदर इन गूलाब के फूलों को इस प्रकार से लटकाकर रखना है कि कंटेनर बंद रहे और फूल कंटेनर की नीचली सतह से टच ना करें । उसके बाद इस कांच के कंटेनर को बंद करके तेज धूप के अंदर 3 दिन के लिए रख देना है। उसके बाद आप देखेंगे कि गूलाब का इत्र आपके कंटेनर के नीचे एकत्रित हो जाएगा । आप इसका प्रयोग कर सकते हैं । यह नेचूरल है। गुलाब के इत्र लगाने के फायदेदोस्तों इत्र भी आपको कई प्रकार के फायदे पहुंचा सकता है।गुलाब का इत्र भी आपके लिए काफी फायदे मंद होता है। यदि आप गुलाब के इत्र को लगाते हैं तो आइए जानते हैं इससे आपको क्या फायदा मिलता है ? गुलाब के इत्र के फायदे सिर दर्द को दूर करता हैमछली पालने के 24 फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे दुकान का उद्घाटन करने से पहले जानें यह टिप्स नमक के बिजनेस को करने का सही तरीका और लाभ गुलाब का इत्र आपके सिर दर्द को दूर करने का काम करता है।प्राकृतिक खूशबू वाला होने की वजह से इसकी सुगंध आपके सिर को हल्का करती है और दर्द से राहत देती है। यह आपके सिर मे चढ़ने जैसी कोई समस्या पैदा नहीं करता है। दिमाग की शांति के लिए यह सबसे अच्छा है। बेहतर नींद आती हैयह वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर साफ हो चुका है कि जो लोग गुलाब का इत्र लगाते हैं उनको अच्छी नींद आती है। आज बहुत से लोग अनिद्रा की समस्या से झूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति मे गुलाब का इत्र उनकी कम नींद की समस्या को आसानी से दूर कर सकता है।आमतौर पर गुलाब का इत्र लगाने से दिमाग को रिलेक्स मिलता है और इसकी वजह से हमे जल्दी नहीं आती है।जब हम फलतू विचारों से घिरे होते हैं तो अनिद्रा की समस्या अधिक पैदा होती है। यह आपको कामुक बना सकता हैदोस्तों यदि आप केवल गुलाब का इत्र घर पर बनाते हैं तो यह आपको कामुक नहीं बनाएगा लेकिन बाजार के अंदर कई ऐसे इत्र मिलते हैं जो कामुकता को पैदा करने के लिए होते हैं। उनमे गुलाब का प्रयोग होता है ,यदि आप अपने साथी के साथ होते हैं तो इस प्रकार के इत्र का प्रयोग कर सकते है। गुलाब के इत्र के फायदे दुर्गंध को दूर करता हैदोस्तों गर्मी के अंदर पसीना बहुत अधिक आता है और यदि आप गर्मी के अंदर लंबा सफर करते हैं तो कुछ समय बाद ही पसीना आपके शरीर के अंदर दुर्गंध पैदा करता है। ऐसी स्थिति मे गुलाब का इत्र आप काममें ले सकते हैं।इसके अलावा यदि आप ऑफिस मे काम करते हैं तो गुलाब के इत्र को अपने साथ रख सकते हैं।यह अधिक तीखा नहीं होता है और सहनकरने योग्य है।गुलाब के इत्र को आप उन स्थानों पर छिड़क सकते हैं जिन पर अधिक पसीना आता है।कुल मिलाकर यह काफी शानदार प्रयोग है। गुलाब के इत्र के फायदे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता हैवैज्ञानिकों के अनुसार गुलाब का इत्र लगाने से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। आज आप तो जानते ही हैं कि चिंता और तनाव के अंदर बहुत से लोग पीड़ित होते हैं। लेकिन इत्र आपके दिमाग को शांत करता है और चिंता तनाव को दूर करने का काम करता है। इत्र की वजह से आपके दिमाग के अंदर एक प्रकार का आनन्द पैदा होता है ,जो आपके दिमाग को शांत कर देता है।और आपकी मानसिक परेशानी को कम करता है। आप एक बार खुद ट्राई कर सकते हैं। यदि आपको कोई परेशानी है तो गुलाब का इत्र लगाएं और फिर कुछ समय के लिए शांत बैठ जाएं आप अच्छा महसूस करेंगे । गुलाब का इत्र आपका आत्मविश्वास बढ़ाता हैइत्र आपको आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करता है। जब आप इत्र लगाते हैं तो उसकी खूशबू से यह महसूस होता है कि आप शानदार कर रहे हैं। इसके अलावा यदि आपके कोई फ्रेंड वैगरह आपके साथ हैं तो वे भी आपकी प्रसंसा करेंगे । ऐसा करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।वे लोग जिनका आत्मविश्वास बहुत अधिक कमजोर है । उनको इत्र लगाना चाहिए । यह उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। मूड को अच्छा बनाता है गुलाब का इत्रआज कल मूड तो हर किसी का आसानी से खराब हो ही जाता है।लेकिन गुलाब का इत्र आपके मूड को अच्छा करने का काम करता है। इसका कारण यह है कि यह आपके दिमाग के अंदर अच्छे विचार लाने का काम करता है। और आपको आक्रमक करने वाले हार्मोन को रोक देता है। जिससे अपने आप ही आपका मूड अच्छा हो जाता है। व्यक्तित्व को आकर्षक बनाता हैआपने देखा होगा कि अधिकतर लोग जब घर से बाहर निकलते हैं तो इत्र लगाते हैं और उसके बाद बड़े ही शान से चलते हैं। जब आप इत्र लगाकर घर से बाहर निकलते हैं तो दूसरे लोग इत्र की सुगंध को महसूस करते हैं और आपकी ओर आकर्षित होते हैं।कुछ इत्र महिलाओं को उत्तेजित करने के लिए बनाये जाते हैं।यदि आप अपनी पत्नी के पास इस प्रकार के इत्र को लगाकर जाते हैं तो उसका मूड अपने आप ही अच्छा हो जाता है। गुलाब के इत्र आपके दिमाग को रिलेक्स करता हैयदि आप गुलाब का इत्र लगाते हैं तो यह आपके दिमाग को रिलेक्स करने का काम करता है।जब आपके दिमाग के अंदर बेकार के विचार आ रहे हो तो गुलाब के इत्र को लगाएं और उसके बाद आराम से आंखें बंद करके 15 मिनट बैठ जाएं किसी भी विचार को मन मे ना लाएं ।जब आप आंखें खोलेंगे तो आपको शांति का अनुभव होगा । पति पत्नी के अंदर प्रेम बढ़ाता है गुलाब का इत्रयदि आप चाहते हैं कि पति पत्नी के बीच प्रेम बढ़े तो आपको रोजाना गुलाब का इत्र लगाना चाहिए । ऐसा करने से पति और पत्नी के बीच की दूरियां कम हो जाती हैं। गुलाब के इत्र के फायदे प्रेमी का को वश मे करनायदि आप किसी लड़की से प्रेम करते हैं और उसके उपर अपना प्रभाव छोड़ना चाहते हैं तो सफेद कपड़े पहनकर और उसके उपर गुलाब का इत्र लगाकर उसके सामने जाएं । वह आपके वश मे हो जाएगी । गुलाब का इत्र मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। शत्रु की हानियदि आप शत्रुओं से बहुत अधिक घीरे हुए हैं तो आप एक तांत्रिक उपाय कर सकते हैं। मंगलवार के दिन मां दुर्गा को गुलाब का इत्र भेंट करें । माता को यह इत्र बहुत अधिक प्रिय है। कुछ शानदार गुलाब के इत्र और उनकी जानकारीदोस्तों नीचे हम कुछ गुलाब के प्रसिद्ध इत्र के नामों के बारे मे बता रहे हैं। यह आपको ऑनलाइन आसानी से मिल जाएंगे । आप इनको खरीद सकते हैं। आमतौर पर घर पर गुलाब का इत्र बनाना काफी पेचिदा होता है और हर कोई ऐसा नहीं करना चाहता है। वह सिधे ही बाजार से मंगवाकर इत्र का प्रयोग करना चाहता है। the perfumer’s workshop ltd tea roseयह इत्र 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को पसंदिदा रहा है।परफ्यूमर्स वर्कशॉप के द्वारा चाय गुलाब का इत्र, 1975 में इत्र निर्माता की कार्यशाला के डिजाइन हाउस द्वारा लॉन्च किया गया, चाय गुलाब को एक परिष्कृत, फूलों की खुशबू के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस स्त्री गंध में मसालेदार, गर्म फूलों का मिश्रण होता है। इसे शाम को लगाया जाता है। Pacifica Beauty Persian Rose Perfumeयह सुखद खुशबू का एहसास देती है। प्यार और सुंदरता के प्रतीक गुलाब को ग्रीक कवि सप्पो ने “फूलों की रानी” कहा था। 9 वीं शताब्दी में, फारसी कवियों, जैसे कि रूमी, ने गुलाब और आध्यात्मिक एपिफेनी के बीच मजबूत संबंध बनाए। प्राकृतिक सिंगल ग्रेन अल्कोहल इसके अंदर मिला होता है। इसके अलावा इसमे खुशबू बल्गेरियाई गुलाब और सूक्ष्म वायलेट को मिलाया जाता है। Woods of Windsor True Rose Eau De Toilette Sprayयह 2002 में जारी किया गया था और इसमें फ़्रीजिया, बल्गेरियाई गुलाब और जीरियम के खुशबू शामिल है।परफ्यूम खूबसूरत दिखने वाला है।वुड्स ऑफ विंडसर एक ब्रांड है जो सदियों से विकसित हुआ है। यह मूल रूप से इंग्लैंड में विंडसर कैसल के पास स्थित एक एपोथेकरी था। यह 1770 में खुला और पूरे देश में प्रसिद्ध था। एपोथेकरी ने रॉयल परिवार को उत्पाद और सेवाएं भी प्रदान कीं। Paul Smith Rose Eau De Parfum Sprayयह इत्र महिलाओं के लिए बनाया गया है।जिसे 2007 में लॉन्च किया गया था पॉल स्मिथ रोज नाम दिया, यह बैंगनी, गुलाब और हरी चाय के नोटों के साथ खुलता है।महिलाओं को दिन के समय इसको लगाने के लिए है। रात मे इसका प्रयोग नहीं किया जाता है। Yardley English Rose Eau De Toilette Sprayयह गुलाब के फूलों की ताजा खूशबू है।हल्की सुगन्धित सुगन्धित सुगंधित सिट्रस और गुलाब के शीर्ष नोट दिल तेजी से गर्म वुडी नोटों के साथ गुलाब की कली, मैगनोलिया, वायलेट और कैसिस का संयोजन करता है। कस्तूरी भी इसके अंदर मिलाया जाता है। आप इसको हल्के रूप मे रोजाना लगा सकते हैं। Chloe Roses De Chloe Eau de Toilette Sprayइसका अनुभव ताजा गुलदस्ते जैसा होता है और यह आपको नया एहसास दिलाता है।यह आपको प्रसन्न बनाए रखता है और यदि आप अपने प्रेमी के साथ इस इत्र को लगाते हैं तो यह अपना अलग ही प्रभाव दिखा सकता है। Vera Wang Embrace Rose Budsवेरा वांग ने रोज़ बड्स और वेनिला में महिलाओं के लिए काफी शानदार एहसास है।यह इत्र गुलाब की खुशबू के साथ एक सौम्य और प्रेमयुक्त खूशबू प्रदान करता है।महिलाओं को यह रोमांटिक बनाता है और उनके अंदर उत्साह पैदा करता है। यह एक शानदार इत्र है। Balenciaga Florabotanica Eau de Parfum Sprayइसकी खुशबू काफी मनभावन होती है।यह आपको काफी सुखद एहसास करवाती है।यह युवा महिलाओं के लिए उपयुक्त है।2012 में लॉन्च किया गया दिन के समय या गर्म मौसम पहनने के लिए उपयुक्त है। Jean Charles Brosseau Ombre Rose Eau de Toilette Sprayयह लंबे समय तक चलने वाली खुशबू होती है।यदि आप चाहते हैं कि कोई खूशबू आपके शरीर पर लंबे समय तक बनी रहे तो यह आपके लिए उपयुक्त है।इसमे नीम ,आडू ,शहद और गूलाब और लिलि का प्रयोग किया जाता है। इसका आधार कस्तूरी ,चंदन और वेनिला के नोटो से बना होता है। Stella McCartney Stella Eau de Parfum Sprayयह एक खूबसूरती वाली गुलाब की खूशबू है।इसको आप तेज गर्मी के अंदर लगा सकते हैं।यह एक गहरी सूगंध नहीं है बस हल्की सी सूगंध है मेकार्टनी 2003 से अपनी पहली खुशबू, स्टेला को रीलॉन्च किया था, जिसकी रचना बिना किसी बदलाव के बनी हुई है, जबकि फ्लैकॉन डिज़ाइन और नए आकार में बदलाव हुए हैं जो बाजार में उपलब्ध हो चुके हैं। Giorgio Armani Si Eau de Parfum SprayGiorgio Armani Si Eau de Parfum Spray महिलाओं के लिए बनाया गया है।कैसिस और काले करंट अर्क का एक नशीला मिश्रण आपके होश उड़ा देगा। पचौली, वेनिला, एंब्रोक्सन और वुडी नोटों का मिश्रण बेस में फिनिशिंग टच है। Yves Saint Laurent Paris Eau De Toilette Sprayइत्र का नाम पेरिस, यवेस सेंट लॉरेंट के आराध्य शहर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसे पेरिसियों के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया था।पेरिस गुलाब और बैंगनी फूलों का एक शानदार सामंजस्य है ।यह वुडी-फ्लोरल बरगोट और वायलेट के साथ शुरू होता है।इसको वर्ष 1983 ई के अंदर शूरू किया गया था। और आज यह एक टॉप ब्रांड बन चुका है। Givenchy Very Irresistible Eau De Toilette Sprayयह एक अच्छे गुलाब सुगंधित इत्रों मे से एक है। और इसका प्रयोग महिलाएं लंबे समय से करती आ रही हैं।यह स्त्री को काफी आकर्षक बना देता है। और हम इसको कामुक खशबू भी कह सकते हैं। गिवेंची को 2003 में गिवेंची के डिजाइन हाउस द्वारा लॉन्च किया गया, गिवेंची द्वारा बहुत ही आकर्षक फूलों की खुशबू के रूप में वर्गीकृत किया गया है। Chloe Eau De Parfum Sprayयह काफी शानदार इत्र है और आप इसका प्रयोग रोजाना कर सकते हैं। यह काफी हल्का है।यह आपको हल्का और ताजेपन का एहसास करवाता है। इसको गुलाब की पंखुड़ियों और लिली को मिलकर बनाया गया है। यह महिलाओं के लिए काफी मजेदार है कामुक खूशबू प्रदान करता है इसको लगाने के बाद आप काफी रोमांटिक मूड मे नजर आएंगे । गुलाब इत्र बनाने की विधि लेख के अंदर हमने गुलाब के इत्र को किस प्रकार से बनाएं । और गुलाब के इत्र के फायदे व गुलाब के इत्र की लिस्ट के बारे मे जाना । मुझ उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ? आप नीचे कमेंट करके बताएं । चन्दन का इत्र कैसे बनाया जाता है?तो वाष्पीकरण की इस धीमी प्रक्रिया में बर्तनों से निकलती भाप को एक नली के जरिए चंदन के तेल के संपर्क में लाया जाता है, यानी चंदन तेल तांबे के बर्तनों में रखा जाता है। और फिर उससे जब भाप निकलती है तो उसमें आॅयल बेस होता है जिसे कंडेंसर में डाला जाता है।
नाभि में चंदन का इत्र लगाने से क्या होता है?चंदन व मोगरे का इत्र नाभि में लगाने से माइग्रेन या सामान्य सिरदर्द दूर हो जाता है। गुलाब का इत्र लगाने से देह के संताप मिट जाते हैं। गुलाब का इत्र नाभि में गुलाब का इत्र लगाना चाहिए इससे मन को प्रसन्नता मिलती है।
इत्र कैसे तैयार किया जाता है?गुलाब के फूल से इत्र कैसे बनता है? तांबे के बड़े बर्तन में पानी और गुलाब के फूल डाल दिए जाते हैं। - इसके बाद ऊपर से मिट्टी का लेप कर बर्तनों के नीचे आग जलाई जाती है। - भाप के रूप में गुलाब जल व गुलाब इत्र एक बर्तन में एकत्रित हो जाते हैं, जिस बर्तन में भांप बनकर इत्र जाता है, उसे पानी में डाल दिया जाता है।
सबसे अच्छा इत्र कौन सा होता है?इत्र अल काबा (Attar Al Kaaba) ये शानदार इत्र या परफ्यूम ऑयल अल हरमैन रेंज में सबसे बढ़िया माना जाता है। अगर आपको अगर की लकड़ी की खुशबू पसंद है तो ये आपके लिए ही है। इत्र अल काबा को अरबी परंपरा में बहुत ही ऊंचा दर्जा हासिल है।
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