नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का महत्वपूर्ण मुद्दा क्यों बन गया था? Show नमक एक बहुमूल्य राष्ट्रीय संपदा थी जिस पर औपनिवेशिक सरकार ने अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया था। यह कानून द्वारा स्थापित एकाधिकार भारतीय जनता के लिए एक अभिशाप के समान था। इसलिए गाँधी जी ने औपनिवेशिक शासन के विरोध के लिए नमक का प्रतीक रूप में चुनाव किया और शीघ्र ही नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बन गया। नमक कानून के चुनाव के निम्नलिखित कारण थे:
चरखे को राष्ट्रवाद का प्रतीक क्यों चुना गया?चरखे को राष्ट्रवाद का प्रतीक इसलिए चुना गया क्योंकि यह जन सामान्य से संबंधित था और स्वदेशी व आर्थिक प्रगति का प्रतीक था। गाँधीजी जी स्वयं प्रतिदिन अपना कुछ समय चरखा चलाने में व्यतीत किया करते थे। वे अन्य सहयोगियों को भी चरखा चलाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। गाँधीजी का मानना था कि आधुनिक युग में मशीनों ने मानव को गुलाम बनाकर श्रम को हटा दिया हैं। इससे गरीबों का रोज़गार उनसे छिन्न गया हैं। गाँधीजी का विश्वास था कि चरखा मानव-श्रम के लिए गौरव को फिर से जीवित करेगा ओर जनता को स्वावलम्बी बनाएगा। वस्तुत: चरखा स्वदेशी तथा राष्ट्रवाद का प्रतीक बन गया। पारंपरिक भारतीय समाज में सूत कातने के काम को अच्छा नहीं समझा जाता था। गाँधीजी द्वारा सूत कातने के काम ने मानसिक श्रम एवं शारीरिक श्रम की खाई को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन के लिए अखबार महत्त्वपूर्ण स्रोत क्यों हैं? राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन के स्रोतों में अख़बारों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उनसे हमें राष्ट्रीय आंदोलन के अध्ययन में महत्त्वपूर्ण सहायता मिलती है। ये अख़बार राष्ट्रिय आंदोलन को समझने तथा इसका अध्ययन करने के लिए इतिहासकारों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित बातें उल्लेखनीय हैं:
महात्मा गाँधी ने खुद को आम लोगों जैसा दिखाने के लिए क्या किया? इस में कोई दोराहे नहीं कि महात्मा गाँधी के जीवन व्यापन में आम लोगों कि छवि दिखती थी:
किसान महात्मा गाँधी को किस तरह देखते थे? किसान महात्मा गाँधी का अत्यधिक व्यक्तित्व सम्मान करते थे। 'गाँधी बाबा', 'गाँधी महाराज ' अथवा सामान्य 'महात्मा' जैसे अलग-अलग नामों से ज्ञात गाँधी जी भारतीय किसान के लिए एक उद्वारक के समान थे जो उनकी ऊँची करों और दमनात्मक अधिकारियों से सुरक्षा करने वाले और उनके जीवन में मान-मर्यादा और स्वायत्तता वापस लाने वाले थे। भारत कि गरीब जनता विशेष तौर पर किसान गाँधी जी कि सात्विक जीवन-शैली ओर उनके द्वारा अपनाई
गई धोती तथा चरखा जैसी चीज़ों से अत्यधिक प्रभावित थे। क्यों चरखा राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में चुना गया था?चरखे को राष्ट्रवाद का प्रतीक इसलिए चुना गया क्योंकि यह जन सामान्य से संबंधित था और स्वदेशी व आर्थिक प्रगति का प्रतीक था। गाँधीजी जी स्वयं प्रतिदिन अपना कुछ समय चरखा चलाने में व्यतीत किया करते थे। वे अन्य सहयोगियों को भी चरखा चलाने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
राष्ट्रवाद उदय में अंग्रेजी शिक्षा की क्या भूमिका थी?भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार से एक ऐसे विशिष्ट वर्ग का निर्माण हुआ जो स्वतन्त्रता को मूल अधिकार समझता था और जिसमें अपने देश को अन्य पाश्चात्य देशों के समकक्ष लाने की प्रेरणा थी। पाश्चात्य देशों का इतिहास पढ़कर उसमें राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ।
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